राजस्थान में स्थानीय स्तर पर पहली बार दिखा जलवायु परिवर्तन का असर
राजस्थान पिछले डेढ़ दशक से अतिशय मौसम का शिकार होता रहा है। इस संबंध में राजस्थान राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पूर्व मेंबर सचिव ...
पृथ्वी के सबसे सूखे इलाके में बाढ़ और बर्फबारी के मायने
चिली के अटाकामा रेगिस्तान में अभूतपूर्व बारिश हो रही है। हालांकि ये अकेला ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इतिहास में पहली बार इतनी तेज ...
आंकड़ों का संकट
आर्थिक हित व एजेंसी की प्राथमिकताएं यह तय करती हैं कि देश उपग्रह के आंकड़ों का इस्तेमाल किस तरह करें।
विपदा नई, इलाज पुराना
बाढ़ और सूखे के असर को कम करने का केवल एक उपाय है। वह है लाखों, करोड़ों जल संरचनाओं को बनाने की तरफ ध्यान ...
डूबता रेगिस्तान
“हमारी आबोहवा गर्मी झेल सकती है लेकिन बारिश नहीं। पता नहीं पिछले डेढ़ दशक से हमसे ऐसी क्या खता हो गई कि ऊपर वाला ...
परिवर्तन की गणना
एट्रीब्यूशन स्टडीज के जरिए पता लगाया जाता है कि जलवायु परिवर्तन मौसम की चरम घटनाओं जैसे चेन्नई की बारिश के लिए किस हद तक ...
पृथ्वी दिवस: आखिर कैसे हो प्रकृति से हमारे टूटे रिश्ते की मरम्मत
कोविड-19 प्रकृति के बदले का सबसे भयावह रूप है
अतिशय मौसम से भारत में कॉफी का उत्पादन घटा
जलवायु परिवर्तन के कारण देश में कॉफी उत्पादन में 20 फीसदी की गिरावट
पहले ही आधे सिकुड़ चुके स्विस ग्लेशियरों का पिघलना और हुआ तेज: अध्ययन
अनुमान है कि 2016 से पहले ग्लेशियर आधे पिघल चुके थे, लेकिन 2016 के बाद तेजी आई और छह वर्षों में 12 प्रतिशत हिस्सा ...
रेलमार्गों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन
शोधकर्ताओं ने वातावरणीय बदलाव और रेल के गुजरने वाले भार का असंतृप्त सघन मिट्टी की क्षमता पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों का अध्ययन किया ...
चीटियों को जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के काबिल बनाता है उनका सामाजिक व्यवहार
दुनिया भर में चीटियों की करीब 17,000 से ज्यादा प्रजातियां ज्ञात हैं। जो अंटार्कटिका को छोड़कर लगभग सभी महाद्वीपों पर पाई जाती हैं
जलवायु परिवर्तन और आक्रामक प्रजातियों के चलते ट्राउट मछली में आई भारी गिरावट
देशी बुल ट्राउट और वेस्टस्लोप कट्थ्रोट ट्राउट मछली की प्रजाति में 1993 से 2018 के बीच क्रमश 18 और 6 फीसदी की गिरावट आई ...
कॉप-26: सौ महीने से कम समय बाकी, इन वजहों से हो सकती है नतीजे मिलने में दिक्कत
भारत ने कोयले और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी के मसौदे को ‘फेज आउट’ की बजाय हल्के और अपरिभाषित ‘फेज डाउन’ में डालने का दबाव डाला
क्या हम कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने में वनों की भूमिका को अधिक आंक रहे हैं?
देशों ने संयुक्त राष्ट्र की तकनीकी भाषा में वनों को शामिल किया है, जिन्हें भूमि उपयोग, भूमि उपयोग परिवर्तन और वानिकी के रूप में ...
पिछले एक वर्ष में 6.6 फीट तक घट गई स्वीडन के केबनेकेस पर्वत की ऊंचाई
7 अगस्त, 2020 को इस पर्वत शिखर की ऊंचाई समुद्र तल से करीब 2096.5 मीटर मापी गई थी जोकि 14 अगस्त, 2021 को 1.9 ...
पौधों पर दिखे जलवायु परिवर्तन के कई तरह के प्रभाव: अध्ययन
पौधों के लगभग 50 करोड़ मापों के विश्लेषण से पता चला कि जलवायु परिवर्तन का असर पौधों के उगने वाले विशेष स्थान पर अत्यधिक ...
पर्यावरणीय अन्याय की भारी कीमत चुका रहे हैं गरीब देश
भारत उन चंद देशों में है जहां जलवायु परिवर्तन से संबंधित कोई कानून नहीं है और देश की नीतियां प्रशासनिक आदेशों के भरोसे ही ...
लैंगिक न्याय: जलवायु परिवर्तन एक अवरोध
बढ़ रही बेरोजगारी और गरीबी का सीधा प्रभाव महिलाओं की स्थिति पर पड़ रहा है। गरीबों में भी महिलाओं और लड़कियों का अनुपात ज्यादा ...
अमेरिका की सबसे बड़ी पर्यावरणीय एजेंसी 4 साल बाद पटरी पर लौटेगी
बाइडन ने माइकल रेगन को पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है, ट्रंप शासन काल में इस एजेंसी को ...
म्यूल हिरण पर जलवायु परिवर्तन का खतरनाक प्रभाव: अध्ययन
म्यूल हिरण पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि सूखे के कारण इन हिरणों को चारा नहीं मिल पा रहा है
180 देशों के एनवायरनमेंट परफॉरमेंस इंडेक्स 2020 में भारत को मिला 168वां स्थान
येल और कोलंबिया यूनिवर्सिटी द्वारा जारी 180 देशों के एनवायरनमेंट परफॉरमेंस इंडेक्स 2020 में भारत को 168वां स्थान दिया गया है| जोकि स्पष्ट तौर ...
टिड्डियों का हमला और जलवायु परिवर्तन
सूचनाओं में मामले में बंटे इस संसार में खतरनाक यह है कि ऑस्ट्रेलिया में दावानल के बारे में तो हम जानते हैं, लेकिन हमारे ...
आरके पचौरी: एक पर्यावरण वैज्ञानिक ने क्यों कहा था कि भारत को कार्बन उत्सर्जन का अधिकार है
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के पूर्व प्रमुख का 79 वर्ष की उम्र में निधन हो ...
भारत से 2019 की नेशनल क्लाइमेट लीडर बनीं सुनीता नारायण
ग्लोबल स्पॉटलाइट रिपोर्ट#22 में लिखा गया है कि भारत और दुनिया भर में पर्यावरण और विकास नीतियों के निर्माण में सुनीता नारायण की सक्रिय भूमिका ...
जलवायु आपातकाल कॉप-25: भारत ही हासिल कर सकता है दो डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य
अमेरिका, चीन व यूरोपीय संघ ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के प्रभावी प्रयास करने में ‘घोर रूप से असक्षम’ हैं