भारत से 2019 की नेशनल क्लाइमेट लीडर बनीं सुनीता नारायण

ग्लोबल स्पॉटलाइट रिपोर्ट#22 में लिखा गया है कि भारत और दुनिया भर में पर्यावरण और विकास नीतियों के निर्माण में सुनीता नारायण की सक्रिय भूमिका है। 

By DTE Staff

On: Thursday 02 January 2020
 

अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट स्कोरकार्ड संस्था के द्वारा जारी की गई ग्लोबल स्पॉटलाइट रिपोर्ट#22 में डाउन टू अर्थ की संपादक सुनीता नारायण को “नेशनल क्लाइमेट ली़डर” के नाम से नवाजा गया है। यह खिताब संस्था की ओर से 2019 में भारत के पहले नेशनल क्लाइमेट लीडर अवार्ड के तहत दिया गया है। दिल्ली में रहने वाली पर्यावरणविद और लेखक सुनीता नारायण गैर सरकारी संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट की महानिदेशक भी हैं।

क्लाइमेट स्कोरकार्ड एक गैर सरकारी संस्था है जो कि पेरिस समझौते के तहत देशों के जरिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के लक्ष्य में साझेदारी करता है। 2 जनवरी, 2019 को इस संस्था की ओर से ग्रीन हाउस गैसों में कटौती करने वाले 22 देशों की सूची जारी की गई, जिसमें जलवायु संकट से लड़ने वाले अलग-अलग देशों के शोधार्थियों, राजनीतिक हस्तियों और युवा जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ताओं के साथ बौद्धिक लोगों को नेशनल क्लाइमेट लीडर के तौर पर चुना गया है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी और चीन जैसे अन्य देश शामिल थे।

पर्यावरणविद सुनीता नारायण के अलावा कनाडा के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री जोनाथन विलंकसन, पोट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट साइंस के निदेशक ऑटमार इडेनहॉफर और इंडोनेशिया फॉरेस्ट्री एंड एनवॉयरमेंट मिनिस्टर के सिती नुनबाया बकर को भी क्लाइमेट लीडर के तौर पर नामित किया गया है।

ग्लोबल स्पॉटलाइट रिपोर्ट#22 में लिखा गया है कि भारत और दुनिया भर में पर्यावरण और विकास नीतियों के निर्माण में सुनीता नारायण की सक्रिय भूमिका है। जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में उनके प्रयासों की सराहना की जाती है। इसके साथ ही वे तमाम हितधारकों के साथ साक्ष्य आधारित शोध कार्य भी कर रही हैं।  

2019 में सुनीता नारायण को टाइम पत्रिका के जरिए जलवायु परिवर्तन से लड़ाई के लिए दुनिया की 15 शीर्ष महिलाओं की सूची में शामिल किया गया था। वहीं, 2016 में दुनिया में 100 सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले लोगों की सूची में भी सुनीता नारायण का नाम शामिल था। इसके अलावा पर्यावरण में बेहतरीन काम के लिए उन्हें हाल ही में इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार भी दिया गया है।

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