कॉप 27: अनंत नहीं है जलवायु के अनुकूलन होने की सीमा, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
2050 तक 3 अरब से अधिक लोग अत्यधिक कमजोर कहे जाने वाले इलाकों में रहेंगे, ऐसे क्षेत्र जो जलवायु में बदलाव से होने वाले ...
कॉप 27: ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर के पतले होने से समुद्र के स्तर में हो रही है वृद्धि: अध्ययन
बर्फ की चादर के पतले होने से इस सदी के अंत तक समुद्र के स्तर में 13.5 से 15.5 मिलीमीटर की वृद्धि हो सकती ...
कॉप 27: जलवायु कार्रवाई की सफलता के लिए पानी का प्रबंधन बेहद जरूरी: रिपोर्ट
जलवायु लक्ष्यों की योजना बनाने के लिए दुनिया भर में पानी की कमी और कमी को बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता है
कॉप 27: जलवायु परिवर्तन के चलते हर साल रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं सबसे गर्म वर्ष
समुद्र का जलस्तर तीन दशकों में दोगुना हो गया है, भारत सहित दक्षिण एशिया में लू और बाढ़ की घटनाएं चरम पर रहीं
कॉप 27: बढ़ते तापमान को 1.5 डिग्री की सीमा में रखने के लिए अपनाने होंगे महत्वाकांक्षी रास्ते
बढ़ते तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए दुनिया की मौजूदा जलवायु संकल्प नाकाफी हैं
कॉप 27: बाढ़, सूखा, तूफानों का सामना कर रहे छोटे किसान, मिल रही केवल 1.7 फीसदी राशि
छोटे किसान जलवायु आपदाओं का सामना करते हुए भी दुनिया के खाद्य उत्पादन का करीब एक तिहाई हिस्सा पैदा करते हैं, इसके बावजूद उन्हें ...
कॉप 27: दक्षिण-पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में 143 लाख लोग चरम मौसम से प्रभावित हुए, 5.7 अरब डॉलर की क्षति
पिछले दो दशकों की तुलना में, तूफानों से होने वाली आर्थिक क्षति में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है और बाढ़ की घटनाएं दोगुनी ...
कॉप 27: पहली बार कृषि एवं खाद्य प्रणाली पर होगी चर्चा, ग्रीनवाशिंग से दूर रहने की सलाह
ऐसे समय में जब जलवायु परिवर्तन की वजह से फसलों को बड़ा नुकसान हो रहा है, तब कॉप-27 में कृषि व खाद्य प्रणाली पर ...
कॉप 27: आर्कटिक की आग से निकल सकती है सीओ2 की भयावह मात्रा
2020 में आग ने 25 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को जला दिया और उसी हिसाब से सीओ 2 जारी हुई, जितना कि एक ...
कॉप-27: जलवायु परिवर्तन से बढ़ेंगी बीमारियां, हर साल 2.50 लाख अतिरिक्त मौतों के आसार
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन से बीमारियों को बढ़ते खतरों के बारे में बात की जानी चाहिए
बॉन जलवायु सम्मेलन में मुख्य रूप से वित्तीय मामलों पर किया जाए ध्यान केंद्रित: सीएसई
ग्लोबल साउथ के देशों का ध्यान ऊर्जा क्षेत्र में बदलावों को अपनाने के लिए रियायती वित्त की कमी पर केंद्रित होना चाहिए