कॉप 27: जलवायु परिवर्तन के चलते हर साल रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं सबसे गर्म वर्ष

समुद्र का जलस्तर तीन दशकों में दोगुना हो गया है, भारत सहित दक्षिण एशिया में लू और बाढ़ की घटनाएं चरम पर रहीं

By Dayanidhi

On: Monday 07 November 2022
 

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने शर्म-अल-शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता (कॉप 27) की पूर्व संध्या पर स्टेट ऑफ दि ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट 2022 जारी की। रिपोर्ट में कहा  गया कि पिछले आठ साल रिकॉर्ड पर सबसे गर्म होने की राह पर हैं। जो लगातार बढ़ती ग्रीनहाउस गैस की मात्रा और इससे होने वाली गर्मी से जुड़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक गर्मी, सूखे और विनाशकारी बाढ़ ने इस साल लाखों लोगों का जीवन लील लिया और अरबों का नुकसान पहुंचाया।

जलवायु परिवर्तन के संकेत और प्रभाव अधिक नाटकीय होते जा रहे हैं। 1993 के बाद से समुद्र के स्तर में वृद्धि की दर दोगुनी हो गई है। जनवरी 2020 से यह लगभग 10 मिमी बढ़कर इस साल एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। लगभग 30 साल पहले उपग्रह मापन शुरू होने के बाद से पिछले ढाई साल में समुद्र के स्तर में कुल वृद्धि का 10 प्रतिशत हिस्सा बढ़ा है।

2022 में यूरोपीय आल्प्स के ग्लेशियरों पर भारी असर पड़ा, जिसमें रिकॉर्ड स्तर पर इनका पिघलना जारी है। ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर ने लगातार 26वें वर्ष भी भारी हिस्सा खो दिया है और सितंबर में पहली बार वहां बर्फबारी के बजाय बारिश हुई।

2022 में वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक औसत से लगभग 1.15 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने का अनुमान है। एक दुर्लभ ट्रिपल-डिप कूलिंग ला नीना का मतलब है कि 2022  के केवल पांचवां या छठा सबसे गर्म साल होने के आसार हैं। 

2013 से 2022 के दौरान 10 वर्षीय औसत पूर्व-औद्योगिक के आधार रेखा से ऊपर 1.14 डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान है। यह 2011 से 2020 तक 1.09 डिग्री सेल्सियस की तुलना में अधिक है, जैसा कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी आकलन रिपोर्ट द्वारा अनुमान लगाया गया है।

Source : WMO

2021 में महासागर की गर्मी रिकॉर्ड स्तर पर थी, पिछले 20 वर्षों में विशेष रूप से तापमान दर में बढ़ोतरी देखी गई।

डब्लूएमओ के महासचिव प्रोफेसर पेटेरी तालस ने कहा कि गर्मी जितनी अधिक होगी, उतना ही बुरा प्रभाव होगा। हमारे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर इतना अधिक है कि यह तापमान को पेरिस समझौते के तहत 1.5 डिग्री सेल्सियस रखना मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि कई ग्लेशियरों के पिघलने से बचने के लिए पहले ही बहुत देर हो चुकी है, इनका सैकड़ों वर्षों तक पिघलना जारी रहेगा। पिछले 30 सालों में समुद्र के स्तर में वृद्धि की दर दोगुनी हो गई है। यद्यपि हम अभी भी इसे प्रति वर्ष मिलीमीटर के संदर्भ में मापते हैं, यह प्रति शताब्दी आधा से एक मीटर तक बढ़ जाता है और यह कई लाख तटीय निवासियों और निचले राज्यों के लिए एक बड़ा खतरा है।

रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य ग्रीनहाउस गैसों - कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड की मात्रा - 2021 में एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। मीथेन की मात्रा में वार्षिक वृद्धि रिकॉर्ड पर सबसे अधिक पाई गई। प्रमुख निगरानी स्टेशनों के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में तीन गैसों के वायुमंडलीय स्तर में वृद्धि जारी है।

2022 में समुद्र की सतह के 55 प्रतिशत हिस्से ने कम से कम एक बार समुद्री हीटवेव या लू महसूस की। इसके विपरीत समुद्र की सतह के केवल 22 प्रतशत  ने समुद्री ठंड का अनुभव किया। शीत लहरों के विपरीत, समुद्री हीटवेव अधिक तेजी से बढ़ती जा रही हैं।

जुलाई और अगस्त में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने पाकिस्तान में भारी बाढ़ आई। यहां कम से कम 1 700 मौतें हुईं और 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए। 79 लाख  लोग विस्थापित हुए। भारत और पाकिस्तान दोनों में मार्च और अप्रैल में भीषण गर्मी पड़ी यहां जानलेवा लू महसूस की गई, बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी।

Subscribe to our daily hindi newsletter