प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की जरूरत ही क्यों पड़ी?
गरीब कल्याण अन्न योजना: सरकार दावा करती रही है कि देश में गरीबी कम हो रही है तो फिर 80 करोड़ गरीब कहां से ...
दक्षिण एशिया में एक साल में 8.81 लाख बच्चों की हो सकती है मौत: यूनिसेफ
यूनिसेफ की 23 जून की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण दक्षिण एशिया में गरीब बच्चों की संख्या 24 करोड़ से ...
कोरोना राहत पैकेज: डिस्कॉम्स के 90 हजार करोड़ रुपए से किसे होगा फायदा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को 90 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे
किसानों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा करे सरकार: भाकियू
भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि लाॅकडाउन के चलते सब्जियों व फल के किसानों को 80 प्रतिशत, फूल के किसानों को 100 प्रतिशत ...
कोरोनावायरस: 80 करोड़ परिवारों को झेलना पड़ सकता है आर्थिक संकट: विश्व बैंक
विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी प्रवासियों द्वारा भेजे जाने वाले पैसों (रेमिटेंस) में कमी आएगी और भारत सबसे अधिक ...
लॉकडाउन ग्रामीण अर्थव्यवस्था: क्या केवल 14% किसानों से ही फसल खरीदेगी सरकार?
सरकार ने रबी सीजन की फसल खरीदने के लिए अपने ई-नाम प्लेटफॉर्म को मजबूत करने का वादा किया है, लेकिन क्या यह काफी है
मजदूर दिवस: क्यों शासन पर भरोसा नहीं कर पाए प्रवासी मजदूर
मजदूरों को भ्रम में रखने के लिए कानून तो बनाए गए, लेकिन उनकी पालना नहीं की गई
कोविड-19 लॉकडाउन: 28 फीसदी प्रवासी मजदूरों को कमरे के किराये के लिए किया गया परेशान
हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क ने दिल्ली में काम करने वाले अलग-अलग राज्यों के लोगों पर सर्वेक्षण किया
बारिश, ओलावृष्टि और लॉकडाउन ने रबी की फसल को पहुंचाया नुकसान: रिपोर्ट
इस साल उम्मीद की जा रही थी कि रबी की फसल का उत्पादन बहुत अच्छा रहेगा, लेकिन अब जो आकलन सामने आ रहे हैं, ...
उत्तराखंड में रिवर्स पलायन: अर्थ और विकास नीति में व्यापक बदलाव की जरूरत
पहाड़ और मैदान के बीच भेदभाव दूर करने के लिए अर्थ और विकास नीति में व्यापक बदलाव करना होगा
कोविड-19: आपदा को अवसर में बदलने से चूक न जाएं हम
कोविड-19 से पहले जो कोयला परियोजनाएं सफलतापूर्वक लाभ नहीं अर्जित कर रही थीं, वो अब किसी भी प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा नहीं होनी चाहिए
उज्जवला योजना: कनेक्शन मिला नहीं पर खाते में पहुंच गई सब्सिडी!
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के माणिकपुर ब्लॉक में उज्जवला योजना में बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई है
कोरोनावायरस ने बिगाड़ा बनारस के लंगड़ा आम का स्वाद
बनारस के आसपास आम की किस्म लंगड़ा के बाग हैं, जिन्हें यूरोप में एक्सपोर्ट किया जाता है, लेकिन कोरोनावायरस की वजह से किसान और ...
मनरेगा, जरूरी या मजबूरी-1: 85 फीसदी बढ़ गई काम की मांग
कोरोना काल में कितनी कारगर साबित होगी मनरेगा योजना, डाउन टू अर्थ की व्यापक पड़ताल-
लॉकडाउन के बाद यातायात का दबाव सहने के लिए तैयार नहीं है दिल्ली : सीएसई
कोविड-19 के दौरान व्यस्त यातायात और वायु प्रदूषण से मिली राहत बरकरार नहीं रह सकी
कोरोना लॉकडाउन: मजदूर क्यों न खोते धैर्य?
अमीर अब सरकार पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, जबकि कम विशेषाधिकार लोगों का अनुभव इससे उलट रहा
गुजरात की केमिकल फैक्ट्री में विस्फोट से आठ की मौत, सुरक्षा पर उठे सवाल
इससे पहले भी लंबे लॉकडाउन के बाद खुल रहे केमिकल प्लांट्स में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं
किसान सस्ते और उपभोक्ता महंगे दामों से परेशान, कैसे बढ़ रहे दाम?
खेत में टमाटर की तुड़वाई भी महंगी पड़ रही और शहरों की दुकानों पर चालीस रुपए किलो में बिक रहा है, यही हाल अन्य ...
लॉकडाउन में 50 फीसदी बढ़ा रिवर्स रेमिटेंस, गांव से महानगर खातों में पहुंचे पैसे
बिहार में छपरा, दरभंगा, मोतिहारी और मध्य प्रदेश में सागर जैसी जगहों से लोगों ने महानगरों को इंडिया पेयमेंट बैंक के माध्यम से खातों ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी -6: बढ़ानी होगी रोजगार की गारंटी
मनरेगा जैसे रोजगार गारंटी कार्यक्रम ना केवल लोगों के घर में कुछ पैसा लाएगा और बाजार में भी डिमांड पैदा करेगा
दिल्ली-एनसीआर में 85 फीसदी लोगों की कमाई कम हुई: सर्वे
नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) एक सर्वे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-2: योजना में विसंगतियां भी कम नहीं
कोरोना काल में मनरेगा योजना कितनी कारगर साबित होगी, एक व्यापक विश्लेषण -
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-11: न बाजार को पसंद है न सरकार को!
कोरोना आपदा में दो कल्याणकारी योजनाओं की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। एक है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-10: बड़े उद्योगों की बजाय यहां दिया जाए पैसा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस समय में ग्रामीण भारत के लिए मनरेगा कितनी कारगर साबित हो रही है। पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा