भारत क्यों है गरीब-6: राष्ट्रीय औसत आमदनी तक पहुंचने में गरीबों की 7 पुश्तें खप जाएंगी
विश्व आर्थिक मंच की हालिया रिपोर्ट कहती है कि सामाजिक गैर-बराबरी से उच्च आर्थिक विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस ...
कोरोना संकट: दूर हुए सतत विकास के लक्ष्य
गरीबी और भूख मिटाने के सतत विकास लक्ष्यों को कोरोनावायरस की महामारी ने और मुश्किल बना दिया है
स्कूली शिक्षा से वंचित हैं 24.4 करोड़ बच्चे, लक्ष्य हासिल करने को चाहिए हर साल आठ लाख करोड़ रुपए
शिक्षा की राह में पैसे की सबसे बड़ी किल्लत उप सहारा अफ्रीका में है, जहां बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए लम्बी दूरी तय ...
एसओई इन फिगर्स 2022: सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने से कितना दूर है भारत
डाउन टू अर्थ के वार्षिंक संस्करण स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 में सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत की तैयारियों का विश्लेषण ...
क्या पूरा हो पाएगा प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य, बंगाल व आंध्रप्रदेश को बनाने होंगे रोजाना 6000 घर
नई सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में देश में तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है
अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस: खुशहाली सूचकांक में भारत 126वें पायदान पर
विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, फिनलैंड लगातार सातवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना रहा
कितना सही है समुद्र और वेटलैंड्स को पाट कर जमीन में किया जा रहा विस्तार
हम इंसानों ने इस सदी में समुद्रों या तटीय वेटलैंड्स को भरकर भूमि में करीब 253,000 हेक्टेयर का विस्तार किया है
भूख और भूख सूचकांक को स्वीकारना जरूरी है!
भूख को जब समग्रता में नहीं देखा जाता है तब तथ्यों को नकारा जाता है। वैश्विक भूख सूचकांक के रिपोर्ट के साथ भी यही ...
अवैध रूप से पकड़ी जा रही करीब 2.6 करोड़ टन मछलियां, दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का है व्यापार
दुनिया भर में मतस्य उत्पादन सम्बन्धी अपराधों में से करीब 33 फीसदी के लिए केवल 450 औद्योगिक जहाज और 20 कंपनियां जिम्मेवार थी
भारत की आधी आबादी के पास कामचलाऊ पूंजी भी नहीं
असमानता, लोकतंत्र पर आघात करती है। यही वजह है कि सरकारों को हस्तक्षेप कर इस पर अंकुश लगाने और इस ट्रेंड को बदलने की ...
'डाउन टू अर्थ' हिंदी में क्यों
डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका को आठ साल पूरे हो चुके हैं। प्रस्तुत है पहले अंक में प्रकाशित पत्रिका की संपादक सुनीता नारायण का ...
भारत क्यों है गरीब-2: नई पीढ़ी को धर्म-जाति के साथ उत्तराधिकार में मिल रही है गरीबी
भारत में पीढ़ी-दर-पीढ़ी गरीबी आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने अगले दो साल में गरीबी को दूर करने का वादा किया है, क्या यह ...
आबादी का बढ़ना नहीं, कम होना ले जाएगा विनाश की ओर!
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, तमाम वैश्विक चुनौतियों के लिए बड़ी आबादी नहीं, दूसरी चीजें जिम्मेदार हैं
बिल्डिंग सेक्टर से जुड़ी 44 फीसदी कंपनियों ने अब तक तय नहीं किए उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य
बिल्डिंग सेक्टर से जुड़ी 44 फीसदी कंपनियों ने अपने उत्सर्जन में कमी करने के लिए लक्ष्य निर्धारित नहीं किए हैं। वहीं इस क्षेत्र में ...
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएसई ने जारी की “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 इन फिगर्स” रिपोर्ट
इस साल की रिपोर्ट का मुख्य आकर्षण चार मापदंडों- पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना पर भारत के राज्यों की रैंकिंग है
नई सरकार, नई उम्मीदें : वापस लाना होगा भरोसा
हमें विकास का एक नया नजरिया चाहिए जो धरती के लिए तो फायदेमंद हो ही, साथ ही हर एक व्यक्ति के लिए भी काम ...
दो बच्चों की नीति पर केंद्र का इंकार, घट रही है जन्म दर
35 में से 28 राज्यों में कुल प्रजनन दर का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है
पॉलीक्राइसिस के नए साल किस करवट बैठेंगे मतदाता?
2024 में जब दुनिया का हर दूसरा शख्स मतदान करेगा तो क्या असल संकट के मुद्दे उसके जेहन में होंगे?
जग बीती: सड़क पर किसका अधिकार?
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस 2023: दुनिया भर में हर आठ में से एक व्यक्ति है प्रवासी
दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग प्रवासी हैं, इनमें से, 28.1 करोड़ लोग अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी हैं और 8.4 करोड़ जबरन विस्थापित हैं। ...
साल 2022 में जल, जमीन, जंगल बचाने में 177 पर्यावरण रक्षकों ने गंवाई अपनी जान
2012 से देखें तो अब तक 1910 लोग पर्यावरण को बचाने के लिए अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं
महाराष्ट्र में लोहा खदानों का विरोध कर रहे आदिवासी नेता गिरफ्तार
स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन की ओर जा रहे ...
एक और बरस बीत जाने का अर्थ
आजादी के अमृत महोत्सव में भारत के 56 प्रतिशत भूमिहीनों को अपनी जमीन और अपनी जमीर का सरकारी अवदान नहीं बल्कि स्वाभिमानपूर्वक अधिकार चाहिए
क्यों खोखले साबित हो रहे हैं प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कॉर्पोरेट दिग्गजों के वादे
यह कंपनियां अपने वादों को पूरा करने के लिए नए प्लास्टिक उत्पादन में कमी के बजाय ज्यादातर प्लास्टिक रीसाइक्लिंग पर जोर दे रही हैं, लेकिन ...
परियोजनाओं को पर्यावरण संबधी मंजूरी: अपनाने होंगे ये चार तरीके
पर्यावरण की शुद्धता के लिए तैयार किए जाने वाले एक प्रभावी तंत्र के जरिए ही हम पारिस्थितिकी और विकास के बीच संतुलन बना सकेंगे