चारधाम परियोजना के फैसले का आकलन : यदि हिमालय की हार होगी तो भारत भी हार जाएगा
चारधाम परियोजना को डबल लेन किए जाने की वाले फैसले में कई तरह की विसंगतियां हैं। हालांकि हिमालय यह साफ कर चुका है कि ...
चिपको आंदोलन की ओर बढ़ रहा देहरादून, विकास परियोजनाओं के नाम पर कट रहे हजारों पेड़
2200 पेड़ दिल्ली से मसूरी घूमने आने वालों की यात्रा को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए काटे जा रहे हैं। इनमें ज्यादातर ...
जानिए कैसे कोविड-19 ने 2020 में भारत में बदल दिया अपराध का प्रोफाइल
आईपीसी की धारा 188 के तहत 2019 में 29,469 मामले दर्ज किए गए। वहीं 2020 में देश भर में 6,12,179 मामले दर्ज किए गए। ...
बैठे ठाले: नोबेल का चुनाव
“एक बात समझ लीजिए, यह नोबेल दुनिया के लिए पुरस्कार है पर मेरे लिए इन्वेस्टमेंट है। बाकी आप समझदार हैं”
अगले 45 सालों में उच्चतम स्तर पर होगी वैश्विक जनसंख्या
लांसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 2100 तक भारत सर्वाधिक जनसंख्या और प्रवास वाला देश बन जाएगा
हां, मैं तटस्थ नहीं हूं
कुछ धर्मों के शरणार्थियों को तुरंत भारतीय नागरिकता देने के लिए लाए गए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) में गंभीर त्रुटियां हैं
सतत विकास लक्ष्य: गरीबी और भूख को कम करने के मामले में पिछड़ा भारत
नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य सूचकांक जारी किया है, जिसमें 2018 के मुकाबले 3 अंकों का सुधार हुआ है, लेकिन कई लक्ष्यों को ...
पोषण से खाली भारत की थाली
भोजन की थाली में 1207 ग्राम खाद्य सामग्री होना चाहिए, लेकिन शहरी भारत में थाली में 871 ग्राम और ग्रामीण लोगों की थाली में ...
वैश्विक भूख सूचकांक एक सच्चाई क्यों है?
वैश्विक भूख सूचकांक को नकारा जा रहा है, लेकिन इस स्वीकार करना क्यों जरूरी है? पढ़ें, सचिन कुमार जैन के आलेख का दूसरा भाग
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दशकों से बंद पर्यावरण संवेदी अरावली में खनन शुरु करने की मांगी इजाजत
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान बढ़ी बेरोजगारी को दूर करने के लिए संवेदी ...
कमल के पत्तों पर भोजन परोसने की परंपरा बनाम प्लास्टिक
शादियों में भोजन कराने के लिए कमल के पत्तों का इस्तेमाल होता था। पूड़ियां और सूखी सब्जी कमल के पत्तों पर परोसी जाती थी ...
पुस्तक समीक्षा: गांधी सियासत और सांप्रदायिकता, एकता का पुनर्पाठ
किताब शुरू से अंत तक सांप्रदायिकता के विरुद्ध महात्मा गांधी के अभियान और उनकी पीड़ा को व्यक्त करती है
भ्रष्टाचार के मामले में 85वें नंबर पर है भारत, एक अंक का सुधार
भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों के लिए जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2021 में 85वें पायदान पर जगह मिली है। इससे पहले ...
लॉकडाउन, ‘आत्म-अलगाव’ और हमारा प्रकृति प्रेम
लॉकडाउन का सकारात्मक असर सुखद अहसास दे रहा है, लेकिन कहीं ये हमारा प्रकृति प्रेम और वैरागी ‘आत्म-अलगाव’ शमशानी वैराग्य तो नहीं
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या आबादी वाकई विस्फोट के कगार पर है?
केंद्र सरकार देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करनी चाहती है। डाउन टू अर्थ ने इस मुद्दे का व्यापक विश्लेषण किया। प्रस्तुत है दूसरी ...
अंग्रेजी हुकूमत में कैसे डूबी अर्थव्यवस्था
औरंगजेब के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत जो अंग्रेजी शोषण से तीन प्रतिशत हो गई
सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र से छुटकारा जरूरी: रिपोर्ट
2030 तक गरीबी, पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विकासशील व कम आय वाले देशों में भारी ...
न्यूजीलैंड ने पेश किया वेलबीइंग बजट, क्या भारत लेगा सबक?
न्यूजीलैंड ने आर्थिक विकास के बुलबुले को पहचान लिया है। लोक कल्याण की कीमत पर आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में शामिल देशों को न्यूजीलैंड ...
समावेशी विकास की ओर जाना होगा
सरकार अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने के लिए जितना काम करती है, परिस्थितियां लोगों को गैरकानूनी और अनौपचारिक व्यापार अपनाने को उतना मजबूर करती ...
नजरिया: नस्लवाद का वैज्ञानिक आधार नहीं
आज दुनियाभर में ऐसे दलों का प्रादुर्भाव हो चुका है जो न केवल नस्लभेद के विज्ञान का अभूतपूर्व समर्थन कर रहे हैं बल्कि इसके ...
भारत में जनसंख्या की रफ्तार स्थिर, क्या फिर भी है कड़े कानून की जरूरत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की सलाह दी है। क्या देश को वाकई ...
टीवी की “पॉप” राजनीति
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ के संस्थापक अनिल अग्रवाल की आज 19वीं पुण्यतिथि है। मास मीडिया का उनका आकलन आज ...
स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल कुछ खास लोगों का ही इतिहास लिखा गया: पी. साईनाथ
आजादी की कहानियों को जंगलों, गांवों, गृहणियों, किसानों के बीच खोजने की कोशिश है, पी साईनाथ की किताब ‘द लास्ट हीरोज’।
केरल का अरनमुला कन्नडी: एक रूसी का यूक्रेन में अपनी दोस्त के लिए प्यार और शांति का तोहफा
अरनमुला कन्नडी केरल के पत्तनंतिट्टा के एक छोटे से शहर अरनमुला में बना एक हस्तनिर्मित धातु-मिश्रित धातु-दर्पण है। यह केरल का ऐसा पहला उत्पाद ...
मनुष्य और पर्यावरण पर 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में इंदिरा गांधी का भाषण
दुनिया में पहली बार पर्यावरण के प्रति चिंता जताने वाले स्टॉकहोम सम्मेलन को 50 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर डाउन टू ...