फ्री पब्लिक ट्रांसपोर्ट: लग्जमबर्ग से क्या सीख सकती है दिल्ली
दिल्ली से दोगुने आकार के देश लग्जमबर्ग में इस महीने से सभी सावर्जनिक परिवहन सेवाएं मुफ्त कर दी गई हैं
भारत में सार्वजनिक परिवहन का सबसे ज्यादा उपयोग करती हैं महिलाएं: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को परंपरागत रूप से महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया ...
विश्व शहर दिवस: 2050 तक शहरों में रहने लगेंगे 10 में से 7 लोग
आज दुनिया की लगभग 55 प्रतिशत आबादी कस्बों और शहरों में रहती है, शहरीकरण का स्तर 2050 तक लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंचने का ...
विश्व विरासत दिवस 2023: यहां जानें, इतिहास, महत्व, थीम और महत्वपूर्ण जानकारी
इस विश्व विरासत दिवस पर, आइए हम सभी याद रखें कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने अतीत की रक्षा करना कितना महत्वपूर्ण है
चारधाम मार्ग परियोजना: मंदाकिनी नदी पर मलबा बिछाकर बना दी सड़क
चारधाम मार्ग के निर्माण के दौरान नदी को किस तरह नुकसान पहुंचाया जा रहा है, इसका अंदाजा बांसवाड़ा पर मंदाकिनी नदी को देखकर लगाया ...
जोशीमठ भूधंसाव: अपने टूटे हुए घरों को लौटे लोग, 16 माह बाद भी नहीं बनी पुनर्वास नीति
लगभग 16 माह बाद भी सरकार जोशीमठ के लिए न तो पुनर्वास नीति बना पाई है और ना ही जोशीमठ के स्थिरीकरण की योजना ...
पहाड़ों पर सतत पर्यटन की दरकार, वहनीय क्षमता का आकलन जरूरी
पारिस्थितिकीय संतुलन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनियोजित पर्यटन गतिविधियों को विनियमित करना समय की मांग है
आवरण कथा, खतरे में हैं हिल स्टेशन: असंवेदनशील योजनाओं का दंश झेल रहे हैं पहाड़ी शहर
संसाधनों की कमी, आबादी और भवनों के बोझ ने 5 करोड़ लोगों के घरों को मुसीबत में डाल दिया है
आवारा कुत्तों के प्रति असहिष्णुता की कमी: मेनका गांधी
आवारा कुत्तों से खतरे के आंकड़े विश्वसनीय नहीं
लोगों के जीवन को खतरे में डाल रही हैं कुत्तों को बचाने वाली मौजूदा नीतियां: मेघना
आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी गलत करुणा का नतीजा है
आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: सीवेज का पानी बढ़ा रहा है पहाड़ी शहरों में आपदा
पर्वतीय शहरों में बाथरूम से निकलने वाला गंदा पानी या शौचालयों से निकलने वाले अपशिष्ट जल का प्रबंधन आवश्यक है क्योंकि इससे नाजुक जमीन ...
धंसते जोशीमठ से उठते सवाल, सरकारों ने पहाड़ी राज्य के हिसाब से नहीं बनाया विकास मॉडल
7 फ़रवरी 2021 को धौलीगंगा में भीषण बाढ़ के क्या कारण थे, इससे आर्थिक नुकसान के अतिरिक्त परिस्थिकितंत्र को क्या नुकसान हुआ, इसका कोई ...
निर्भया की मांग - भयमुक्त शहर
शहरों को महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि सार्वजनिक जगहों को सुरक्षित ...
लुटता हिमालय: कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले निर्माण करने होंगे
अच्छे और सुरक्षित निर्माण का एक ही मंत्र है- कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले ढांचे, बढ़िया ड्रेनेज सिस्टम जो प्राकृतिक नाले से जुड़े ...
लुटता हिमालय: जनसंख्या के बढ़ते दबाव ने बढ़ाई मुश्किलें
1971 से लेकर 2021 के बीच 12 हिमालयी राज्यों की कुल जनसंख्या में डेढ़ गुना से अधिक वृद्धि देखी गई है। इस दौरान शहरी ...
लुटता हिमालय: भूमि उपयोग और आवरण में बदलाव से सूख रही हैं धाराएं
धाराएं केवल हिमालय क्षेत्र की 5 करोड़ आबादी ही नहीं बल्कि वास्तव में 15 करोड़ की आबादी के लिए महत्वपूर्ण हैं
उत्तराखंड में बढ़ती आपदाएं, विशेषज्ञों ने सरकारी लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया
देहरादून में आयोजित एक सम्मेलन में विशेषज्ञों ने उत्तराखंड में बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक स्तर पर काम करने ...
उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों की वहन क्षमता पर दो माह में तैयार होगी रिपोर्ट
एनजीटी से केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, यमुनोत्री और गोमुख तीर्थ केंद्रों के तीर्थ मार्गों पर पर्यावरण मानदंडों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन की शिकायत की ...
भारत में सड़कों पर चलने को सुरक्षित बनाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, दुर्घटनाओं में आएगी कमी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रणाली को सड़क सुरक्षा से संबंधित सुधार करने, ड्राइवरों को समय पर चेतावनी देने के लिए नागपुर शहर में लागू किया जा ...
लुटता हिमालय: प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए संतुलित पहल की आवश्यकता
क्षेत्र के पर्यावरण और लोगों के आर्थिक लाभ के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। आपदाओं को पूरी तरह से रोक पाना संभव ...
प्राकृतिक नहीं, एक सुनियोजित आपदा है जोशीमठ
हिमालय की गोद में बसे जोशीमठ के धंसने की शुरुआत बताती है कि हमने भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों की पारिस्थितिक विशेषताओं को ध्यान ...
उत्तर मध्य चीन में भूकंप में 100 से अधिक की मौत, भारत में भी आए 10 भूकंप
इस भूकंप को दुर्लभ बताया गया हैं, जो इंट्राप्लेट में आया, जबकि 98 प्रतिशत से अधिक भूकंप प्लेट सीमाओं पर आते हैं
आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: जोशीमठ की राह पर नैनीताल, पाबंदी के बावजूद हो रहे निर्माण
1884 में भूस्खलन के बाद ही अंग्रेजों ने निर्माणों पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन निर्माण अब तक जारी हैं
जोशीमठ में भूधंसाव क्यों, भाग तीन: जीएसआई ने कहा- भूधंसाव कोई नई समस्या नहीं
जीएसआई ने कहा कि नई दरारें उन क्षेत्रों में नहीं हैं, जहां भारी बस्तियां मौजूद नहीं हैं
क्यों हुआ जोशीमठ भूधंसाव, भाग एक: कहीं छोटे-छोटे भूंकप तो नहीं थे वजह?
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी की रिपोर्ट में कई अहम बिंदुओं को उठाया गया है