गांधी के ग्राम स्वराज्य की मिसाल है विनोबा भावे का ग्रामदानी गांव सीड़
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए विनोबा भावे ने ग्रामदान आंदोलन चलाया और हजारों गांव को ग्रामदानी बनाया, ...
ग्रामीण भारत में स्वच्छ ईंधन अपनाने की गति क्यों है धीमी : अध्ययन
नए अध्ययन से पता चलता है कि ग्रामीण भारत में खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग में कमी आ सकती है। इसका ...
क्या 2022 में घटेगी गरीबी और असमानता की खाई, या वर्षों की मेहनत हो जाएगी जाया
52 फीसदी आय पर काबिज है वैश्विक आबादी का 10 फीसदी सबसे अमीर वर्ग, वहीं 50 फीसदी सबसे कमजोर तबके की आबादी के पास ...
दुनिया से गरीबी को दूर करने के लिए चाहिए प्रति व्यक्ति छह टन कच्चा माल
जर्मनी में एक औसत व्यक्ति द्वारा हर वर्ष की जा रही संसाधनों की खपत को देखें तो वो करीब 72 टन है, वहीं अमेरिका ...
लोकसभा चुनाव 2024: हिमाचल में गायब हैं आपदाओं के लिए जिम्मेवार मुद्दे
देश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने घोषणापत्र में पर्यावरण को आखिरी में शामिल तो किया लेकिन भाषणों और कैंपेनिंग में मुद्दे गायब रहे
शोषण से मुनाफा: निजी क्षेत्र में जबरन मजदूरी से हो रहा सालाना 20 लाख करोड़ का अवैध मुनाफा
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने अपनी नई रिपोर्ट 'प्रोफिट्स एंड पावर्टी: द इकोनॉमिक्स ऑफ फोर्स्ड लेबर' में कई खुलासे किए हैं
बड़गाम में माइनर मिनरल खनन के लिए दी गई पर्यावरण मंजूरियां रद्द
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
उज्जवला योजना: कनेक्शन मिला नहीं पर खाते में पहुंच गई सब्सिडी!
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के माणिकपुर ब्लॉक में उज्जवला योजना में बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई है
भेदभाव और दकियानूसी सोच के चलते गणित में लड़कों से पिछड़ रही हैं लड़कियां
शिक्षक, अभिभावक और साथियों की यह नकारात्मक सोच कि लड़कियां जन्म से ही गणित को समझने में स्वाभाविक रूप से असमर्थ होती हैं, असमानता ...
एक दशक से भारत में गरीबी में आती कमी की रफ्तार हुई धीमी
अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत में गरीबी के स्तर का आकलन किया गया है, जो दर्शाता है कि भारत में व्याप्त गरीबी वैश्विक स्तर पर ...
विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून 2022: जानिए इसका महत्व और थीम
पर्यावरण दिवस सार्वजनिक पहुंच के लिए एक वैश्विक मंच है, जिसमें सालाना 143 से अधिक देशों की भागीदारी होती है।
विश्व साइकिल दिवस: क्या हमारी सड़कें साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित हैं?
पैदल चलना और साइकिल चलाना हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, मधुमेह और यहां तक कि मृत्यु के खतरों को कम करता है
प्रकृति को बचाने के लिए जी20 देशों को हर साल करना होगा 21.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश
वर्तमान में जी20 देश प्रकृति-आधारित समाधानों पर हर साल करीब 9 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रहे हैं, जिसमें 2050 तक 140 फीसदी ...
डेढ़ साल बाद 25 करोड़ बच्चे स्कूल लौटे, लेकिन कुछ बदलाव हैं जरूरी
नेशनल कोएलिशन ऑन एजुकेशन इमरजेंसी ने शोधपत्र जारी कर कहा है कि डेढ़ साल बाद शुरू हो रहे स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव किया ...
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ से वंचित हैं दुनिया के 410 करोड़ लोग
55 फीसदी जरूरतमंद महिलाओं को नकद मातृत्व लाभ नहीं मिलता है। इसी तरह गंभीर रूप से विकलांग 66.5 फीसदी लोग विकलांगता योजनाओं के लाभ ...
हिंदी दिवस 2023: क्यों मनाया जाता है? भारत में कौन-कौन सी भाषाएं बोली जाती हैं?
देवनागरी लिपि में लिखे गए, भारत के संविधान ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार ...
नीति आयोग का शहरी सूचकांक : एसडीजी हासिल करने में शिमला पहले और 20वें पायदान पर दिल्ली
डैशबोर्ड के अनुसार 56 में से 21 शहर अपनी नगरपालिका में ठोस कचरे का 100 फीसदी उपचार कर रहे हैं। वहीं 31 शहरी क्षेत्रों ...
असम में हाईवे के लिए कट रहे पेड़ों के बारे में एनजीटी ने मांगी जानकारी
झारखंड में अवैध खनन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी जानकारी एनजीटी ने मांगी है
जगबीती : संकेतकों की कमी
जोशीमठ : खत्म होते शहर की दर्द-ए-दास्तां
जोशीमठ में हर मॉनसून में भूस्खलन की समस्या होती है। लेकिन अब जो नई दरारें दिखाई पड़ रही हैं, इसका कारण तपोवन-विष्णुगाढ़ परियोजना ही ...
दुनिया से असमानता खत्म हो सकती है लेकिन सरकारें ऐसा नहीं चाहतीं
आर्थिक संकट के दौर में भी अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं जबकि गरीब गरीबी के दलदल में धंसते जा रहे हैं
हरियाली से खुशहाली संभव है
जल-जीवन-हरियाली योजना बिहार सरकार द्वारा पृथ्वी दिवस के अवसर पर 09 अगस्त 2019 को आरंभ किया गया एक महत्वाकांक्षी मिशन है
पद्मावत
इस बार पद्मावती को बचाने कोई नहीं निकला। सब के सब अपने एचडी टीवी-मोबाइल–लैपटाप की चिलम में तरक्की और विकास के नशे का दम ...
जैसलमेर की मरुस्थलीय पारिस्थितिकी को बचाने के तरीके खोजने के लिए समिति गठित
अंतत: अमीर देशों में बढ़ते गरीब बच्चे बने चिंता का सबब
गरीबी उन्मूलन नीतियों और कार्यक्रमों को बच्चों पर केंद्रित करने की जरूरत है जिससे उनकी भविष्य की बुनियाद मजबूत हो सके