सतत विकास लक्ष्य कार्यक्रम पर कैग ने खड़े किए सवाल
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्र के साथ-साथ राज्यों में एसडीजी को लेकर गंभीरता नहीं दिख रही है
जग बीती : निगेटिव न फैलाओ कुछ नहीं है
क्या उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों को 'जीवंत' बना पाएगा केंद्र का जीवंत ग्राम कार्यक्रम?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए जीवंत ग्राम कार्यक्रम यानी वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की घोषणा की है, लेकिन ...
लॉकडाउन: मिथिला पेंटिंग बनाने वाले कलाकार दाने-दाने को मोहताज
मिथिला पेंटिंग्स के अलावा बिहार में और भी लोक कलाएं हैं, जो हजारों परिवारों को दो जून की रोटी मुहैया कराती हैं
बुंदेलखंड राहत पैकेज घोटाला-2: स्कूटर और बाइक से ढोए गए 5-5 टन के पत्थर
बुंदेलखंड के पन्ना जिले में 9 वाटर शेड के कार्यों के भौतिक सत्यापन और वाउचर के परीक्षण में पता चला कि वन विभाग ने ...
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दशकों से बंद पर्यावरण संवेदी अरावली में खनन शुरु करने की मांगी इजाजत
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान बढ़ी बेरोजगारी को दूर करने के लिए संवेदी ...
कमल के पत्तों पर भोजन परोसने की परंपरा बनाम प्लास्टिक
शादियों में भोजन कराने के लिए कमल के पत्तों का इस्तेमाल होता था। पूड़ियां और सूखी सब्जी कमल के पत्तों पर परोसी जाती थी ...
कोरोना के कारण गरीबी के चरम स्तर पर पहुंच सकती हैं दुनिया की 4.7 करोड़ महिलाएं: यूएन
यूएन की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण महिलाओं में गरीबी की दर में 9.1 फीसदी की वृद्धि हो सकती ...
बिहार चुनाव में कितने प्रभावी रहे गरीबी और रोजगार के मुद्दे?
आज तय होगा कि बिहार के लोगों ने रोजगार, गरीबी जैसे मुद्दे को कितनी गंभीरता से लिया है
जगबीती: नेता और अभिनेता
जग बीती: पृथ्वी दिवस
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्यों हो रही है राजनीति
हर बार ही यह एक विशेष आबादी होती है, जिसे कम करने की आवश्यकता होती है
ध्रुवीकरण के दो धड़ों में बंटते मतदाता
भारत के चुनावों में पॉपुलिज्म एजेंडा राष्ट्रवाद से तय होगा या कल्याणवाद से?
पुस्तक समीक्षा: गांधी सियासत और सांप्रदायिकता, एकता का पुनर्पाठ
किताब शुरू से अंत तक सांप्रदायिकता के विरुद्ध महात्मा गांधी के अभियान और उनकी पीड़ा को व्यक्त करती है
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021: तीन साल में कितना हुआ 115 आकांक्षी जिलों का विकास
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट रिपोर्ट इन फिगर्स 2021 से पता चला है कि भारत के आकांक्षी जिले विकास के पथ पर उम्मीद के मुताबिक ...
लॉकडाउन, ‘आत्म-अलगाव’ और हमारा प्रकृति प्रेम
लॉकडाउन का सकारात्मक असर सुखद अहसास दे रहा है, लेकिन कहीं ये हमारा प्रकृति प्रेम और वैरागी ‘आत्म-अलगाव’ शमशानी वैराग्य तो नहीं
कोरोना लॉकडाउन: छत्तीसगढ़ में फंसे गुजरात के मालधारी परिवार
स्वच्छंदरूप से विचरण करने वाले मालधारी (गुजरात में इन्हें रबाड़ी/मालधारी, जम्मू-कश्मीर में बकरवाला, हिमाचल में गड्डी आदि के नाम से जानते हैं) छत्तीसगढ़ आकर ...
कुपोषित बच्चों के शिशु गृहों ने घटाई कृषि मजदूरों की चिंता, डीएमएफ फंड से बदल सकती है तस्वीर: सीएसई
क्योंझर (उड़ीसा) और अनूपपुर (मध्य प्रदेश) में बनाए गए शिशुगृह स्थानीय लोगों के सहयोग से कुपोषित और आंगनवाड़ी से पहले के बच्चों को लक्ष्य ...
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या आबादी वाकई विस्फोट के कगार पर है?
केंद्र सरकार देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करनी चाहती है। डाउन टू अर्थ ने इस मुद्दे का व्यापक विश्लेषण किया। प्रस्तुत है दूसरी ...
अंग्रेजी हुकूमत में कैसे डूबी अर्थव्यवस्था
औरंगजेब के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत जो अंग्रेजी शोषण से तीन प्रतिशत हो गई
दुनिया में अनियंत्रित और बेतरतीब तरीके से हो रहा शहरी फैलाव: अध्ययन
वैश्विक रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में शहरी विस्तार सबसे ज्यादा बेतरतीब तरीके से हो रहा है
99 वर्ष पूर्व मकर संक्रांति के दिन मिली थी कुली कलंक से मुक्ति
आज भी हर वर्ष 14 जनवरी के दिन लोग बागेश्वर के बगड़ में पहुंचते हैं और सरकार की जन विरोधी नीतियों संबंधी कागजात प्रतीकात्मक ...
भ्रष्टाचार के मामले में 85वें नंबर पर है भारत, एक अंक का सुधार
भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों के लिए जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2021 में 85वें पायदान पर जगह मिली है। इससे पहले ...
आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22: स्कूल में दाखिला न पाने वाले बच्चों की संख्या लगभग दोगुनी हुई
6-14 आयुवर्ग में बच्चों का नामांकन भी बुरी तरह प्रभावित रहा, आर्थिक तंगी के कारण निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या घटी
स्मृति शेष इला भट्ट: बा और बापू के सपनों को गढ़ने वाली इला
बा और बापू सामुदायिकता के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को जो रूप देना चाहते थे, इला भट्ट ने उसे “सेवा” के रूप में पहचान दिलाई