कोरोना लॉकडाउन: छत्तीसगढ़ में फंसे गुजरात के मालधारी परिवार
स्वच्छंदरूप से विचरण करने वाले मालधारी (गुजरात में इन्हें रबाड़ी/मालधारी, जम्मू-कश्मीर में बकरवाला, हिमाचल में गड्डी आदि के नाम से जानते हैं) छत्तीसगढ़ आकर फंस गए हैं।
On: Thursday 16 April 2020
छत्तीसगढ़ में गुजरात के करीब-करीब 300-400 परिवार दुर्ग,बेमेतरा, राजनांदगांव, कवर्धा, मुंगेली धमतरी, बालोद एवं कांकेर जैसे जिलों में फंस गए हैं।
शताब्दियों से कच्छ से महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश होते हुए निर्बाध गति से छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले स्वच्छंदरूप से विचरण करने वाले मालधारी (गुजरात में इन्हें रबाड़ी/मालधारी, जम्मू-कश्मीर में बकरवाला, हिमाचल में गड्डी आदि के नाम से जानते हैं) यहां आकर फंस गए हैं। ये घुमन्तु जाति के लोग, अपने परिवार एवं पालतु पशु भेड़-बकरी, ऊंट के साथ सफर करते हैं। ये लोग दूध, दही, घी, ऊन आदि बेचकर इनकी आजीविका चलती है। कोरोना के डर से अधिकांश सड़के सूनी है, बार्डर सील है और ग्रामीण लोग भेद-भाव बरतने लगे हैं।
मालधारी महिला नामा बेन बताती है कि उन्हें राशन खरीदने में दिक्कत होती है। गांव में ज्यादातर दुकानें 11 बजे तक बंद हो जाती है। भीड़ लगी रहती है। कई बार तो दुकानदार हमें कोरोना संक्रमित समझते हैं और भगा देतें हैं। गांववाले गांव में घुसने में बंदिशे लगाने लगे हैं। वे कहती हैं समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें राशन, पैसा सब खत्म होने को हैं कहां जाएं।
15 अप्रैल को कवर्धा के पिपरिया थाना गांव बिपतरा में कुछेक ग्रामीणों ने मालधारियों को खदेड़ने के लिए दौड़ाया भी और हाथापाई भी की। पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ।
7 मालधारी परिवारों का एक समूह जो इन दिनों बालोद जिला के कांदला गांव में रूका हुआ है उसने गुजरात के मालधारियों पर काम करने वाली संस्था मारग नामक संगठन के माध्यम से इस पत्रकार तक अपनी बात पहुंचाई।
बालोद में मालधारी समूह स्थानीय नेता गोवाभाई सतीसगढ़ का कहना है वे अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहें हैं। शुरूआत में कोरोना के बारे में अफवाह उड़ते के साथ ग्रामीणों ने हमें गांव में नहीं घुसने की हिदायत दी थी। जिसे स्थानीय नेताओं के मदद से सुलझाया था। लेकिन अब हमारी स्थिति खराब हो रही है।
मालधारी बबलू थारू कि शिकायत है कि ग्रामीण हमें खेतों में एक दिन से अधिक रूकने नहीं दे रहें हैं।हम पर शक किया जाता है। इसलिए हम रात को सफर करते हैं। मालधारियों ने कुछेक जगह पर स्थानीय प्रशासन द्वारा अनदेखी करने की भी बात कही है।
राज्य के नोडल अधिकारी सोनमनी वोरा कहते हैं कि मालधारियों के समस्या के हमारे नज़रों में लाकर आपने अच्छा कार्य किया है। सरकार के ओर से इन्हें मदद पहुंचाने के लिए सभी जिला कलेक्टरों एवं ग्राम पंचायत को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कुछेक जगह समस्या आ रही है उन्हें भी जल्द दूर कर लिया जाएगा। गांव में करीब 2 क्विंटल अतिरिक्त राशन का प्रावधान किया गया है ताकि जरूरतमदों की सहायता की जा सके।