सड़क दुर्घटनाओं में 64 प्रतिशत मौतों का कारण तेज रफ्तार
सड़क पर यातायात नियमों को तोड़ना किसी भी तरह से सही नहीं है। लेकिन, नियमों को ताक पर रखकर अधिक रफ्तार में गाड़ी चलाना ...
वायु प्रदूषण से भारत पर पड़ रहा है सालाना 1 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ: स्टडी
एक नए अध्ययन में कहा गया है कि हर साल देश में होने वाली करीब 10 लाख असमय मौतों के लिए भी वायु प्रदूषण ...
बजट 2017-18: कर, रोज़गार और कृषि के अंतर्संबंध
कोई भी बजट वैश्विक सन्दर्भों को नज़रंदाज़ करके समझा नहीं जा सकता है। कहने को ही सही, पर हम गाँव की तरफ लौटने के ...
विश्व जनसंख्या दिवस: 8 अरब के मुहाने पर खड़े हैं हम, क्या कहते हैं आंकड़े
सभी के लिए एक स्थिति-परक भविष्य की ओर समान अवसर और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना
साल 2050 तक 15.8 करोड़ महिलाओं को गरीबी के भंवर में धकेल देगा जलवायु परिवर्तन
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी नई रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन महिलाओं और बच्चियों को सबसे अधिक प्रभावित करेगा
भारत में हर साल तूफान से 414 जिंदगियों को बची रही हैं उष्णकटिबंधीय आद्रभूमि
वहीं वैश्विक स्तर पर यह उष्णकटिबंधीय आर्द्रभूमि हर साल तूफान से तकरीबन 4,620 जिंदगियों को बचा रही हैं
पर्यावरण के लिए नुकसानदेह सब्सिडी को खत्म करके मिल सकते हैं 3.9 करोड़ नए रोजगार
हर साल दुनिया भर की सरकारें करीब 37.2 लाख करोड़ रुपए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कामों के लिए सब्सिडी के रूप में दे ...
क्यों खोखले साबित हो रहे हैं प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कॉर्पोरेट दिग्गजों के वादे
यह कंपनियां अपने वादों को पूरा करने के लिए नए प्लास्टिक उत्पादन में कमी के बजाय ज्यादातर प्लास्टिक रीसाइक्लिंग पर जोर दे रही हैं, लेकिन ...
लैंगिक समानता: 146 देशों की सूची में 135वें पायदान पर भारत, नेपाल बांग्लादेश से भी है पीछे
वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता की स्थिति इतनी खराब है की इस अंतर को भरने में अभी 132 साल और लगेंगें जबकि दक्षिण एशिया ...
परियोजनाओं को पर्यावरण संबधी मंजूरी: अपनाने होंगे ये चार तरीके
पर्यावरण की शुद्धता के लिए तैयार किए जाने वाले एक प्रभावी तंत्र के जरिए ही हम पारिस्थितिकी और विकास के बीच संतुलन बना सकेंगे
भुखमरी की त्रासदी और सरकारी समाधान
कुछ सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं, जैसे कि 19 करोड़ लोगों को भूख मुक्त कब किया जा सकेगा और क्या 56 प्रतिशत ...
ग्रामीण भारत में स्वच्छ ईंधन अपनाने की गति क्यों है धीमी : अध्ययन
नए अध्ययन से पता चलता है कि ग्रामीण भारत में खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग में कमी आ सकती है। इसका ...
आईपीआर नियमों की छूट के संघर्ष में अमेरिका का आंशिक समर्थन विकासशील देशों के लिए बड़ा झटका
अमेरिका छूट को वैक्सीन तक सीमित करने के लिए दस्तावेज आधारित समझौता (टेक्स्ट बेस्ड निगोशिएशन) चाहता है, लेकिन कोई भी शिकायत नहीं कर रहा ...
आज क्यों मनाया जाता है नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस?
नेल्सन मंडेला फाउंडेशन और संयुक्त राष्ट्र सभी लोगों से अनुरोध करता है कि वे अपना 67 मिनट का समय दूसरों की मदद करने में ...
गरीबी कम करने में सिएरा लियोन से सबक ले सकती है दुनिया
हालिया वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक कहता है कि इस गरीब अल्पविकसित देश ने इबोला से लड़ते हुए भी समग्र गरीबी सबसे तेजी से कम ...
मनरेगा में काम के दिन बढ़ने चाहिए : पूरन चंद्र किशन
राजस्थान में अप्रैल 2020 से 21 जुलाई तक 57.34 लाख परिवारों के 77.17 लाख लोगों को रोजगार मिला है
बद्रीनाथ मास्टर प्लान: विकास या आपदा की पटकथा?
बद्रीनाथ मास्टर प्लान से क्या सरकार 50 साल पुरानी उस कोशिश को दोहरा रही है, जिसे तब व्यापक आंदोलन और सरकारी कमेटी की सलाह ...
विश्व पर्यावरण दिवस 2023: पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक का उपयोग छोड़ना होगा
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स 20233 में समग्र रैंक चार क्षेत्रों - पर्यावरण, कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में 32 संकेतकों पर ...
भागीरथी नदी की बेहद संवेदनशील घाटी में सड़क निर्माण और मलबा डंपिंग से बढ़ा भूस्खलन का खतरा
भागीरथी इको सेंसेटिव जोन के लिए 2012 में केंद्र सरकार ने विस्तृत अधिसूचना जारी की थी लेकिन इसका जोनल मास्टर प्लान आजतक मंजूर नहीं ...
पंचायती राज दिवस: कोरोना महामारी और हमारी पंचायतें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत सदस्यों से बात करते हुए कहा कि हमें यह सीखने की जरूरत है कि गांव, शहरों की अपेक्षा कोविड-19 ...
गांधी के ग्राम स्वराज्य की मिसाल है विनोबा भावे का ग्रामदानी गांव सीड़
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए विनोबा भावे ने ग्रामदान आंदोलन चलाया और हजारों गांव को ग्रामदानी बनाया, ...
एक और बरस बीत जाने का अर्थ
आजादी के अमृत महोत्सव में भारत के 56 प्रतिशत भूमिहीनों को अपनी जमीन और अपनी जमीर का सरकारी अवदान नहीं बल्कि स्वाभिमानपूर्वक अधिकार चाहिए
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की जरूरत ही क्यों पड़ी?
गरीब कल्याण अन्न योजना: सरकार दावा करती रही है कि देश में गरीबी कम हो रही है तो फिर 80 करोड़ गरीब कहां से ...
भारत क्यों है गरीब-5: वैश्वीकरण से बढ़ रही है असमानता, अमीर हुए और ज्यादा अमीर
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के 63 लोगों के पास सालाना बजट से ज्यादा ...
क्या 2022 में घटेगी गरीबी और असमानता की खाई, या वर्षों की मेहनत हो जाएगी जाया
52 फीसदी आय पर काबिज है वैश्विक आबादी का 10 फीसदी सबसे अमीर वर्ग, वहीं 50 फीसदी सबसे कमजोर तबके की आबादी के पास ...