डाउन टू अर्थ विशेष: धरती के गर्भ का रहस्य जानने की कवायद में जुटी दुनिया
दुनियाभर में अलग-अलग जगहों पर छेद (ड्रिलिंग) करके पृथ्वी के अंदरूनी हिस्से का विश्लेषण किया जा रहा है
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के ठोस आंतरिक कोर में घूमते हुए लौह परमाणुओं की खोज की
अध्ययन में पाया गया कि पृथ्वी के आंतरिक कोर में लोहे के परमाणुओं के कुछ समूह तेजी से घूमने में सक्षम हैं, लोहे से ...
टाइमलाइन: यह है धरती का 450 करोड़ साल का सफर
450 करोड़ साल पहले धरती बनी थी, तब से लेकर अब तक क्या हुआ, यहां समझिए-
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के घूमने के सटीक अंतर को मापने के लिए अपनाई नई तकनीक
इसका उपयोग बेहतर भूभौतिकीय मॉडल बनाने के लिए किया जा सकता है, जिसकी मदद से दुनिया भर के यातायात में सुधार लाया जा सकता ...
जग बीती : पृथ्वी को चढ़ता तेज बुखार
जग बीती: पृथ्वी दिवस
अध्ययन: उल्टी दिशा में घूम सकता है पृथ्वी का केंद्र, क्या बढ़ेगी भूकंप आने की घटनाएं?
पृथ्वी के आंतरिक कोर ने पहले 1970 के दशक की शुरुआत में दिशा बदल दी थी और अनुमान लगाया गया था कि अगला बदलाव ...
सृष्टिकर्ता की डायरी
“आज मैं इस सृष्टि का सृष्टिकर्ता, अपनी ही सृष्टि द्वारा कैद कर लिया गया हूं...मैं गहरे सदमे में हूं”
शून्य छाया दिवस, जब परछाई भी साथ छोड़ देती है
क्या आप शून्य छाया दिवस के बारे में जानते हैं?
क्यों शुरू हुई थी डाउन टू अर्थ मैगजीन
मई 1992 में डाउन टू अर्थ के संस्थापक संपादक अनिल अग्रवाल द्वारा मैगजीन के पहले अंक के लिए लिखा गया संपादकीय
3 अरब साल पहले वैश्विक महासागर से ढकी थी पृथ्वी: वैज्ञानिक
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस खोज से यह समझने में मदद मिलेगी कि एक-कोशिकीय जीव पृथ्वी पर सबसे पहले कैसे पैदा हुए थे
भारतीय खगोलविदों ने 70 नए परिवर्तनशील सितारों की खोज की
पृथ्वी से लगभग 7,900 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एनजीसी 559 लगभग 22.4 करोड़ वर्ष पुराना एक खुला समूह है
लाखों साल पहले हमारे पूर्वजों ने की थी प्रकृति के विनाश की शुरुआत, हमने बढ़ाई रफ्तार
एक अध्ययन के मुताबिक, मांसाहारी जीवों के विलुप्त होने का सबसे मुख्य कारण हमारे पूर्वजों और उनके बीच भोजन के लिए सीधी प्रतिस्पर्धा और ...
नए युग में धरती: वर्तमान और भूतकाल
एंथ्रोपोसीन की परिकल्पना अपने पथरीले जन्मस्थान से निकलकर सांस्कृतिक और राजनैतिक बहस के खुले आकाश का हिस्सा बन चुकी है
पृथ्वी दिवस पर चिंतन: क्या यह महामारी किसी शहर की परिकल्पना को बदल सकती है?
इस महामारी के बाद हमारे शहरों को अधिक मानवीय और समावेशी बनाने की जरूरत है
एसओई 2021: हम और हमारा पर्यावरण दोनों खतरे में है
महामारी के घाव कई दशकों तक रहेंगे, जिसके निशान हमारे जीवन के हर एक भाग पर पड़े हैं। स्टेट ऑफ इंडियाज एनवॉयरमेंट की ताजा ...
पृथ्वी दिवस: आखिर कैसे हो प्रकृति से हमारे टूटे रिश्ते की मरम्मत
कोविड-19 प्रकृति के बदले का सबसे भयावह रूप है
आकाशीय बिजली गिरने से पहली बार पृथ्वी पर नए फास्फोरस पदार्थ का हुआ निर्माण
शोध से खनिजों के अन्य रूपों का पता चल सकता है जो महत्वपूर्ण हैं और पृथ्वी पर जीवन के विकास को लेकर अहम जानकारी ...
छठवीं बार इस पृथ्वी पर सामूहिक प्रजातियों की विलुप्ति का प्रबल खतरा
धरती पर अब तक कुल पांच बार सामूहिक प्रजातियों की विलुप्ति हो चुकी है। लगातार खराब होती धरती की सतह के कारण करीब आधी ...
पृथ्वी सामान्य से अधिक तेजी से घूम रही है, लेकिन क्यों? इसका हम पर क्या होगा असर
वैज्ञानिकों ने 29 जून को अब तक का सबसे छोटा दिन और 26 जुलाई को एक और छोटा दिन दर्ज किया है
"यह पूरी तरह संभव है कि हमारे पुरखे मंगल ग्रह से आए हों"
सूक्ष्म जीव एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर जा सकते हैं और इस प्रक्रिया को ट्रांसपर्मिया कहते हैं। संभव हो कि मंगल से पृथ्वी ...
बैठे ठाले: कार नामा
“एक मैं कार नहीं चलाऊंगा तो क्या वायु-प्रदूषण खत्म हो जाएगा? लोगों की भीड़ का तो कुछ करो”
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के नीचे छिपी पिघली चट्टान की परत का लगाया पता
पिघली हुई परत सतह से लगभग 100 मील की दूरी पर स्थित है और एस्थेनोस्फीयर का हिस्सा है, जो ऊपरी आवरण में पृथ्वी की ...
वैज्ञानिकों ने समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए विकसित की स्वदेशी तकनीक
स्वदेशी तकनीक की क्षमता समुद्र के पानी को हर दिन 1 लाख लीटर पीने योग्य पानी में बदलने की है
जेलीफिश की बढ़ती आबादी से संकट में सार्डिन मछलियां
समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान ने अपने अध्ययन में पाया है कि अरब सागर में बढ़ते तापमान के कारण जेलीफिश की संख्या में वृद्धि हुई ...