2021 में रिकॉर्ड की गई इतिहास की 7वीं और अफ्रीका की सबसे गर्म जनवरी
इस वर्ष जनवरी का औसत तापमान सदी के औसत तापमान से 0.8 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था| वहीं अफ्रीका में यह अब तक की सबसे गर्म ...
कोरोना से ज्यादा खतरनाक है जलवायु परिवर्तन: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम
रिपोर्ट में पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को हो रहे नुकसान को सबसे बड़ा खतरा माना है| यह ऐसी ...
कॉप 27: जलवायु में बदलाव से सुंदरवन को 40 साल में हुआ दो लाख करोड़ का नुकसान
पिछले 25 वर्षों में यहां रहने वाले 62 प्रतिशत लोगों ने अपनी मूल आजीविका खो दी है और 15 लाख लोगों को यहां से ...
मौसम विभाग ने माना, जुलाई में सक्रिय हो सकता है अल-नीनो, लेकिन सामान्य होगी बारिश
मौसम विज्ञान विभाग को उम्मीद है कि अधिकांश मध्य और आसपास के दक्षिण प्रायद्वीप और पूर्वी भारत और उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ ...
बढ़ता तापमान नहीं, बल्कि बढ़ती बारिश से है जिराफ के अस्तित्व को खतरा: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, बारिश के नमी वाले मौसम के दौरान परजीवियों और बीमारी में होने वाली वृद्धि के कारण वयस्क जिराफ और उनके बच्चों ...
जलवायु परिवर्तन: 2050 तक तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का खतरा होगा दोगुने से अधिक
विश्व स्तर पर एशिया में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि होगी
2022 में दर्ज किया गया इतिहास का पांचवा सबसे गर्म मार्च, सामान्य से 0.95 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था तापमान
भारत के लिए भी इस वर्ष मार्च का महीना 122 वर्षों के इतिहास में सबसे गर्म मार्च था, जब अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस ...
सदी के अंत तक 3 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाएगी तापमान में हो रही वृद्धि: एमिशन गैप रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार महामारी से आई आर्थिक मंदी के चलते 2020 में कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में करीब 7 फीसदी तक की गिरावट आ ...
बॉन जलवायु सम्मेलन 2024: हानि एवं क्षति के मुद्दे पर सहयोग की है दरकार, तीसरी ग्लासगो वार्ता में उठी आवाज
हानि एवं क्षति के मुद्दे पर तीसरी ग्लासगो वार्ता में दक्षिण से उठी आवाजों ने बेहतर समन्वय और मजबूत तंत्र की मांग की है
26 मई को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर टकरा सकता है भीषण चक्रवात 'रेमल'
आज, 24 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और ...
71 फीसदी भारतीयों ने माना कि उनके इलाके के मौसम पर भी दिख रहा है ग्लोबल वार्मिंग का असर
देश में 91 फीसदी लोग ऐसे हैं जो दुनिया में बढ़ते तापमान को लेकर चिंतित हैं, जबकि 76 फीसदी इस बात से इत्तेफाक रखते ...
चरम मौसमी घटनाओं के कारण गंगा का उपजाऊ मैदानी क्षेत्र बन सकता है जलवायु का हॉटस्पॉट
विश्लेषण से पता चला है कि भविष्य में चरम मौसमी घटनाओं के मिश्रित प्रभाव से देश में पहले से कहीं ज्यादा लोग प्रभावित हो ...
जलवायु परिवर्तन के चलते भारत में 2050 तक 20 से 25 फीसदी घट जाएगी कमाई
जलवायु परिवर्तन की वजह से अगले 25 वर्षों में भारत के अधिकांश राज्यों की आय में औसतन 20 से 25 फीसदी की गिरावट आ ...
एआई से होगी मॉनसूनी बारिश की 70 फीसदी तक सटीक भविष्यवाणी: शोध
शोध के मुताबिक, मशीन लर्निंग और अधिक पारंपरिक संख्यात्मक मॉडलिंग दोनों को एक साथ जोड़ने से मॉनसूनी बारिश की सटीक जानकारी हासिल की जा ...
क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस, क्या है इस साल की थीम
अपने पर्यावरण के बारे में सतर्क रहना और इसे बचाने के लिए प्रयास करना बहुत जरूरी है
आपदाओं का साल रहा 2023, जानिए कौन सी 20 जलवायु आपदाएं आर्थिक रूप से पड़ी सबसे महंगी
2023 में आई जलवायु आपदाओं ने अमेरिका से लेकर भारत तक सभी देशों पर कहर ढाया है। वहीं सबसे महंगी आपदाओं में बाढ़, सूखा, ...
कोविड काल में महिला समूहों ने खाद्य सुरक्षा में निभाई अहम भूमिका
विश्व खाद्य कार्यक्रम सांख्यिकी के अनुसार, गंभीर खाद्य असुरक्षा से ग्रस्त या इसके खतरे वाले लोगों की संख्या, जो कि कोविड-19 महामारी से पहले ...
आपदा मुक्त हिमालय के लिये पहाड़ी क्षेत्रों के जन संगठन चलाएंगे ‘पीपुल फॉर हिमालय’ अभियान
आने वाले दिनों में पीपुल फॉर हिमालय’ अभियान की तरफ से एक विस्तृत मांग पत्र जारी किया जाएगा
उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में बदल रहा मौसम, बारिश और धूप में आई गिरावट, तापमान का पैटर्न भी बदला
रिसर्च से पता चला है कि चार दशकों में उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के मौसम में आए बदलाव के कारण फसलों को नुकसान पहुंच ...
जलवायु परिवर्तन और बाल विवाह के दोहरे संकट को झेलती बच्चियां, फिर भी योजनाओं से हैं नदारद
विश्लेषण से पता चला है कि अब से 2030 के बीच, करीब 60 फीसदी यानी 93.1 करोड़ बच्चियां कम से कम एक चरम मौसमी ...
भयंकर चक्रवाती तूफान 'मोका' ने हिलाया पश्चिमी म्यांमार
मौसम विभाग ने कहा है कि अगले कुछ घंटों में इसके कमजोर होकर कम दबाव के क्षेत्र में बदलने के आसार हैं
तापमान में 1.5 डिग्री की वृद्धि होने से भारत सहित 20 देशों में आम हो जाएगा लू, सूखा और भारी बारिश का कहर
रिसर्च ने चेताया है कि जलवायु में आते बदलाव, एक साथ या लगातार आने वाली कई चरम मौसमी घटनाओं को बढ़ा सकता है
स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट: तीन साल के ला नीना के बावजूद 2022 में चरम मौसमी घटनाओं ने रिकॉर्ड तोड़ा
2022 में जहां पूर्वी अफ्रीका लगातार सूखा चपेट में था, वहीं पाकिस्तान में रिकॉर्ड बारिश के साथ चीन और यूरोप में लू का कहर ...
डाउन टू अर्थ विश्लेषण: पश्चिमी विक्षोभ ने बदला अपना मिजाज, विशेषज्ञों ने जताई चिंता
असामान्य रूप से गर्म और बिन बारिश बीती सर्दियों के बाद भारत को इस बार रबी फसलों की उपज में भारी कमी का सामना ...
गर्म होती दुनिया: बढ़ेगा सूखे का अनुपात और अचानक पड़ने वाले सूखे की घटनाओं में आएगी तेजी
विशेषज्ञों ने अचानक पड़ने वाले सूखे को परिभाषित करते हुए बताया कि, यह मिट्टी की नमी के सबसे निचले स्तर से उत्पन्न होता है, ...