जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते अपने ही देश में शरणार्थी बन गए थे 38.6 लाख भारतीय
2020 में जलवायु से जुड़ी आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा और तूफान आदि के चलते करीब 38.6 लाख भारतीय विस्थापित हुए थे
जलवायु परिवर्तन के चलते दुनिया के एक तिहाई खाद्य उत्पादन पर मंडरा रहा है संकट
यदि वैश्विक स्तर पर हो रहा उत्सर्जन इसी दर से जारी रहता है तो दुनिया के खाद्य उत्पादक क्षेत्रों में वर्षा और तापमान में ...
सीएसई ने किया था शहद में मिलावट का खुलासा, अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
सीएसई ने नामी-गिरामी कंपनियों के जरिए शहद में शुगर सीरप की मिलावट का खुलासा किया था। सुप्रीम कोर्ट में इसी आधार पर एक याचिका ...
भूजल में गिरावट से सर्दियों में होने वाली खेती में 68 फीसदी तक आ सकती है कमी: अध्ययन
भारत में भूजल को छोड़कर यदि सिंचाई के लिए अन्य स्रोतों से पानी की व्यवस्था नहीं की जाती है तो सर्दियों में उगने वाली ...
तीन-चौथाई जरूरतमंद परिवारों को सितम्बर 2020 में नहीं मिला मुफ्त राशन: सर्वे
लॉकडाउन के दौरान फरवरी में करीब दो तिहाई (69 फीसदी) ने अपना काम खो दिया था, इनमें से 20 फीसदी को अभी भी काम नहीं ...
फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा रही हैं जलवायु अनुकूलन के लिए बनाई परियोजनाएं
जलवायु परिवर्तन और उससे उपजे संकट से निपटने के लिए शुरु की गई परियोजनाएं हाशिए पर रहे लोगों की मुसीबतों को और बढ़ा रही ...
59 फीसदी भारतीयों ने माना दुनिया में चल रहा है जलवायु आपातकाल: सर्वे
सर्वेक्षण में शामिल 50 से भी ज्यादा देशों के दो-तिहाई लोगों ने इस समय को जलवायु आपातकाल माना है
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देशी ज्ञान की है अहम भूमिका
समुदाय आधारित पारिस्थितिक कैलेंडर बनाने से जलवायु परिवर्तन की स्थिति में स्थानीय स्तर पर इससे निपटने की क्षमता का विकास होगा
गर्म होते मौसम में बढ़ेंगे फसल चट करने वाले कीट-पतंगे, कीटनाशक भी होंगे बेअसर
कीट-पतंगे दुनिया भर में फसलों को हर साल 4 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाते हैं, इन पर कम से कम 97 कीटनाशक ...
जानिए कितने साल जिन्दा रहेगा देश में आज पैदा हुआ बच्चा
भारत में जीवन प्रत्याशा छत्तीसगढ़ में सबसे कम है| जहां आज पैदा होने वाला बच्चा या बच्ची औसतन 63 वर्ष 7 महीनों तक ही ...
भारत में भूख का स्तर गंभीर
12 अक्टूबर को जारी वैश्विक भूख सूचकांक बताता है कि देश में भूख और कुपोषण की समस्याएं व्यापक स्तर पर फैली हुई हैं।
नहीं मिली सरकारी मदद, कोरोना से उपजे आर्थिक संकट के सामने असहाय 270 करोड़ लोग
ऑक्सफेम की नई रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की एक तिहाई आबादी को कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है
धन्यवाद मोदी जी
मौजूदा राजनीतिक माहौल में आभार जताना भी एक राजनीतिक प्रोपेगैंडा बन गया है
दुनिया भर में जानलेवा तंबाकू की फसलों को सब्सिडी देना बंद करे सरकारें: डब्ल्यूएचओ
120 से अधिक देशों में 30 करोड़ हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग घातक तंबाकू उगाने के लिए किया जा रहा है, यहां तक ...
विश्व मधुमक्खी दिवस 2023: दुनिया की 75 फीसदी खाद्य फसलों को पालती हैं मधुमक्खियां
दुनिया की लगभग 90 फीसदी जंगली फूलों वाली पौधों की प्रजातियां, पूरी तरह से या आंशिक रूप से जीवों के परागण पर निर्भर करती ...
अरुणाचल में मिली मधुमक्खी की नई प्रजाति, इसका नाम सेराटिना तवांगेंसिस रखा गया
यह अनोखी प्रजाति तवांग जिले में 1,600 से 2,300 मीटर की ऊंचाई पर पाई जा सकती है, यह एक चमकदार काले रंग की है ...
59 फीसदी किसानों ने कहा, एमएसपी पर बने कानून: सर्वे
अपने बच्चों को भी किसान बनते देखना चाहते हैं 34 फीसदी किसान, जबकि 51 फीसदी ने माना उनके लिए फायदेमंद है खेती
अमेरिका में औसतन आठ में से एक परिवार के बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं
पूरे अमेरिका में कोरोनावायरस महामारी से लाखों बच्चे प्रभावित है, तुरंत एक करोड़ चालीस लाख बच्चों को भोजन चाहिए
क्या सच में जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ सकती है धान की पैदावार
तापमान में हो रही वृद्धि के कारण ठन्डे इलाकों में भी धान की एक से ज्यादा बार फसल प्राप्त की जा सकती है
मधुमक्खियों-भौरों की मौत का कारण बन रहा है भारत का वायु प्रदूषण
बेंगलुरु के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज में शैनन ओलसन के नेतृत्व में गीता थिमेगौड़ा और उनके सहयोगियों ने 1800 से अधिक जंगली मधुमक्खियों ...
एक सोलर पैनल करेगा दो काम, बिजली के अलावा मिलेगी अच्छी फसल
'एग्रीवोल्टिक्स' नामक यह तकनीक ने केवल किसानों के लिए फायदेमंद है साथ ही इसकी मदद से सोलर एनर्जी में भी वृद्धि की जा सकती ...
पौधों के लिए खतरनाक है ओजोन, परागणकों के लिए फूलों को ढूंढना बना रहा है कठिन
ओजोन प्रदूषण फूलों का रंग बदल सकता है, परागणकों को देखने के संकेतों पर असर डाल सकता है, पराग के साथ सीधे प्रतिक्रिया कर ...
100 करोड़ अतिरिक्त लोगों का भर सकता है पेट, पशु चारे में करना होगा बदलाव
अध्ययन के निष्कर्ष दर्शाते हैं कि प्राकृतिक संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डाले बिना यह बदलाव 13 फीसदी अतिरिक्त लोगों की खाद्य जरूरतों को पूरा ...
मध्य प्रदेश: कुपोषण बनाम कुनीति
मध्यप्रदेश में बच्चों में एनीमिया में कमी की दर 0.1 प्रतिशत और गर्भवती महिलाओं में 0.3 प्रतिशत है. ऐसे सूचकों के सामने होने के ...
मध्यप्रदेश में कुपोषण एवं पोषण-आहार की तथा-कथा
जुलाई-अगस्त 2015 में बहुत जोश-खरोश के साथ आंगनवाडी केन्द्रों में दूध देने का प्रावधान किया गया था, क्योंकि प्रोटीन के लिए अंडे नहीं देने ...