गर्म होते मौसम में बढ़ेंगे फसल चट करने वाले कीट-पतंगे, कीटनाशक भी होंगे बेअसर

कीट-पतंगे दुनिया भर में फसलों को हर साल 4 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाते हैं, इन पर कम से कम 97 कीटनाशक ऐसे है जिनका असर नहीं हो रहा है।

By Dayanidhi

On: Tuesday 14 September 2021
 
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स

इस सदी की बदलती जलवायु के चलते दुनिया भर में कीटों के फैलने और उन पर कीटनाशकों के बेअसर होने की आशंका बढ़ गई है। फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले इन कीट-पतंगों की वजह से वैश्विक खाद्य सुरक्षा का संकट गहरा रहा है।

एक नए अध्ययन में कहा गया है कि फसलों को सबसे अधिक हानि पहुंचाने वाले कीटों में से एक डायमंडबैक मौथ के अब साल भर जीवित रहने के आसार हैं। यह अमेरिका, यूरोप और दक्षिण एशिया के बड़े हिस्सों में कीटनाशकों के प्रतिरोध को तेजी से विकसित करेगा। जबकि इससे पहले यह कीट सर्दियों में मर जाता था।   

मोथ, प्लूटेला जाइलोस्टेला, जिसे गोभी के कीट के रूप में भी जाना जाता है, पहले से ही ब्रोकोली, फूलगोभी, पत्ता गोभी, सरसों, मूली, शलजम, जलकुंभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और अन्य फसलों को हर साल दुनिया भर में 4 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाता है। इस पर कम से कम 97 कीटनाशकों का असर नहीं होता है। साथ यह दुनिया की सबसे अधिक कीटनाशक प्रतिरोधी प्रजातियों में से एक है।

यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है जिसमें राइस यूनिवर्सिटी और चाइनीज एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला और क्षेत्र के प्रयोगों में वर्षों लगाए हैं। भविष्य में जलवायु के गर्म होते परिदृश्यों को कंप्यूटर सिमुलेशन और मौथ या कीट पर दशकों तक शोध कर उसका मेटा-विश्लेषण किया।

राइस विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान के प्रोफेसर और सह अध्ययनकर्ता वोल्कर रुडोल्फ ने कहा कि इस बारे में पूरी जानकारी है कि जलवायु परिवर्तन प्रजातियों के वितरण और श्रेणियों में बदलाव कर रहा है, लेकिन चुनौती यह अनुमान लगाने की है कि प्रजातियां दुनिया के किस हिस्से में जाएंगी।

प्रमुख अध्ययनकर्ता रुडोल्फ जिन्होंने एक विशिष्ट तंत्र को अलग करने के उद्देश्य से प्रयोगशाला प्रयोगों के साथ शुरुआत की, जिसका उपयोग सटीक रूप से पूर्वानुमान लगाने के लिए किया जा सकता है कि बदलती जलवायु के जवाब में डायमंडबैक कीट-पतंगें कैसे विकसित होगें तथा ये किस तरह प्रतिक्रिया देगें।

पिछले प्रयोगों में पाया गया था कि सबसे ठंडे तापमान पर कुछ ही पतंगे जीवित रह सकते हैं, लेकिन यह भी अच्छी तरह से पता था कि पतंगे हर सर्दियों में उन जगहों पर मर जाते हैं जहां तापमान काफी अधिक होता है।

रुडोल्फ ने कहा कि प्रयोगशाला अध्ययनों ने टीम को यह अनुमान लगाने की मदद मिली है कि सर्दियों में एक महत्वपूर्ण सीमा से नीचे हर रोज का कम तापमान के आधार पर पतंगे सर्दियों में या साल भर जीवित रह सकते हैं, एक मीट्रिक जिसे उन्होंने कम तापमान के दिन करार दिया।

रुडोल्फ ने कहा कि यह 90 फीसदी से अधिक मृत्यु दर का पूर्वानुमान लगाता है। आमतौर पर इनके बीच इतने मजबूत संबंध नहीं पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसने शोधकर्ताओं को एक साधारण बदलाव के बारे का इशारा दिया जो कि यांत्रिक रूप से प्रजातियों के अस्तित्व से जुड़ा हुआ था और पिछले जलवायु आंकड़ों या जलवायु के भविष्य मॉडल से गणना करना वास्तव में आसान था।

शोधकर्ताओं ने पाया कि पिछले 50 वर्षों में जलवायु परिवर्तन ने डायमंडबैक कीट (मौथ) की सर्दी की अधिक सीमा या ओवरविन्टरिंग रेंज को 925,000 वर्ग मील से अधिक बढ़ा दिया है। उन्होंने यह भी दिखाया कि 1 डिग्री सेल्सियस के औसत वैश्विक तापमान में प्रत्येक वृद्धि से मोथ की ओवरविन्टरिंग रेंज लगभग 850, 000 वर्ग मील तक फैल जाएगी। अध्ययन में कहा गया है कि वर्तमान जलवायु मॉडल का अनुमान है कि आने वाले 100 से 150 वर्षों के दौरान वैश्विक तापमान में 2 से 6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी।

रुडोल्फ ने कहा कि डायमंडबैक मौथ कीटनाशक प्रतिरोध के दशकों के पिछले अध्ययनों के मेटा-विश्लेषण के साथ संयुक्त अधिक सर्दी के आंकड़ों ने टीम को यह दिखाने की अनुमति दी कि जलवायु परिवर्तन अमेरिका, चीन, जापान और भूमध्यसागरीय हिस्सों में विकसित कीटनाशक प्रतिरोध की समस्या को नाटकीय रूप से कैसे बदल सकता है जो वर्तमान में मौथ या पतंगे के लिए अधिक सर्दी की सीमा तक बढ़ रहा है।

रुडोल्फ ने कहा कि हम ओवरविन्टरिंग की परवाह करते हैं क्योंकि अगर वे सर्दियों में जीवित रहते हैं और साल भर रहते हैं तो कीटनाशक प्रतिरोध के तेजी से विकास होगा। यह अध्ययन जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित हुआ है।

डायमंडबैक मौथ और कई अन्य फसल कीट जैसे आर्मीवर्म, प्लांट हॉपर, लीफरोलर और एफिड्स की कुछ प्रजातियां गर्म क्षेत्रों में सर्दियों के मौसम में रहती हैं और सालाना पलायन करती हैं। जिससे उन क्षेत्रों में फसलों को काफी नुकसान होता है जहां वे ओवरविन्टर नहीं कर सकते। रुडोल्फ ने कहा कि जहां ये प्रजातियां ओवरविन्टर नहीं कर सकती हैं, वे कीटनाशक प्रतिरोध विकसित करने के लिए धीमे पाए गए हैं।

क्योंकि वे हमेशा किसी विशेष इलाके को फिर से बसाने के लिए कहीं और से आते हैं, इसलिए हर साल इनके अलग-अलग पूर्वजों के आने की आशंका सबसे अधिक होती है। तो आप कीटनाशक प्रतिरोध के लिए मौसम के भीतर चयन कर सकते हैं, लेकिन पूरे मौसम में चयन रुक जाता है।

शोधकर्ताओं के डायमंडबैक पतंगों में कीटनाशक प्रतिरोध के वैश्विक मेटा-विश्लेषण ने इन दो प्रकार की विकासवादी प्रक्रियाओं के बीच महत्वपूर्ण अंतर का पता लगाया कि ठंडे या ओवरविन्टरिंग साइटों पर औसत कीटनाशक प्रतिरोध 158 गुना अधिक था।

अध्ययन में पाया गया कि साल भर की सीमा की दोहरी मार और कीटनाशक प्रतिरोध के अधिक तेजी से विकास नियंत्रण के प्रयासों को गंभीर रूप से बाधित कर सकते हैं और डायमंडबैक पतंगों से किसानों को अधिक आर्थिक नुकसान हो सकता है।

अध्ययन में कहा गया है कि बदलती दुनिया में सक्रिय कीट प्रबंधन विकसित करने, नियंत्रण प्रयासों की लागत को कम करने और प्राकृतिक दुश्मनों और पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य पहलुओं पर प्रभाव को कम करते हुए खाद्य सुरक्षा को आश्वस्त करने के लिए निष्कर्षों का उपयोग किया जा सकता है।

अध्ययनकर्ताओं ने कहा हमारे परिणाम क्षेत्रों में सर्दियों में कीटों के अस्तित्व में अंतर के अनुकूल होने के लिए कीट प्रबंधन रणनीतियों को शामिल करने के महत्व पर जोर देते हैं और इस बात पर भी जोर देता है कि भविष्य में जलवायु परिदृश्यों में किस तरह का बदलाव आएगा।

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