2020 में की गई 331 मानवाधिकार रक्षकों की हत्या, 6 भारतीय भी शामिल
2020 में करीब 331 मानवाधिकार रक्षकों की हत्या कर दी गई थी| इनमें से दो-तिहाई पर्यावरण, जमीन और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के ...
इंसानी शोर में घुटता संगीत: झींगुरों के अस्तित्व पर भारी पड़ रहा इंसानी शोर
कभी शाम ढलते ही वातावरण में कीटों की आवाज संगीत की तरह गूंजा करती थी, लेकिन बढ़ते इंसानी शोर में यह संगीत कहीं दब ...
भविष्य में अपना अधिकतर समय पेड़ों पर ही बिताएंंगी छिपकलियां!
अध्ययन के मुताबिक, जलवायु संकट और अत्यधिक गर्मी जानवरों को अधिक आरामदायक जगहों की तलाश करने के लिए मजबूर करती है, जैसे हम गर्म ...
लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने में मदद कर सकते हैं तकनीक और अर्थनीति, लेकिन कैसे?
शोध के मुताबिक, लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए तकनीक से आंकड़ों को जोड़ने, दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने, लोगों को प्रकृति से ...
फिर क्यों आंदोलित हैं उत्तराखंड के लोग, क्या है भू-कानून और मूल निवास का मुद्दा?
24 दिसंबर 2023 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सख्त भू कानून और मूल निवास प्रमाणपत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा
प्रतिबंधित श्रेणी की मछलियों का नहीं किया जाना चाहिए संवर्धन और विकास: एनजीटी
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
युद्ध क्षेत्र से हजारों किमी दूर भारत में भी जैवविविधता को प्रभवित कर सकता है रूस-यूक्रेन संघर्ष
शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि यदि रूस और यूक्रेन से होने वाला फसल निर्यात पूरी तरह बंद हो जाता है तो उसकी वजह ...
भारत में जल, जंगल, जमीन के लिए एक दशक में 79 पर्यावरण प्रहरियों की हुई हत्या
वहीं 2012 से 2021 के बीच दुनिया भर में 1,733 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी, क्योंकि वो अपने पर्यावरण को बचाने ...
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है शिमला विकास की नई ड्राफ्ट योजना, एनजीटी ने लगाई रोक
कोर्ट ने आगाह किया है कि अगर हिमाचल प्रदेश सरकार इस ड्राफ्ट योजना के साथ आगे बढ़ती है, तो इसके पर्यावरण और सार्वजनिक सुरक्षा के ...
अतीत से: सबसे जानलेवा द ग्रेट भोला चक्रवात
5 लाख लोगों की मौत का कारण बने इस चक्रवात के बाद पूर्वी पाकिस्तान में व्यापक असंतोष पनपा और उसकी स्वायत्तता की मांग ने ...
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: अंधाधुंध खेती से जैव विविधता पर पड़ रहा है भारी असर: शोध
शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि 2070 के अनुमानित तापमान के चलते जंगल की जैव विविधता और खेती के बीच ...
दुनिया भर में भूजल के भंडार और जैव विविधता के संरक्षण में है भारी कमी : अध्ययन
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में भूजल के प्राकृतिक भंडार और जलग्रहण क्षेत्रों का मानचित्रण किया और पाया कि भूजल पर निर्भर पारिस्थितिक तंत्र वाले ...
भारत किस तरह हासिल कर सकता है जैव विविधता संरक्षण के लक्ष्य, वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
भारत के सबसे अहम संरक्षण वाले क्षेत्रों में से केवल 15 फीसदी संरक्षित क्षेत्र के तहत कवर किए गए हैं
जलवायु संकट : क्या एशिया के सबसे बड़े घास मैदान को छोड़ देंगे कच्छ के मालधारी?
खारेपन को दूर करने के बजाए इस पागल बबूल ने बन्नी की पारिस्थितिकी को नष्ट करना शुरू कर दिया। घास कम होती गई और ...
दुनिया में मांस का बढ़ता उपभोग, जमीनों पर डाल रहा दबाव : यूएनसीसीडी
यदि प्रति दिन प्रति व्यक्ति मांस के 100 ग्राम उपभोग में महज 10 ग्राम की कटौती कर दे तो मानव स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन ...
इंसानी गतिविधियों के चलते तेजी से कम हो रहे हैं कशेरुकी जीव
अध्ययन में पाया गया कि कशेरुकी जीवों पर जलवायु परिवर्तन, आक्रामक प्रजातियों, आवास का नुकसान, प्रदूषण जैसे मानवजनित खतरों के चलते इनके ढ़लने या ...
खेती पर बढ़ते दबाव से जीवों की 20 हजार प्रजातियां हो सकती हैं प्रभावित
शोध में अनुमान लगाया कि बढ़ती वैश्विक आबादी को खिलाने के लिए कृषि में विस्तार करने से स्तनधारियों, पक्षियों और उभयचरों की लगभग 20 ...
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: एनजीटी ने सभी राज्यों में पर्यावरण की बहाली के लिए कार्य योजना तैयार करने का दिया निर्देश
अंतरराष्ट्रीय वन दिवस विशेष: अच्छी नहीं होती सभी हरियाली और बुरे नहीं होते सभी मरुस्थलीय पर्यावास
विकास के क्रम में विखंडित पर्यावास, अत्यधिक चराई एवं आक्रामक विदेशी प्रजातियां वनों के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा रही हैं
आखिर क्यों आंदोलन कर रहे हैं नोएडा के किसान?
नोएडा के 81 गांवों के किसान 1 सितंबर 2021 से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं
दुनिया भर में ताजे पानी के चक्र में आया भारी बदलाव, मानवजनित गतिविधियां जिम्मेवार
जल चक्र में हुए बदलाव के कारण दुनिया भर में इससे प्रभावित भूमि क्षेत्र पूर्व-औद्योगिक स्थितियों की तुलना में दोगुना हो गया है
वादों के बावजूद 2022 में बढ़ती इंसानी महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गए 66 लाख हेक्टेयर में फैले जंगल
ऐसे में यदि हमें 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्यों की राह में वापस पटरी पर लौटना है तो 2023 तक दुनिया में होती जंगलों ...
वनों की कटाई से जलवायु में होने वाला बदलाव बचे हुए वनों को नुकसान पहुंचाता है
वनों की कटाई का अन्य जगहों पर उगने वाले जंगलों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इसके कारण क्षेत्र के हवा के तापमान और ...
अपने घोंसलों से ज्यादा दूर नहीं जाते छोटे पंख वाले पक्षी, झेलते हैं दिक्कतें
उष्णकटिबंध में रहने वाले जंगली पक्षी आइबिस, नीले और सुनहरे मकोव, हरे हनीक्रीपर तथा कई अन्य प्रजातियां, रहने की जगहों के नुकसान होने से ...