जिंदगी खतरे में डाल मछलियां पकड़ने को मजबूर हैं सुंदरवन के मछुआरे
जानकारों का कहना है कि सुंदरवन में जमीन घट रही है। 1969 से लेकर अब तक सुंदरवन की 250 वर्ग किलोमीटर जमीन पानी में ...
उत्तराखंड के 180 वर्ग किमी क्षेत्र में उगा जंगल, नहीं मिलेगी खेती की इजाजत
यूसैक की रिपोर्ट के मुताबिक, हर जिले में 10 से 15 वर्ग किमी कृषि भूमि पर जंगल उग चुका है, जिसे डीम्ड फॉरेस्ट कहा ...
लक्षित आबादी तक पहुंच नहीं पाया वन विकास निगम
एफडीसी के कई उद्देश्यों में से एक प्रमुख उद्देश्य था, पिछड़े क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को पर्याप्त सहयोग व वानिकी गतिविधियों के विकास पर निर्भर आदिवासी ...
क्या बारिश से ही बुझ सकती है जंगल की आग
उत्तराखंड के जंगलों में आग का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। याचिकाकर्ता ने कहा, हर साल लगने वाली आग वन्य जीवों के लिए खतरा बन ...
आठ माह से बीमार हथिनी लक्ष्मी को नहीं मिल रहा इलाज
आला अधिकारियों के फ़ैसला लेने में हुई देरी के चलते लक्ष्मी को शुरुआती दौर में बेहतर इलाज नहीं मिल सका।
अतीत के जंगल को समझने और जानने की अहम कड़ी हैं हिममानव
60 वर्षों से हिममानव यानी येति की खोज करने वाले एक घुमंतू लेखक डेनियल सी टेलर का डाउन टू अर्थ को दिया गया साक्षात्कार।
15 साल में धरती का 35,204 वर्ग किमी वन क्षेत्र कम हुआ
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आबादी के दबाव और गरीबी के कारण भूमि क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहे हैं
वन भूमि की परिभाषा और राज्यों के अधिकारों पर सतह पर आया विमर्श
डी-नोटिफाइड जमीन पर छत्तीसगढ़ और भारत सरकार फिर आमने -सामने है
बैठे ठाले: एक लोक कथा
“राजा नकटा है और दुष्ट सौदागर के साथ जंगल को काटने वाला है”
सुलगता खतरा
नाइजीरिया चारकोल की मांग पूरी करने के लिए ऊष्णकटिबंधीय वन तेजी से खोता जा रहा है। इस सस्ते ईंधन ने देश की जैव विविधता ...
आवरण कथा: क्या गायब हो गए हैं 2.59 करोड़ हेक्टेयर में फैले जंगल
फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण का विश्लेषण से करने से पता चला है कि भारत से लगभग उत्तर प्रदेश के आकार का वन ...
कैसे हो एशियाई देशों में खराब भूमि और जंगलों की बहाली?
अध्ययन के मुताबिक 4.75 करोड़ हेक्टेयर भूमि के पुनर्स्थापन लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगभग 15,700 करोड़ बीजों की आवश्यकता पड़ेगी।
जंगल की आग की बढ़ती घटनाओं से अधिक खतरनाक हो सकते हैं तूफान: शोध
शोधकर्ताओं ने विभिन्न पौधों की सामग्री को एकत्र किया, फिर उन्हें जलाया और उसके बाद धुएं में उत्सर्जित कणों का विश्लेषण किया।
न कोरोना का भय, न लॉकडाउन का असर, यहां नहीं थमी जिंदगी
झारखंड की अनुसूचित जनजाति की 80 फीसदी आबादी जंगलों में रहती है और इनकी जिंदगी में अभी कोई बदलाव नहीं आया है
कैग ने पकड़ी राजस्थान के वन एवं पर्यावरण विभाग की खामियां
वन्यजीव एवं पर्यावरण संबंधी अपराधों में राजस्थान का नंबर दूसरा है, बावजूद इसके सरकार गंभीर नहीं है
डीएमएफ: केवल 34 प्रतिशत पैसा ही खर्च कर पाए राज्य
खनन की वजह से विस्थापित होने वाले लोगों के लिए सरकारें खनन कंपनियों से पैसा तो वसूल रही हैं, लेकिन विस्थापितों पर खर्च नहीं ...
देश में चल रहे हैं 703 जमीनी विवाद, 65 लाख लोग प्रभावित: रिपोर्ट
लैंड कंफ्लिक्ट वाच की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकारों ने जब से लैंड बैंक बनाना शुरू किया है, तब से ...
रिहाइशी इलाके में पहुंचा बाघ, वन विभाग की चिंता कुछ और ही
छत्तीसगढ़ के वन अधिकारी इस बात से परेशान हैं कि अगर लोगों ने बाघ को मार दिया तो राज्य में बाघों की संख्या कम ...
भोपाल के बीचोबीच बचे प्राकृतिक जंगल को खतरा, विरोध के स्वर तेज
भोपाल में विधानसभा भवन के ठीक पीछे प्रस्तावित विधायक आवास की वजह से सैकड़ों पेड़ कटेंगे। शहर के पर्यावरणप्रेमी इस फैसले का विरोध कर ...
इंसानों के कारण व्यवहार बदल रहे हैं चिम्पांजी
आबादी घटने के साथ ही चिम्पांजी का व्यवहार परिवर्तित हो रहा है। इंसान ही चिम्पांजी के सांस्कृतिक पतन के मूल में हैं
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021: तापमान के साथ ही बढ़ी जंगलों में आग लगने की घटनाएं
पिछले 30 सालों में 42 करोड़ हेक्टेयर में फैले वनों को काट दिया गया है
जग बीती: पेड़ लगाने के फायदे!
वृक्ष संरक्षण या कटाई अधिनियमों के लिए केंद्रीकृत दिशानिर्देशों की आवश्यकता नहीं: पर्यावरण मंत्रालय
मंत्रालय का कहना है कि प्रत्येक राज्य के पास अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर इसके लिए पहले ही नियम-कानून हैं।
तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को तूफानों से बचाते हैं मैंग्रोव वन: अध्ययन
जिन इलाकों में मैंग्रोव वन कवर अधिक होता है वहां दूसरे क्षेत्रों की तुलना में तूफानों से होने वाला नुकसान कम होता है।
418 साल के सरेई बाबा के बारे में जानते हैं आप?
पेड़ की उम्र उसकी मोटाई देखकर या नापकर तय होती है। इसके अलावा कार्बन डेटिंग से भी पेड़ का उम्र का पता चलता है