आबादी बढ़ने के साथ हंपबैक व्हेल कम विलाप करती हैं: शोध
जैसे-जैसे व्हेल का घनत्व बढ़ता गया, उनका प्रेमालाप करने का तरीका बदलता गया। जबकि 2004 में 10 में से दो नर गायक हुआ करते ...
आजादी की 75वीं वर्षगांठ से पहले नहीं आ पाएंगे अफ्रीकी चीतें, क्या है वजह?
तय कार्यक्रम के मुताबिक 13 अगस्त 2022 तक दक्षिण और नामीबिया से आठ चीतें भारत लाए जाने थे, लेकिन अब इसमें दो सप्ताह से ...
जैव-विविधता पर जिनेवा सम्मेलन: आकांक्षापूर्ण लक्ष्यों की जरूरत क्योंकि पहले ही हो चुका काफी नुकसान
जानवरों और पौधों की दस लाख प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रही हैं और इनमें से हजारों तो कुछ दशकों के ...
तीन सालों की गिरावट के बाद 2021 में शार्क के हमलों में दर्ज की गई 40 फीसदी की बढ़ोतरी
2021 के दौरान शार्क के अकारण हुए 73 हमले दर्ज किए गए थे, जिनमें से सबसे ज्यादा करीब 64 फीसदी अकेले अमेरिका में सामने आए ...
5,000 करोड़ से ज्यादा पक्षियों का घर है धरती, हम इंसानों से छह गुना हैं ज्यादा
इन पक्षियों में एक तरफ गौरैया है जिनकी कुल वैश्विक आबादी 160 करोड़ से भी ज्यादा है, वहीं 12 फीसदी प्रजातियां ऐसी हैं, जिनकी आबादी 5,000 से भी कम है
धरती का केवल 2.8 फीसदी हिस्सा ही रह गया है अनछुआ, पिछले अनुमान से 10 गुना है कम
जो क्षेत्र आज भी अनछुए हैं उनका केवल 11 फीसदी हिस्सा संरक्षित क्षेत्रों के अंदर आता है| इनमें काफी क्षेत्र ऐसे हैं जो आज ...
जलवायु नहीं, 96 फीसदी लोग हैं मौजूदा जैव संकट के जन्मदाता : रिपोर्ट
शोधकर्ताओं के अनुसार स्तनधारियों की वर्तमान विलुप्ति दर डायनासोर युग के अंत के बाद से सबसे बड़ी विलुप्त होने की घटना है।
वन विभाग की टीम पर हाथियों ने बोला हमला, एक वन रक्षक की मौत
नेपाल से आए दो हाथी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के इलाकों में आतंक मचा रहे हैं। पकड़ने आए वन रक्षा कर्मचारियों पर हमला बोल ...
भरतपुर के केवलादेव से विलुप्त हुईं कई जीव प्रजातियां
जीवों की आबादी में होने वाले परिवर्तन के लिए स्थलीय एवं नम आश्रय-स्थलों में बदलाव को जिम्मेदार माना जा रहा है
और तेज करने होंगे विलुप्त होते गिद्धों को बचाने के उपाय
कई देशों में रसूखदार लोग, तंत्र क्रिया वाले और घरों में पालने के लिए लोग गिद्धों की मुंहमांगी कीमत देते रहे है
पहली बार किंग पेंगुइन को बर्ड फ्लू ने बनाया शिकार, उप-अंटार्कटिक क्षेत्र में वायरस ने बढ़ाई चिंताएं
अत्यंत संक्रामक एवियन इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन एच5एन1 क्लैड 2.3.4.4बी, दुनिया भर में लाखों पक्षियों और स्तनधारियों की मौत का कारण बन चुका है
विश्व वन्यजीव दिवस: जानिए क्यों मनाया जाता है, क्या है इस साल का विषय
जंगली जीवों और वनस्पतियों की 8,400 से अधिक प्रजातियां गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं, जबकि 30,000 से अधिक लुप्तप्राय या खतरे में हैं
लोगों के 250 मीटर दूर होने पर भी वन्यजीवों पर इसका बुरा असर पड़ता है: अध्ययन
मध्यम आकार के वन्यजीवों के लिए प्रभावित होने की सीमा 50 मीटर है, एल्क जैसे बड़े खुर वाले स्तनपायी से लोगों को 500 से ...
दुनिया में केवल 27,427 गैंडे रह गए हैं शेष, इन कारणों से अस्तित्व पर मंडराया खतरा
संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों, कानूनों को सख्ती से लागू करने के साथ-साथ प्राकृतिक आवासों में होते विस्तार के चलते भारत और ...
अफ्रीका में खनन गतिविधियों के चलते 180,000 गोरिल्ला, चिम्पांजियों पर मंडरा रहा खतरा
गिनी में, खनन गतिविधियों की वजह से 23,000 से अधिक चिंपैंजी प्रभावित हो सकते हैं, जो वहां पाए जाने वाले सभी एप्स का करीब ...
चिंताजनक: स्तनधारियों के मस्तिष्क की कोशिकाओं में मिला पारे का उच्च स्तर
शोध में कहा गया कि नेवले के मस्तिष्क की जांच करने पर इन आक्रामक जानवरों में पारे का पता चला
असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में दो नई स्तनधारी प्रजातियों की हुई खोज
अनोखे बिंटूरोंग और छोटे पंजे वाले ऊदबिलाव के साथ ही गैंडों के आवास में अब स्तनधारियों की संख्या 37 हो गई है।
विलुप्ति का सामना कर रहे नए लंगूर की हुई खोज
वैज्ञानिकों ने म्यांमार के जंगलों में रहने वाली एक नई प्रजाति के लंगूर की पहचान की है
वैज्ञानिकों ने खोजी दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी हरे एनाकोंडा की नई प्रजाति
हरे एनाकोंडा की सबसे बड़ी मादाएं सात मीटर से अधिक लंबी हो सकती हैं और उनका वजन 250 किलोग्राम से अधिक हो सकता है
बैठे ठाले: अगले जनम मोहे कूनो न भेजियो!
“प्रभु मुझे कूनो नहीं भा रहा है। मैं चाहती हूं कि आप मुझे नामीबिया भेज दें जहां मैं सत्यवान के बच्चों की मां बन ...
विलुप्ति के कगार पर पहुंची एशियाई चीता ने दुर्लभ शावकों को दिया जन्म
चीता एक बार भारत के पूर्वी इलाकों में रहते थे, अब वे दक्षिण अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं, लेकिन वे उत्तरी ...
किस तरह हो शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और वन्यजीव संरक्षण के बीच संतुलन: शोध
शहरीकरण का प्रभाव शहरों में अलग-अलग होता है, गर्म और कम वनस्पति वाले शहरों में वन्यजीव विविधता में अधिक गंभीर गिरावट देखी जा रही ...
उत्तराखंड: वन्य जीवों की दहशत से ‘भुतहा’ होते गांव
गुलदार के डर से उत्तराखंड के पौड़ी जिले के दो गांव एक सप्ताह में खाली हो गए और एक गुलदार भी मारा गया, लेकिन ...
रेगिस्तान के ओरणों में क्यों मर रहे चिंकारा?
राजस्थान के जैसलमेर जिले के ओरणों में पिछले तीन-चार महीनों में 100 से ज्यादा चिंकारा हिरणों की अकाल मौत हुई है
जंगल की आग के धुएं से बदल रहा है जंगली जानवरों के बच्चों का व्यवहार
अध्ययन से पता चला कि धुएं के सम्पर्क में आए बच्चों में उत्तेजित होने में वृद्धि देखी गई, तनाव, याददास्त की कमी और अन्य ...