हिमाचल के धर्मशाला में बादल फटा, नदी-नालों में बाढ़ से भारी नुकसान

पिछले 15 दिनों के सूखे के बाद भारी बारीश, धर्मशाला में 24 घंटे में 184 एमएम बारिश

By Rohit Prashar
Published: Monday 12 July 2021
बादल फटने के कारण आई बाढ़ में कई गाड़ियां बह गई। फोटो: राेहित पराशर

 

मानसून सीजन में पिछले 15 दिनों के सूखे के बाद सोमवार 12 जुलाई को हिमाचल में भारी बारीश और बादल फटने की वजह से भारी तबाही हुई है। पर्यटन नगरी धर्मशाला के भागसू नाग में सुबह के समय बादल फटने से बाजार और घरों में भारी जल सैलाब आया, जिसमें 10 से अधिक गाड़ियां बह गई हैं और कई घरों को जलभराव और मलबा भरने से क्षति पहुंची है।

धर्मशाला के स्थानिय निवासी नरेश ठाकुर ने डाउन टू अर्थ को बताया कि रविवार रात को 10 बजे से ही बारिश शुरू हो गई थी, जिसका क्रम सुबह तक जारी रहा। उन्होंने बताया कि सुबह 9 बजे के करीब इतनी तेज हो गई कि सामने कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। तेज बारीश की वजह से धर्मशाला के कई स्थानों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है और लोग सहमे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षाें में यह पहला मौका है जब उन्होंने एक दिन में इतनी बारिश को देखा है।

वहीं मौसम विभाग की ओर से दो दिन पहले 11 और 12 जुलाई के लिए प्रदेश के 12 में से 7 जिलों में ओरेंज अलर्ट जारी किया गया था। मौसम विभाग की ओर से अभी 13 जुलाई को भी धर्मशाला समेत अन्य जिलों में ओरेंज और यलो अलर्ट जारी किया गया है।

रविवार रात और सोमवार सुबह हुई भारी बारीश की वजह से कांगड़ा जिले की गज मांझी और चरान खड्ड उफान में हैं। गौर रहे कि इन खड्डों के दोनों किनारों में भारी रिहाईश और खासकर मांझी खड्ड के किनारे कई प्रवासी झुग्गियां बनाकर रह रहे हैं। ऐसे में इन दर्जनों झुग्गियों के बहने और कई पक्के मकानों को नुकसान पहुंचा है।

कांगड़ा के घर्मशाला में बादल फटने की घटना के चलते प्रशासन की ओर से राहत कार्य शुरू कर दिया है। कांगडा के एसपी विमुक्त रंजन स्वयं धर्मशाला पहुंच कर राहत कार्याें का जायजा ले रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन की ओर से खड्डो में आए भारी बहाव से बह गए घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है।

मौसम विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार धर्मशाला में पिछले 24 घंटों में 184 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जबकि कांगड़ा जिले के पालमपुर में भी 155 एमएम बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य से अधिक है।

मौसम विभाग के पिछले पांच सालों के आंकडों को देखा जाए तो लगातार पांच सालों से कांगड़ा जिला में बारीश में कमी देखी गई है। जबकि अब एक साथ एक दिन में भारी बारिश का होना असामान्य घटना मानी जा रही है। वर्ष 2016 में कांगड़ा जिला में माइनस 9 फीसदी, 2018 में माइनस (-)5, 2019 में माइनस -23 और 2020 में माइनस -32 फीसदी बारिश दर्ज की गई है।

मौसम विभाग के आंकडों के अनुसार वर्ष 2020 में जुलाई माह में पूरे कांगड़ा जिले में कुल 390 एमएम बारीश दर्ज की गई थी, जबकि सोमवार को अकेले घर्मशाला में ही 184 एमएम बारीश दर्ज हुई है।

पिछले कई सालों से हिमाचल में बारीश और बर्फबारी के क्रम में बदलाव देखा जा रहा है। इस साल भी हिमाचल में जहां साल के पहले दिन महिनों जनवरी में सामान्य से माइनस 58 फीसदी, फरवरी में माइनस 80 और मार्च में माइनस 62 फीसदी कम बारीश देखी गई है। वहीं अप्रैल माह में जब हिमाचल में फलों की फ्लावरिंग का सीजन और फसलांे की कटाई का सीजन होता है, ऐसे समय में सामान्य से 70 फीसदी अधिक बारीश दर्ज की गई है। जिससे किसान-बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

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