पहले कभी नहीं हुई ऐसी विलुप्ति
यह एजेंडा पूरी मानवता के लिए है कि वह इस धरती और उसके संसाधनों को मानवीय हमलों से बचाए
Decoding Indo-US nuke deal
Union budget 2024-25: Has India abandoned measuring income poverty?
It is over 10 years since India estimated its poverty; for which poverty reduction did the Finance Minister then take credit for?
Economic Survey 2022-23: Special mention of women Self-Help Groups; will it translate to largesse
While commercial banks waive off loans to stay healthy, the women-led world’s largest microfinance operation thrives on near 100% repayment,…
मॉनसून 2022: जून में कृषि क्षेत्र में कम हुए करीब 80 लाख मजदूर
धीमे मॉनसून और बुआई का रकबा 15 फीसदी कम होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मंदी की ओर बढ़ रहा है
India’s poverty: There is no end to Surjit Bhalla’s imagination
The IMF executive director has just declared that India was nearly free of extreme poverty in 2020 and inequality was lowest in 40 years due to …
खास खबर: प्राकृतिक आपदाओं के चलते खतरे में पड़ी खेती
ऐसे समय में जब एक औसत भारतीय परिवार अपनी कमाई का लगभग 50 प्रतिशत और गरीब 60 प्रतिशत से अधिक भोजना पर खर्च करते ...
Turn of the tide in 120 years: Past, present and future of climate
Rise in average surface temperature of Earth will cross 1.5°C in next 20 years and 2°C by middle of the century; rapid reductions to …
दूर हुआ गरीबी से मुक्त दुनिया का लक्ष्य
बच्चों की गरीबी खत्म करना दरअसल भयंकर गरीबी से मुक्त दुनिया बनाने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है
2021 Cabinet reshuffle: In ministers sacked, there is a message
Amid an ongoing pandemic, a raging conflict over rights activists being targeted by the government and a collapse of the labour market, the exit …
जल व स्वच्छता पर 1.42 लाख करोड़ रुपए खर्च करेंगी पंचायतें
वित्त आयोग ने पंचायतों को अपने खर्च का 60 फीसदी जल व स्वच्छता पर खर्च करने का सुझाव दिया
पड़ताल: किसानों के लिए सरकार और बाजार दोनों जरूरी
तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आखिर सरकारी सहायता को जारी रखने की मांग क्यों कर रहे हैं, पड़ताल करती रिपोर्ट की ...
बधाई हो! आखिरकार कृषि भारत में राजनीतिक एजेंडा बन ही गया
दिल्ली बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रिसमस के दिन सांता क्लॉस बने। किसानों के लिए फंड का आवंटन किया और ...
COVID-19 cut carbon emissions but not enough to dent global warming
The lockdown-related fall in emissions is just a tiny blip on the long-term graph. We need a sustained flattening of the curve - WMO …
नए युग में धरती: नष्ट हो चुका है प्रकृति का मूल चरित्र
क्या वह समय आ गया है कि हम विकास की इस अंधी दौड़ से निकलकर अपनी आकांक्षाओं पर लगाम लगाएं और संवहनीय जीवन जिएं?
नए युग में धरती : कहानी हमारे अत्याचारों की
मौजूदा समय को भले ही हम कलयुग का नाम दें लेकिन वैज्ञानिक भाषा में इसे मानव युग यानी एंथ्रोपोसीन कहा जा रहा है। यह ...
वंचितों की पूरी पीढ़ी तैयार कर चुकी है महामारी
नवजात, जल्द पैदा होने वाले और पांच साल तक के बच्चे महामारी से बचने के बाद भी इसके असर से बच नहीं पाएंगे
India’s agrarian distress: Is farming a dying occupation
Farmers across the globe are quitting their business, while the rural youth population is increasing. Who will grow our food?
How India remains poor: ‘It will take 7 generations for India’s poor to reach mean income’
World Economic Forum’s latest report says social inequality negates gains from high economic growth
पहला पेशा, अंतिम मौका
करीब 120 वर्षों से कृषि शिक्षा के जरिए भारत की खेती-किसानी को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने का दावा किया जा रहा है। ...
आर्थिक सर्वेक्षण: देश में घट रही है प्रजनन दर, जनसंख्या वृद्धि दर में होगी गिरावट
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि आने वाले सालों नौ राज्यों में प्रतिस्थापन दर के मुकाबले प्रजनन दर कम हो जाएगी
परागणकारी जीवों की कमी के बावजूद वैश्विक अनाज उत्पादन में बढ़ोत्तरी
वैश्विक संस्था आईपीबीईएस की ड्राफ्ट रिपोर्ट के मुताबिक बीते 50 वर्षों में परागण पर निर्भर रहने वाली वैश्विक फसलों में 300 फीसदी की बढोत्तरी हुई ...
क्या हमारे बजट में जन भागीदारी है?
बजट में जन भागीदारी बढ़ाने की सरकारी कोशिशें क्या वाकई कारगर हैं या ये महज औपचारिकता मात्र हैं?
15 प्रतिशत बड़े किसानों के पास 91 प्रतिशत आय
किसानों में आय की असमानता कृषि संकट में वृद्धि कर रही है। यह असमानता अर्थव्यवस्था के दूसरे सेक्टरों के मुकाबले अधिक है
संसद में 33 प्रतिशत महिलाओं की उपस्थिति 55 साल में होगी
महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या के बावजूद विधानसभाओं में उनकी उपस्थिति बमुश्किल 7 से 8 प्रतिशत है। जबकि संसद में उनकी मौजूदगी महज 11 ...