India’s new climate targets: Bold, ambitious and a challenge for the world
An already low-emitter, India’s new commitments to fight climate change force the historical emitters and China to commit to bolder emission-…
Governance matters: COVID-19 pandemic shows how
India’s shame is not the virus but the fact that we do so little to provide healthcare even in normal times
Chamoli glacier burst: Himalayan blunders compounded
The issue is about carrying capacity of the fragile region, which is even more at risk because of climate change
जल की अग्निपरीक्षा
स्थानीय समुदाय को जल संरचनाओं का स्वामित्व देना, लोकतंत्र को मजबूत करना और शक्तियों का हस्तांतरण। इससे जल का कुप्रबंधन रोका जा सकता है
टिड्डियों का हमला और जलवायु परिवर्तन
सूचनाओं में मामले में बंटे इस संसार में खतरनाक यह है कि ऑस्ट्रेलिया में दावानल के बारे में तो हम जानते हैं, लेकिन हमारे ...
युवा होती दुनिया में क्यों बढ़ रहा है गुस्सा?
आज के समय में युवा असंतुष्ट हैं और गुस्से में है। इंटरनेट के इस जमाने में उनके गुस्सों को भुनाया जा सकता है, इसलिए ...
स्वच्छ भारत मिशन का जश्न मनाएं, लेकिन सावधानी से...
देश में सफलतापूर्वक 10 करोड़ शौचालय बना दिए गए हैं, लेकिन अब सवाल इस सफलता को चिरस्थायी बनाने रखने का है
Green issues were important for Sheila Dikshit at all times
Down To Earth Editor Sunita Narain remembers the three-time chief minister of Delhi who passed away on July 20, 2019
कबाड़ का व्यापार: किस हद तक सही?
पहले तो हम कचरा पैदा करते हैं और भूमि एवं आजीविका को नष्ट कर देते हैं। उसके बाद गरीब किसानों के पास कोई चारा ...
Human empathy is our politics
This year, Down To Earth turns 31 years old. We have promises to keep. And keep them we will
विश्व पर्यावरण दिवस 2021: महामारी में पर्यावरण की फिक्र
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस भयावह दौर में विश्व पर्यावरण दिवस की तार्किकता बयान करता सुनीता नारायण का आलेख
Missing: One-third of India’s recorded forests
25.87 million hectares: That is the size of forest missing from the latest assessment of India’s green cover. Does this land exist? Is it …
आर्थिक वृद्धि के मॉडल में करने होंगे बदलाव
हमने ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम से कम घटाने के लिए स्मार्ट तरीके खोजने में बेहद कीमती समय गंवा दिया
Water-wisdom for climate change: We must become much more efficient with every drop
The country has learnt critical water lessons through the years — now is the time to put it to practice
रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजे ऊर्जा संकट से सबक लेने की जरूरत
वर्तमान ऊर्जा संकट हमें जीवाश्म ईंधन व्यवसाय की ओर वापस ले जा सकता है, जिसे वातावरण में उत्सर्जन और पृथ्वी पर जीवन को खतरे ...
कचरे के प्रति व्यवहार में बदलाव लाना जरूरी
पिछले कुछ सालों में देश में कूड़ा प्रबंधन की रणनीति में तेजी से बदलाव हुआ है, लेकिन अब लोगों को अपने व्यवहार में बदलाव ...
दिल्ली में साफ हवा अच्छी है पर काफी नहीं!
पिछले कुछ वर्षों में काफी कुछ किया गया है, लेकिन नाकाफी है। दिल्ली में पूरी तरह से स्वच्छ ईंधन मसलन गैस या बिजली की ...
जलवायु परिवर्तन: संकट को नकारने की गुंजाइश खत्म
अब समय आ चुका है जब हम अपने पूर्वाग्रहों से बाहर निकलें और कुछ न करने के बहाने ढूंढना बंद करें
शासन मायने रखता है : कोविड-19 महामारी ने यही दिखाया
भारत के लिए वायरस नहीं बल्कि यह सच्चाई एक शर्मिंदगी की वजह है कि हम सामान्य समय में भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए ...
Delhi and the winter air: Hold your breath, it’s still unsafe
The rush of traffic is a key cause of air pollution — let's not lose sight of this. Dust exacerbates the problem, but&…
Last straw to stubble burning
Straw can be converted into fuel for use in vehicles. It can also replace coal in old power plants, reducing …
पर्यावरण की चुनौती से संकट तो बढ़ा, लेकिन समावेश का अवसर भी मिला
सेंटर फॉर साइंस एनवायरमेंट (सीएसई) को 2018 को इंदिरा शांति पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण द्वारा दिया गया ...
Men in black
Carbon market has the potential to unlock billions of dollars for countries in the Global South. But is this voluntary carbon market working for …
एंटीबायोटिक्स के बेजा इस्तेमाल से तिहरे खतरे की ओर बढ़ रही है दुनिया
अत्यधिक या दुरुपयोग के कारण एंटीबायोटिक दवाएं अब बेअसर साबित हो रही हैं, दूूसरे दवा कंपनियां भी नई एंटीबायोटिक दवाएं नहीं बना रही हैं
स्टॉकहोम सिंड्रोम: 50 साल का जश्न मनाते वक्त विचार करना जरूरी
स्टॉकहोम सम्मेलन की 50वीं वर्षगांठ का उत्सव हमारे साझे भविष्य के बारे में होना चाहिए, अतीत के विभाजनों पर नहीं