हिमाचल प्रदेश में खाद का संकट, किसान-बागवानों की बढ़ी चिंता
सर्दियों में बर्फबारी के बाद सेब के बागों में चाहिए होती है खाद, पिछले साल के मुकाबले इस साल 22,598 मीट्रिक टन कम खाद ...
खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हैं कई खतरे, नजरअंदाज न करने की दी गई चेतावनी
साइबर हमलावर एआई के उपयोग से की जा रही खेती को बर्बाद कर सकते हैं, आंकड़ों में गड़बड़ी कर खेत में जहर फैला सकते ...
दुनिया भर में कैसा है टिकाऊ कृषि का भविष्य
सतत कृषि या सस्टेनेबल एग्रीकल्चर मैट्रिक्स राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ कृषि के लिए स्वतंत्र और पारदर्शी माप की जानकारी प्रदान करता है।
कृषि में कितनी मात्रा में हो नाइट्रोजन का उपयोग, वैज्ञानिकों ने दिखाई राह
जब नाइट्रोजन का एक बड़ा हिस्सा फसलों द्वारा उपयोग नहीं किया जाता है, तो यह नाइट्रेट के रूप में भूजल, नदियों, झीलों आदि में ...
मध्यप्रदेश के किसानों के लिए काला सोना नहीं रहा सोयाबीन, कौन है जिम्मेवार
सबसे अधिक सोयाबीन की फसल मध्यप्रदेश में उगाई जाती है, बावजूद इसके सोयाबीन उगाने वाले किसान लगातार घाटे में जा रहे हैं
किसान सस्ते और उपभोक्ता महंगे दामों से परेशान, कैसे बढ़ रहे दाम?
खेत में टमाटर की तुड़वाई भी महंगी पड़ रही और शहरों की दुकानों पर चालीस रुपए किलो में बिक रहा है, यही हाल अन्य ...
किसानों के लिए आ रही है नई मुसीबत
एफएओ ने चेताया है कि टिड्डियों का नया दल भारत आने वाला है, जबकि भारत में पहले से टिड्डी दल मौजूद हैं
विकल्प की उपेक्षा
किसान बासमती से मुनाफा पाने की स्थिति में तो है लेकिन इसके अनिश्चित दाम इसकी पैदावार में सबसे बड़ी बाधा है। सरकारी खरीद सुनिश्चित ...
हर साल 10,556 मीट्रिक टन फास्फोरस हो रहा है बर्बाद, पानी के प्रदूषित होने के भी आसार
दुनिया भर में लगभग तीन-चौथाई खेती की मिट्टी में फास्फोरस की कमी है, भारत जैसे एशियाई देशों में फास्फोरस की कमी सबसे गंभीर है।
डाउन टू अर्थ विशेष: विदेशी व संकर नस्ल की गायों पर क्यों भारी पड़ रही हैं देशी गाय?
पशुपालक अब विदेशी व संकर नस्ल की गायों की बजाय देशी गायों को पाल रहे हैं
खाद्य प्रणालियां और कॉप-28: क्या पक्षकारों के बीच स्थाई दृष्टिकोण पर बन पाएगी आम सहमति?
कॉप-28 ने खाद्य प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक विशिष्ट दिन निर्धारित करके एक मिसाल कायम की है
चारा संकट की जड़ें, भाग दो: पशुओं की आबादी बढ़ी, लेकिन चारागाहों में आई कमी
आजादी के बाद से देश में कुल दर्ज चारागाह भूमि में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है
ऐसे बैक्टीरिया जो खुद नाइट्रोजन का उत्पादन कर पौधों को बेहतर उपज में मदद करते हैं
ऐसी नई किस्मों को बढ़ावा देना जिनको बहुत कम उर्वरकों की आवश्यकता होती है
खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन का समाधान हैं मोटे अनाज
ग्लूटेन मुक्त होने के अलावा, मिलेट्स आयरन, कैल्शियम और जिंक से भरपूर होते हैं
संसद में आज: देश भर में जैविक खेती के तहत 40.99 लाख किसान पंजीकृत है
देश में 15 से 49 वर्ष की सभी महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 57 फीसदी है
मध्य प्रदेश: अगस्त में सूखे से और सितंबर में बारिश से फसलें बर्बाद
मध्य प्रदेश के कई जिलों में 3 सितंबर 2023 तक सूखे जैसे हालात थे, लेकिन उसके बाद हुई भारी बारिश ने हालात ही बदल ...
एफएओ ने जारी किया नया एक्शन प्लान, कृषि से जुड़ी जलवायु रणनीति करेगा तैयार
कार्य योजना को एफएओ ने अपनी महत्वाकांक्षी रणनीति के समर्थन के लिए जारी किया है, जिसे कृषि क्षेत्र में जलवायु से जुड़ी चुनौतियों से ...
एसओई इन फिगर्स 2023: कृषि क्षेत्र में मध्य प्रदेश अव्वल, पंजाब नौंवे और हरियाणा 16वें स्थान पर
रैंकिंग में अव्वल मध्य प्रदेश ने कृषि के शुद्ध मूल्य में उच्चतम वृद्धि दर्ज की है। साथ ही खाद्यान्न उत्पादन में काफी वृद्धि की ...
चारा संकट की जड़ें, भाग एक: हरित क्रांति के समय से शुरू हो गई थी समस्या
हरित क्रांति के समय से चारे की उपेक्षा हो रही है। चारा फसलों का घटता क्षेत्र और उच्च उत्पादन वाली बौनी किस्मों ने इस ...
संसद में आज: 2022-23 में लम्पी त्वचा रोग के कारण 1,84,447 मवेशियों की मौत हुई
सरकार ने 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी
मूंगफली का होगा एक्सरे, इक्रीसेट ने विकसित की नई तकनीक
यह पहला मौका है जब देश में मूंगफली की व्यावसायिक गुणवत्ता और लक्षणों को मापने के लिए एक्स-रे रेडियोग्राफी तकनीक का सफलता पूर्वक इस्तेमाल ...
फसल उत्पादन बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के अनुरूप ढलने के लिए मिट्टी की गुणवत्ता अहम: अध्ययन
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार से फसल उत्पादन में जलवायु परिवर्तन के चलते होने वाली कमी को 20 फीसदी तक कम किया जा सकता ...
भारत में आधे से अधिक फसलों की किस्मों पर मंडराया विलुप्त होने का खतरा: अध्ययन
अध्ययन में पता चला है कि भारत के मध्य और पश्चिमी क्षेत्रों में उगाई जाने वाली किस्मों में एक महत्वपूर्ण विविधता पाई जाती है, ...
मृदा प्रदूषण की वजह से खतरे में हैं स्वास्थ्य, खाद्यान्न उत्पादन और पर्यावरण: रिपोर्ट
मिट्टी पर बढ़ते दबाव के लिए लिए अनियंत्रित तरीके से बढ़ रही औद्योगिक गतिविधियां, कृषि, खनन और शहरी प्रदूषण मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं सूक्ष्म जीव
प्रति ग्राम मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की लगभग 40 से 50 हजार प्रजातियां होती हैं। कुछ सूक्ष्म जीव मिट्टी में सुधार कर सकते हैं, ...