खेती पर विदेशी आक्रमण: रातों-रात फसल चट कर जाता है यह अमेरिकी कीड़ा
भारत पर एक और विदेशी आक्रमण हुआ है, इस बार एक कीड़े ने भारत के खेतों पर आक्रमण किया है। इसका इलाज अब तक ...
जीएम से कोई समझौता नहीं: स्वदेशी जागरण मंच
मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि सीएसई की रिपोर्ट बेहद गंभीर है। खाद्य उत्पादों में जीएम को लेकर कोई समझौता नहीं ...
भेड़ पालन व्यवसाय से क्यों विमुख हो रहे हैं ग्रामीण?
भेड़ अपने कई गुणों के कारण कई पशुओं से उत्तम है
कश्मीरी सेब पर फफूंद का हमला, भारी बर्फबारी और नकली दवा जिम्मेवार
कश्मीर घाटी के सभी सेब उत्पादक किसान वेंटूरिआ इनएक्वालिस नाम की फंगस से परेशान हैं
20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कम हुई धान की बुआई, बिहार-बंगाल सबसे पीछे
खरीफ सीजन में इस साल धान की बुआई सबसे अधिक प्रभावित हुई है
कोविड-19: पशुओं के पालन पर देना होगा खास ध्यान
मौजूदा हालातों के मद्देनजर पशु पालन की नई प्रणालियों व तकनीकों पर सोचने की जरूरत है
2022 में हर घंटे 19 लोगों ने की आत्महत्या: एनसीआरबी
साल 2021 में 10,881 किसानों व कृषि श्रमिकों के मुकाबले साल 2022 में 11,290 किसानों व कृषि श्रमिकों ने खुदकुशी की
हरियाणा बजट 2020-21: कृषि खर्च में आठ फीसदी तक होगा इजाफा!
हरियाणा की कुल जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 14 फीसदी है
संसद में आज : सरकार का दावा, देश में घट रहा है टीबी से होने वाली मौतों का सिलसिला
भारत में टीबी होने की दर 2015 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 237 से 16 फीसदी से घटकर 2022 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर ...
आखिर कैसे 100 से भी ज्यादा फसलों को अपना निशाना बनाता है फंगस 'फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम'
फंगस 'फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम' वर्षों तक मिट्टी में रह सकता है। एक बार जब यह रोगजनक पौधों की जड़ में लग जाता है तो तेजी ...
उत्तरप्रदेश: भारी बारिश से धान किसानों की लागत निकलना भी हुआ मुश्किल
इस वर्ष उत्तर प्रदेश में लगभग 60 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई है, दो दिन की बारिश में इसमें काफी खराब होने ...
नीति आयोग लघु सिंचाई निजी हाथों में देना चाहता है
माना जा रहा है कि वर्तमान कार्यक्रमों और उपलब्ध बजट के तहत भारत में लघु सिंचाई की पूर्ण क्षमता विकसित होने में कम से ...
फसलों की सेहत बताएगा ऐप
यह ऐप पत्तियों की इमेज प्रोसेसिंग करके फसलों में पोषक तत्वों की कमी और उनकी सेहत का पता लगा लेता है
रिमोट सेंसिंग से हो सकेगा फसलों के नुकसान का सटीक आकलन
भारत में अक्सर ओले पड़ने और भारी बारिश के कारण फसलों को बहुत नुकसान होता है और इसका समय पर सटीक मूल्यांकन न हो ...
समय से पहले बुआई की तो धान की फसल नष्ट कर देगी सरकार
भूजल संकट को देखते हुए हरियाणा सरकार ने एक बार फिर से धान की खेती करने वाले किसानों पर शिकंजा कसा है
1993 से बड़ा है टिड्डी दल का हमला, एक दिन में खा जाती हैं 2500 लोगों के बराबर खाना
सर्दियों में टिड्डियां अपने आप ही खत्म हो जाती थी, लेकिन मौसम के बदलते पैटर्न की वजह से टिड्डियां अभी भी भारत में अपना ...
बाढ़ में नहीं होगा फसल को नुकसान, वैज्ञानिकों ने बनाया रसायन
वैज्ञानिकों ने पौधों को पानी में खड़े रखने में मदद करने के लिए एक रसायन बनाया है, जो बाढ़, सूखा पड़ने पर फसल के ...
जामुन की पैदावार के लिए खतरा बन सकता है यह छिद्रक कीट: शोध
भारतीय शोधकर्ताओं ने जामुन के फलों के विकास के ऐसे महत्वपूर्ण चरणों का पता लगाया है, जो अनसेल्मेला केरची नामक छिद्रक कीट के प्रकोप ...
बंजर होते भारत में झारखंड सबसे ऊपर, मरुस्थलीकरण की जद में 68.98 फीसदी हिस्सा
झारखंड में 60 से 70 फीसदी जमीन जबरदस्त अम्लीय है। ऐसे में प्रति हेक्टेयर 3 से 4 कुंतल डोलामाइट के जरिए इस अम्लीयता को ...
कृषि शिक्षा लेने के बाद खेती नहीं कर रहे हैं युवा
देश में कृषि और कृषि शिक्षा की व्यापक पड़ताल करती रिपोर्ट्स की सीरीज में प्रस्तुत है छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ...
कृषि शिक्षा से तबाह हुई परंपरागत खेती
देश में कृषि और कृषि शिक्षा पर व्यापक पड़ताल के बाद डाउन टू अर्थ द्वारा एक सीरीज शुरू की गई है। पेश है सीरीज ...
शोध और अनुसंधान के दम पर ही अफ्रीका के बजाए भारत में हुई हरित क्रांति
भारत में कृषि और कृषि शिक्षा की दशा को लेकर डाउन टू अर्थ ने व्यापक पड़ताल की, जिसे एक सीरीज के तौर पर प्रकाशित ...
किसान को मॉनीटर पर दिखेगा कहां नहीं गिरे हैं बीज
वैज्ञानिकों ने सीड ड्रील की नई तकनीक का इजाद किया है जिससे बुआई के दौरान किसान को पता चल जाएगा खेत के किस हिस्से ...
सियासत में पिसता गन्ना-4: चीनी मिलों पर सत्ताधारी नेताओं का कब्जा
गन्ना किसानों की यूनियन स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी का कहना है कि चीनी मिलों में राजनेताओं के कब्जे के कारण गन्ना ...
आर्थिक सर्वे : किसानों ने कम किया उपभोग तो नीचे बैठ गई विकास दर
सस्ते अनाज ने किसानों को कम पैदावार के लिए मजबूर किया जिसके कारण उपभोग पर भी खर्च कम हुआ।