संसद में आज : सरकार का दावा, देश में घट रहा है टीबी से होने वाली मौतों का सिलसिला

भारत में टीबी होने की दर 2015 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 237 से 16 फीसदी से घटकर 2022 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 199 हो गई है।

By Madhumita Paul, Dayanidhi

On: Friday 02 February 2024
 

भारत में कपड़ा अपशिष्ट का प्रबंधन

संसद का अंतरिम बजट सत्र जारी है, वहीं आज संसद में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में, कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने राज्यसभा में बताया कि देश में कपड़े से उत्पन्न होने वाले कचरे का राज्य-वार कोई जानकारी या आंकड़े नहीं है। हालांकि जरदोश ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर इकोनॉमी इन म्युनिसिपल सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट रिपोर्ट (2022) का हवाला देते हुए बताया, कपड़ा कचरा, नगरपालिका ठोस कचरे का एक हिस्सा है, जो कुल सूखे नगरपालिका ठोस कचरे का 15 फीसदी है।

इलेक्ट्रिक वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं के आंकड़े सरकार के पास नहीं 

संसद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने राज्यसभा में बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के परिवहन अनुसंधान विंग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों द्वारा हर साल सड़क दुर्घटना के आंकड़े एकत्र करता है। मंत्रालय भारत में सड़क दुर्घटनाओं को लेकरअपने वार्षिक प्रकाशन के आंकड़े प्रकाशित करता है। सड़क दुर्घटनाओं, में इलेक्ट्रिक वाहन के संबंध में अलग से  जानकारी या आंकड़े इन मंत्रालयों द्वारा एकत्र नहीं किए जाते हैं।

वहीं एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने राज्यसभा में, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल, यानी 2023 के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 49.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

महामारी के कारण पशुधन की नुकसान 

संसद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने राज्यसभा में बताया कि 2023 में लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) के कारण कुल 27218 जानवरों की मौत हुई।

11 करोड़ किसानों को मिला पीएम किसान सम्मान

संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्यसभा में बताया कि पीएम-किसान योजना भूमि-धारक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए फरवरी 2019 में शुरू की गई एक केंद्रीय योजना है। इस योजना के तहत, हर चार महीने में तीन समान किस्तों में 6,000/- रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता है।

किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे ने यह सुनिश्चित किया है कि योजना का लाभ बिचौलियों की भागीदारी के बिना देश भर के सभी किसानों तक पहुंचे। लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, भारत सरकार ने 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है।

सिटी कम्पोस्ट को बढ़ावा देना

संसद में आज सवालों का सिलसिला जारी रहा, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा से पूछे गए एक सवाल के जवाब में, खुबा ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने 10 फरवरी 2016 को उर्वरक विभाग द्वारा तैयार की गई शहरी खाद को बढ़ावा देने की नीति को मंजूरी दे दी थी। जिसके तहत उत्पादन बढ़ाने के लिए ₹1,500/- प्रति मीट्रिक टन की दर से बाजार विकास सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी। शुरुआत में, अच्छे विपणन नेटवर्क वाली मौजूदा उर्वरक विपणन कंपनियों को शहरी खाद के विपणन की अनुमति दी गई थी। इसके बाद, बिक्री की मात्रा बढ़ाने और किसानों को सस्ती कीमतों पर खाद उपलब्ध कराने के लिए, खाद बनाने वाली खाद निर्माता कंपनियों को सीधे किसानों को शहरी खाद की थोक बिक्री की अनुमति दी गई।

नहीं है डॉक्टरों की कमी

संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा को बताया कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, जून, 2022 तक राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के साथ 13,08,009 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं।

पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता और 5.65 लाख आयुष डॉक्टरों को मिलाकर देश में डॉक्टरों की संख्या अनुपात 1:834 है जो डब्ल्यूएचओ  के मानक 1:1000 से बेहतर है। इसके अलावा, दिसंबर, 2022 तक 36.52 लाख पंजीकृत नर्सिंग कर्मी हैं, 80 फीसदी उपलब्धता मानते हुए, देश में लगभग 29.21 लाख सक्रिय नर्सिंग कर्मी और 13 लाख सहयोगी और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर हैं।

देश में तपेदिक से मुकाबला

संसद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज,  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2023 का हवाला देते हुए बताया की, भारत में टीबी की होने की दर 2015 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 237 से 16 फीसदी से घटकर 2022 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 199 हो गई है। इसी अवधि के दौरान, टी.बी. मृत्यु दर 2015 में 28 प्रति लाख जनसंख्या से 18 फीसदी से घटकर 2022 में 23 प्रति लाख जनसंख्या हो गई है। मंत्री ने कहा कि भारत द्वारा किए गए प्रयासों की कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहना की गई है।

भारत में कोविड वैक्सीन से मौत

संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने लोकसभा में बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय प्रतिकूल घटना निम्नलिखित टीकाकरण (एईएफआई) निगरानी प्रणाली है जो कोविन ऐप के माध्यम से लगातार टीके से संबंधित एईएफआई की रिपोर्ट की निगरानी करती है। प्रथम दृष्टया, आज तक हार्ट अटैक को कोविड-19 टीकों से जोड़ने का कोई सीधा संकेत सामने नहीं आया है।

बिहार में कुपोषण

संसद में उठे एक सवाल के जवाब  में आज, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने लोकसभा में बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण (एनएचएफएस) में कम वजन और बौनेपन जैसे कुपोषण के संकेतकों में लगातार सुधार देखा गया है। एनएफएचएस-5 (2019-21) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार राज्य में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण संकेतकों में एनएफएचएस-4 (2015-16) की तुलना में सुधार हुआ है। विकास में कमी 48.3 फीसदी से घटकर 42.9 फीसदी हो गई है और कम वजन का प्रचलन 43.9 फीसदी से घटकर 41 फीसदी हो गया है।

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