जंगलों में अतिक्रमण का सर्वे करने में एफएसआई को लग सकते हैं 16 साल
एफएसआई ने कहा है कि उसके पास 20 आदमियों का स्टाफ है और इसी क्षमता के साथ उसे देश के सभी जंगलों में अतिक्रमण ...
जिंदगी खतरे में डाल मछलियां पकड़ने को मजबूर हैं सुंदरवन के मछुआरे
जानकारों का कहना है कि सुंदरवन में जमीन घट रही है। 1969 से लेकर अब तक सुंदरवन की 250 वर्ग किलोमीटर जमीन पानी में ...
उत्तराखंड के 180 वर्ग किमी क्षेत्र में उगा जंगल, नहीं मिलेगी खेती की इजाजत
यूसैक की रिपोर्ट के मुताबिक, हर जिले में 10 से 15 वर्ग किमी कृषि भूमि पर जंगल उग चुका है, जिसे डीम्ड फॉरेस्ट कहा ...
जानें क्यों जंगलों में बीज बम फेंक रहे हैं ये युवा
उत्तराखंड में 40 युवाओं का एक दल जंगलों में जगह-जगह बीज बम फेंक रहा है। इनका मकसद वन्य जीवों के साथ-साथ खेती-किसानी बचाना है।
लक्षित आबादी तक पहुंच नहीं पाया वन विकास निगम
एफडीसी के कई उद्देश्यों में से एक प्रमुख उद्देश्य था, पिछड़े क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को पर्याप्त सहयोग व वानिकी गतिविधियों के विकास पर निर्भर आदिवासी ...
क्या बारिश से ही बुझ सकती है जंगल की आग
उत्तराखंड के जंगलों में आग का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। याचिकाकर्ता ने कहा, हर साल लगने वाली आग वन्य जीवों के लिए खतरा बन ...
भाषा के साथ खत्म होती हैं अनुभूतियां
जरूरी नहीं है कि लिखित भाषाएं ही परिपक्व हों, हमारी बहुत सी भाषाएं वाचिक साहित्य का हिस्सा हैं - अन्विता अब्बी
खतरे में हैं पश्चिमी हिमालय के पक्षी, क्या है वजह
जिन जंगलों में बदलाव आए हैं वहां जंगली और कीटभक्षी पक्षियों की आबादी में 80 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है
पिछले 6 दशकों के दौरान भूमि उपयोग में आए बदलावों से 32 फीसदी जमीन हुई है प्रभावित
1960 से 2019 के बीच 4.3 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के भूमि उपयोग में बदलाव किया गया है| इसी का परिणाम है कि वन ...
खतरे में प्रवाल-भित्तियां
दुनिया भर में प्रवाल-भित्ति या मूंगे की चट्टानों को जैसा नुकसान आजकल पहुंच रहा है, इतना गंभीर खतरा कभी नहीं देखा गया। इससे इनका ...
पौधों की 59 फीसदी बीमारियों को रोक सकती हैं चींटियां, शोध में खुलासा
चींटियों की वजह से सेब के दो रोगों पर काबू किया गया, अब नए अध्ययन पता चला है कि चींटियां 14 तरह के पौधों ...
बैगा आदिवासियों के दिल्ली वाले बाबा नहीं रहे !
प्रभुदत्त खेड़ा बैगा आदिवासियों के बीच शिक्षा बांटते रहे हालांकि वे हमेशा यही कहते थे कि बैगाओं को पर्यावरण और वनस्पतियों का ज्ञान किसी ...
आदिवासियों की नई दिक्कत, नहीं मिल रहा तेंदूपत्ता संग्रहण का पैसा
तेंदूपत्ता आदिवासियों की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया है, सरकारें भी यह बात जानती हैं, इसलिए नई-नई योजनाओं से आदिवासियों को लुभाने की कोशिश ...
शार्क मछलियों पर भी दिखा जलवायु परिवर्तन का असर: शोध
शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग जगह शार्क और उनके बच्चों पर अध्ययन कर पाया कि जलवायु परिवर्तन का असर शार्क और उनके बच्चों को काफी ...
कोरोना के साथ वन्यजीवों को शिकार से बचाने की भी चुनौती बढ़ी
देहरादून और नैनीताल के चिड़ियाघरों में खासतौर पर बिल्ली के प्रजातियों वाले बाघ-गुलदार जैसे जानवरों की विशेष निगरानी की जा रही है
आठ माह से बीमार हथिनी लक्ष्मी को नहीं मिल रहा इलाज
आला अधिकारियों के फ़ैसला लेने में हुई देरी के चलते लक्ष्मी को शुरुआती दौर में बेहतर इलाज नहीं मिल सका।
अतीत के जंगल को समझने और जानने की अहम कड़ी हैं हिममानव
60 वर्षों से हिममानव यानी येति की खोज करने वाले एक घुमंतू लेखक डेनियल सी टेलर का डाउन टू अर्थ को दिया गया साक्षात्कार।
पानी से परवरिश
उत्तर बिहार में पानी अथवा दलदली क्षेत्र लोगों को आर्थिक संबल और आजीविका उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाता है
वन्य प्राणियों के लिए मौत का फंदा बनती जा रही हैं बिजली की तारें
वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों में करीब 200 से अधिक जंगली जानवर की मौत करंट लगने के ...
जंगलों को महज कार्बन सिंक में बदलना जोखिम भरा, रिपोर्ट ने किया आगाह: आईयूएफआरओ
जंगलों की भूमिका को महज कार्बन जमा करने या कार्बन सिंक तक सीमित कर दिया गया है, जिससे पारिस्थितिकी और सामाजिक कल्याण से संबंधित ...
हसदेव अरण्य: कोयला खनन के लिए काटे गए हजारों पेड़, ढाई लाख से अधिक पेड़ कटने की आशंका
हसदेव के जंगल में पेड़ कटने से स्थानीय आदिवासियों की आजीविका प्रभावित होगी, जबकि हाथियों सहित वन्यजीव विस्थापित होंगे और जैव विविधता खतरे में ...
आम जनता के फायदे के लिए दी गई पर्यावरण के नियमों में छूट: सरकार
पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
हर साल खाल के लिए मारे जा रहे 59 लाख गधे, तीन वर्षों में 14 फीसदी का हो सकता है इजाफा
इन गधों की हत्या के पीछे की सबसे बड़ी वजह चीन में 'एजियाओ' की बढ़ती मांग है, जिसका बड़े पैमाने पर उपयोग चीन की ...
असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में मिली पक्षियों की 250 प्रजातियां, दो पर मंडरा रहा गंभीर संकट
असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में पाई गई पक्षियों की इन 250 प्रजातियों में गंभीर संकट में पड़े सफेद पूंछ वाले गिद्ध और व्हाइट रम्प्ड ...
संसद में आज: भारत में 73 प्रजातियों को गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया
देश में वर्तमान में 8700 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 11 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का निर्माण चल रहा है