मोतीचूर इलाके में गुलदार के हमले से 5 साल में 22 लोगों की मौत
देहरादून में पिछले पांच-छह सालों से मोतीचूर रेंज से सत्यनारायण क्षेत्र के बीच करीब 6 से 7 किलोमीटर के इलाके में गुलदार का आतंक ...
संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बढ़ रहा है तेंदुए का अनुकूलन
पश्चिम बंगाल के चाय बागानों और उनके बीच स्थित मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्र के करीब 400 वर्ग किलोमीटर के दायरे में यह अध्ययन किया ...
चेतनशील अस्तित्व
क्या आप जानते हैं कि हमारी तरह पेड़ों में भी संवाद करने और याद रखने की की क्षमता होती है?
शिकार के बाद अब जलवायु परिवर्तन और इंसानी गतिविधियों से मंडरा रहा इस विशाल जीव पर खतरा
शिकार से धीरे-धीरे उबरने के बाद अब ब्लू व्हेल बढ़ते तापमान, प्रदूषण, शिपिंग और अन्य इंसानी गतिविधियों के कारण पैदा हुई समस्याओं से जूझ ...
जीव वैज्ञानिकों ने माउंट एवरेस्ट में खोजी बिल्ली की दुर्लभ प्रजाति: शोध
पल्लास बिल्ली की यह आबादी वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) के तहत कानूनी रूप से संरक्षित ...
विलुप्त होने से बच सकती हैं लोगों द्वारा पाली जा रही 800 से अधिक शेलफिश प्रजातियां
शोधकर्ताओं ने सूची में 801 सीपों के बीच संभावित समानताएं और पैटर्न का पता लगाया है ताकि उन्हें विलुप्त होने से बचाया जा सके ...
भारत में खतरे में है पेड़ों की 347 प्रजातियां, तमिलनाडु में हैं सबसे अधिक प्रजातियां
भारत में पेड़ों की 3,708 से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनमें से करीब 9.4 फीसदी यानी 347 प्रजातियां खतरे में हैं। भारत पेड़ों की 609 ...
उष्णकटिबंधीय इलाकों में जंगलों के काटे जाने से बारिश में कमी और फसल उपज घटी
शोध टीम का कहना है कि एक फीसदी बारिश कम होने के कारण फसल की पैदावार में औसतन 0.5 फीसदी की गिरावट आई
कैसे बहाल होंगें जंगल, जब पांच वर्षों से ज्यादा नहीं जीते दोबारा उगाए आधे उष्णकटिबंधीय पेड़
वन बहाली के प्रयास में लगाए करीब 44 फीसदी पेड़ पांच वर्ष से ज्यादा जीवित नहीं रहते हैं। ऐसे में वन बहाली के प्रयास ...
जंगलों में लगती आग से हर मिनट स्वाहा हो रहे हैं 16 फुटबॉल मैदानों जितने जंगल
जानकारी मिली है कि 2021 में वैश्विक स्तर पर करीब 93 लाख हेक्टेयर में फैले जंगल आग की भेंट चढ़ गए थे
केन-बेतवा लिंक परियोजना से खतरे में है पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का आवास
क्या जखनी गांव का उदाहरण बुंदेलखंड में पानी और पन्ना टाइगर रिजर्व में जैवविविधता की समस्या को हल कर सकता है
ग्रेट बैरियर रीफ में मछली की नई प्रजातियां मिलीं और भी मछलियों के मिलने की संभावना
लेडी इलियट द्वीप समुद्री जीवन की 1,200 से अधिक प्रजातियों के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रय है
भारत में दर्ज की गई पक्षियों की 1,036 प्रजातियां, दुनिया में तीसरी सबसे अधिक
द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक, 538 पक्षी प्रजातियां दर्ज की गई। उत्तराखंड में 426, असम में 420, महाराष्ट्र ...
केरल में संरक्षित की जा रही है लुप्तप्राय विशाल सॉफ्टशेल कछुए की प्रजाति
मीठे पानी के सॉफ्टशेल कछुए को आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया ...
विलुप्ति की कगार पर पहुंचे अंडमान के मायावी डुगोंगों को किया जा सकता है फिर से बहाल: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, भारतीय समुद्र में डुगोंग की संख्या 250 है, हालांकि अंडमान द्वीप समूह में इनके ज्ञात रिकॉर्ड हैं, लेकिन उन्हें वहां बहुत ...
परागण में कमी से फल-सब्जियों के उत्पादन में 5 फीसदी की कमी, हर साल 4.27 लाख मौतें
अपर्याप्त परागण के चलते वैश्विक स्तर पर जहां कुल फल उत्पादन में 4.7 फीसदी की गिरावट आ रही है, वहीं इसकी वजह से सब्जियों ...
गधे कब और कैसे गधे बने, जानें एक रोचक इतिहास
विश्व गधा दिवस : मिस्र के एक शाही कब्रिस्तान में मिले थे पांच हजार साल पहले गधों से ढुलाई के प्रमाण
डाउन टू अर्थ खास: क्यों जमीन छिनने के डर से चिंतित हैं राजस्थान के लोग?
गांवों के लोग पारंपरिक चारागाहों की जमीन को डीम्ड फॉरेस्ट घोषित करने का विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि कहीं ...
नामीबिया से लाए गए एक और चीते की मौत, कारण का पता नहीं
कुनो नेशनल पार्क में मार्च से लेकर अब तक सात चीतों की मौत हो चुकी है
जग बीती: जंगली जानवरों को भी मिले मुफ्त राशन
पलामू टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत पर क्यों मचा बवाल
बाघिन की मौत की अलग-अलग वजह बताई जा रही हैं
लैंटाना हटाकर एक तीर से कई निशाने साध रहे मंडला के ग्रामीण
भारत समेत दुनियाभर में आक्रामक प्रजातियों के फैलाव के बीच मध्य प्रदेश के मंडला जिले में लैंटाना उन्मूलन और प्रबंधन का व्यापक कार्यक्रम चल ...
2030 तक नष्ट हो जाएंगे 112,000 वर्ग मील के दायरे में फैले प्राकृतिक आवास
एक अध्ययन से पता चला है कि शहरीकरण का सबसे अधिक असर उष्णकटिबंधीय वनो पर पड़ रहा है। जहां शहरी क्षेत्रों का तेजी से ...
परागणकों में आ रही है गिरावट, खतरे में है 90 फीसदी जंगली पौधों का अस्तित्व
शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर में करीब 200 करोड़ छोटे किसानों की पैदावार के लिए इन छोटे जीवों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाएं ...
15 साल में धरती का 35,204 वर्ग किमी वन क्षेत्र कम हुआ
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आबादी के दबाव और गरीबी के कारण भूमि क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहे हैं