दुनिया में बढ़ते तापमान से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में शामिल रहे केरल और अंडमान निकोबार
1991 से 2020 के औसत तापमान की तुलना में देखें तो देश बिहार और झारखण्ड में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है
समापन की दहलीज पर कॉप 27, लेकिन अहम मुद्दों पर अभी भी बरकरार मतभेद
जलवायु परिवर्तन पर चल रहा शिखर सम्मेलन कॉप 27 अब समापन की दहलीज पर है। इसके बावजूद अभी भी ‘हानि व क्षति’ समेत कई ...
कॉप 27: पहला ड्राफ्ट जारी, कोयले पर रोक और समता पर जोर, अन्य मुद्दे रहे नदारद
इस ड्राफ्ट में जी77 देशों द्वारा 'हानि और क्षति' के लिए मांगे गए फण्ड पर बहुत कम प्रकाश डाला गया है। वहीं जीवाश्म ईंधन ...
नदियों के मौसमी प्रवाह में रुकावट डाल रही है बदलती जलवायु, बढ़ सकता है जल संकट
बर्फ पिघलने वाले क्षेत्रों में वसंत और गर्मियों की शुरुआत में नदी के स्तर में कमी के कारण नदी के किनारे की वनस्पति और ...
जलवायु संकट: समुद्री जीवों से मिलने वाले 30 फीसदी पोषक तत्वों को खो सकते हैं कमजोर देश
इनमें कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जैसे बेहद अहम पोषक तत्व शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होते हैं
कॉप 27: अनंत नहीं है जलवायु के अनुकूलन होने की सीमा, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
2050 तक 3 अरब से अधिक लोग अत्यधिक कमजोर कहे जाने वाले इलाकों में रहेंगे, ऐसे क्षेत्र जो जलवायु में बदलाव से होने वाले ...
कॉप 27: जलवायु कार्रवाई की सफलता के लिए पानी का प्रबंधन बेहद जरूरी: रिपोर्ट
जलवायु लक्ष्यों की योजना बनाने के लिए दुनिया भर में पानी की कमी और कमी को बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता है
वादा है जलवायु परिवर्तन से निपटने का, लेकिन जीवाश्म ईंधन की सब्सिडी में दोगुनी वृद्धि
आंकड़ों के मुताबिक 2020 में जहां जीवाश्म ईंधन को कुल 28.9 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई थी, जो 2021 में 92 फीसदी ...
भारत में सूखे की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं किसान, मनरेगा बचा सकती है जान: रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ का तीन चौथाई से अधिक, और महाराष्ट्र का करीब दो तिहाई हिस्सा ऐसा है जहां सूखा पड़ने की आशंका बहुत ज्यादा है
भारत सहित दुनिया के कई देशों में गर्मी ने झुलसाया, कौन है जिम्मेवार
क्यों भारत के कई हिस्से इतना ज्यादा तप रहे हैं। क्या इसके लिए सिर्फ जलवायु में आता बदलाव जिम्मेवार है या फिर बढ़ता शहरीकरण, ...
नजरअंदाज किए गए उष्णकटिबंधीय रोगों और मलेरिया पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का शोध बेहद जरूरी
मलेरिया और एनटीडी पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन करने के लिए, जनवरी 2010 से अक्टूबर 2023 के बीच प्रकाशित सहकर्मी-समीक्षित पत्रों और ...
दुनिया में महज 50 फीसदी युवा ही समझते हैं सही मायनों में जलवायु परिवर्तन का अर्थ, शिक्षा पर देना होगा ध्यान
दुनिया के अधिकांश बच्चों और युवाओं का कहना है कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन के बारे में सुना है, लेकिन सही मायनों में इसका क्या ...
कॉप-28: बेहद जटिल है ‘क्लाइमेट इंजीनियरिंग’, नफा-नुकसान की सटीक गणना के बाद ही उठाने होंगे कदम
जब बात इतने बड़े पैमाने पर प्राकृतिक प्रणालियों से छेड़छाड़ से जुड़ी हो तो जोखिम का खतरा लाजिमी है। ऐसे में जलवायु परिवर्तन से ...
800 करोड़ आशाएं: समस्याओं के बीच अनंत संभावनाओं से भरी दुनिया
आज दुनिया की आबादी 800 करोड़ हो जाएगी। देखा जाए तो यह 800 करोड़ सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है यह वो 800 करोड़ सपने ...
जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते 2050 तक अपना घर छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे 4.5 करोड़ भारतीय
2050 तक भारत के 4.5 करोड़ से ज्यादा लोग जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे| यह ...
जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में नजरअंदाज नहीं की जा सकती वनों के संरक्षण की भूमिका, जानें महत्व
रिसर्च के मुताबिक संरक्षित वन क्षेत्र इतने कार्बन को अपने अंदर संजोए हुए हैं जितना उत्सर्जन जीवाश्म ईंधन के कारण हर साल हो रहा ...
पृथ्वी को लगातार 12 महीने रहा बुखार, क्या अंत के हैं संकेत
मई में लगातार बारहवें महीने बढ़ते तापमान ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। तापमान मई में सामान्य से 1.52 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। ...
साल 2060 तक दुनिया की जीडीपी को हो सकता है 24.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान, वैज्ञानिकों ने बताई वजह
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक अध्ययन में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं
कार्बन डाइऑक्साइड को जमा करने को लेकर क्या है पेड़ की पत्तियों का महत्व:अध्ययन
शोधकर्ता मानते हैं कि दुनिया भर के वृक्षों में से 38 फीसदी सदाबहार शंकुधारी हैं, 29 फीसदी सदाबहार पर्णपाती वृक्ष हैं, 27 फीसदी पर्णपाती ...
कॉप 27: बाढ़, सूखा, तूफानों का सामना कर रहे छोटे किसान, मिल रही केवल 1.7 फीसदी राशि
छोटे किसान जलवायु आपदाओं का सामना करते हुए भी दुनिया के खाद्य उत्पादन का करीब एक तिहाई हिस्सा पैदा करते हैं, इसके बावजूद उन्हें ...
60 वर्षों से भारत में लगातार बढ़ रहा है सूखे और लू का कहर, खेती के लिए भी है बड़ा खतरा
लू के बढ़ते कहर से बचने के लिए कहीं ज्यादा बड़े स्तर पर कार्रवाई की जरूरत है, क्योंकि बदलती जलवायु के साथ यह संकट ...
जलवायु संकट: 2027 तक 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर सकता है वैश्विक तापमान
इस बात की करीब 98 फीसदी आशंका है कि 2023 से 2027 के बीच वैश्विक तापमान में होती वृद्धि रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगी
दर्ज किया गया जलवायु इतिहास का अब तक का सबसे गर्म जून, सामान्य से 1.05 डिग्री ज्यादा था तापमान
174 वर्षों के जलवायु इतिहास में अब तक का सबसे गर्म जून इस साल 2023 में दर्ज किया गया है। जब तापमान सामान्य से ...
कम आमदनी वाले देशों में फसल विविधता के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी: अध्ययन
शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम ने महिला सशक्तिकरण और फसल विविधता के बीच संबंधों का पता लगाने के लिए चार देशों - बुर्किना फासो, भारत, ...
पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2024 : कुल 180 देशों में भारत 176वें पायदान पर
सूचकांक में स्वच्छता एवं पेयजल के मामले में भारत को दक्षिण एशियाई देशों में 25.6 अंको के साथ आठवें, यानी सबसे अंतिम स्थान हासिल ...