जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या सच में जरूरी है?
केंद्र सरकार देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करनी चाहती है। डाउन टू अर्थ ने इस मुद्दे का व्यापक विश्लेषण किया। प्रस्तुत है पहली ...
भारत क्यों है गरीब-10: पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी की मिसाल है यह जिला
देश की राजधानी से 70 किलोमीटर से दूर मेवात में गरीबी दूर करने की योजनाएं पहुंच ही नहीं पाई
कुफरी में पर्यटन के लिए सीमित की जाएगी घोड़ों की संख्या: रिपोर्ट
कुफरी में घोडा मालिक, घोड़ों की संख्या को तत्काल 1,029 से घटाकर 700 करने पर राजी हो गए हैं
विश्व के ढाई करोड़ से अधिक शराणार्थियों के पास आसरा नहीं
शराणार्थियों की स्थिति दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही है
उज्जवल भविष्य की चाह में गुम होती जिंदगियां: 2023 प्रवासियों के लिए रहा सबसे घातक, 8,565 लोगों ने गंवाई जान
रिपोर्ट के अनुसार 2022 की तुलना में देखें तो 2023 में प्रवासन के दौरान मरने वालों के आंकड़ों में 20 फीसदी की वृद्धि आई ...
उत्तराखंड के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा जीईपी?
उत्तराखंड में जीडीपी की तरह जीईपी का आकलन करने का निर्णय लिया गया है
महिलाओं के भूमि अधिकारों का अधूरा अध्याय
खेती-बाड़ी के अधिकांश काम करने के बावज़ूद महिलाओं को भी 'किसान' होने का वैधानिक अहसास, आख़िर कब और किसकी बदौलत होगा?
अगले 38 वर्षों में 44 फीसदी बढ़ जाएगी रेत की वैश्विक मांग, जानिए भारत को कितनी होगी जरुरत
शोधकर्ताओं के मुताबिक बढ़ते शहरीकरण के चलते भारत की रेत संबंधी मांग 2060 तक 294 फीसदी बढ़ जाएगी
अमेरिका में पैठ जमा रही है गरीबी, क्या हैं मायने
पूंजीवादी व्यवस्था में श्रमिकों से ज्यादा हासिल करने और मालिक जितना संभव हो उतना कम देने की कोशिश में हैं
असमानता की रिपोर्ट में फिर सामने आई एक और हकीकत
‘असमानता की रिपोर्ट’ की मानें तो देश में समृद्धि का पैसा गरीब आदमी तक रिसकर भी नहीं पहुंच रहा
‘गुलाम मन’, घर और उसमें घुटता आदमी
घर बनाने में हमने बिना स्थानीय सरोकारों और जरूरतों को ध्यान में रखे नए ज्ञान और तकनीक को प्रयोग किया
बेलारूस मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ दो मानवाधिकार संगठनों को मिला नोबेल शांति पुरस्कार
बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ रूस के मानवाधिकार संगठन ‘मेमोरियल’ और यूक्रेन के ‘सिविल लिबर्टीज’ को मिला नोबल शांति पुरस्कार
जानिए चमोली त्रासदी के बाद क्यों जरूरी है हिमालय की चेतावनी का पाठ पढ़ना
नाजुक हिमालय में 33 हजार वर्ग किलोमीटर हिस्सा हिमनद (ग्लेशियर) है। ध्रुव क्षेत्रों के बाहर ग्लेशियर के रूप में पानी का बड़ी मात्रा में ...
कोरोना के कारण गरीबी के चरम स्तर पर पहुंच सकती हैं दुनिया की 4.7 करोड़ महिलाएं: यूएन
यूएन की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण महिलाओं में गरीबी की दर में 9.1 फीसदी की वृद्धि हो सकती ...
भारत क्यों है गरीब-11: मेवात के 47 फीसदी क्षेत्र में नहीं है सिंचाई की व्यवस्था
मेवात जिले में गरीबी की बड़ी वजह यह है कि यहां खेतों की सिंचाई के लिए व्यापक व्यवस्था नहीं है
वैश्विक लैंगिक अंतर सूचकांक: भारत 129वें स्थान पर, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आधे से भी कम कमाई
दक्षिण एशिया में भारत वैश्विक लैंगिक अंतर सूचकांक में बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और भूटान के बाद पांचवें स्थान पर है
शोधकर्ताओं ने दुनिया के भूमि आवरण का बनाया नक्शा, भूमि उपयोग तथा प्रबंधन में मिलेगी मदद
शोध के मुताबिक, एचवाईबीएमएपी एक सुसंगत और विश्वसनीय वैश्विक भूमि आवरण प्रदान करता है, जो पर्यावरण निगरानी, नीति-निर्माण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित शोधों ...
विश्व हिंदी दिवस 2024: हम इसे क्यों मनाते हैं? जानिए तिथि, इतिहास और महत्व
मंदारिन, चीनी और अंग्रेजी के साथ हिंदी दुनिया भर में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस आज, सभी के लिए स्वास्थ्य के बिना कोई सम्मान, स्वतंत्रता और न्याय नहीं हो सकता
10 दिसंबर 2023 को मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
2030 तक खत्म होने की बजाय दोगुनी हो जाएगी गरीबी
गरीबी उप सहारा अफ्रीका और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी पैठ बना चुकी है
जल, ऊर्जा और भूमि को वैश्वीकरण ने पहुंचाया नुकसान: अध्ययन
जो देश व्यापार पर अत्यधिक निर्भर हैं, उनके संसाधन उतने ही अधिक खतरे में हैं
क्या भारत ने आय की गरीबी को मापना बंद कर दिया है?
जब भारत ने 10 साल से अधिक समय से गरीबी का आकलन ही नहीं किया है, तब वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में किस ...
मजा से सजा: अब लॉकडाउन लुभाता नहीं, डराता है
कोविड-19 महामारी के कारण जब स्कूल बंद हुए तो बच्चों के लिए यह स्कूलों से ‘मुक्ति’ की तरह था लेकिन अब वे इस ‘मुक्ति’ ...
मजा से सजा - पढ़ाई पर पड़ा बुरा असर
दूर हुआ गरीबी से मुक्त दुनिया का लक्ष्य
बच्चों की गरीबी खत्म करना दरअसल भयंकर गरीबी से मुक्त दुनिया बनाने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है