भारत में 15 वर्षों के दौरान 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले
संयुक्त राष्ट्र के बहुआयामी गरीबी सूचकांक नवीनतम अपडेट के अनुसार 2021 में 23 करोड़ भारतीय अभी गरीबी की चपेट में हैं
समुद्री तटों को तेजी से लील रहा कंक्रीट, पर्यावरण के नजरिए से कितना है खतरनाक
तटों पर बढ़ते कंक्रीट के चलते न केवल वहां के स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र पर असर पड़ रहा है साथ ही यह आक्रामक प्रजातियों के ...
दो पत्रकारों को मिला 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार
उन्हें यह पुरस्कार अपने-अपने देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए किए प्रयासों को देखते हुए दिया गया है
नाजुक चमोली सिर्फ ऊंचे पहाड़ों से नहीं बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से भी घिरा है
जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा को डबल करने के लिए अगले कुछ दशकों में हिमालय पर सरकार करीब 229 डैम बनाना चाहती है। यदि ...
भारत क्यों है गरीब-1: गरीबी दूर करने के अपने लक्ष्य से पिछड़ रहे हैं 22 राज्य
भारत में गरीबी गहराई से जड़ें जमा चुकी है। कुछ राज्यों को छोड़ दें तो ज्यादातर राज्य गरीबी दूर करने के लक्ष्य से दूर ...
पीपुल्स फॉर हिमालय ने राजनीतिक पार्टियों के लिए जारी किया पांच सूत्रीय मांग पत्र
हिमालय में बढ़ रही आपदाओं पर अंकुश लगाने के लिए भारत के सभी हिमालयी राज्यों के संगठन एकजुट हुए
स्कूली शिक्षा से वंचित हैं 24.4 करोड़ बच्चे, लक्ष्य हासिल करने को चाहिए हर साल आठ लाख करोड़ रुपए
शिक्षा की राह में पैसे की सबसे बड़ी किल्लत उप सहारा अफ्रीका में है, जहां बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए लम्बी दूरी तय ...
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: दुनिया भर में 24 करोड़ से अधिक बच्चे और किशोर स्कूल से वंचित
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया भर में 61.7 करोड़ बच्चे और किशोर न बुनियादी गणित कर सकते हैं न ही पढ़ सकते हैं
एसओई इन फिगर्स 2022: सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने से कितना दूर है भारत
डाउन टू अर्थ के वार्षिंक संस्करण स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 में सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत की तैयारियों का विश्लेषण ...
पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है शिमला विकास की नई ड्राफ्ट योजना, एनजीटी ने लगाई रोक
कोर्ट ने आगाह किया है कि अगर हिमाचल प्रदेश सरकार इस ड्राफ्ट योजना के साथ आगे बढ़ती है, तो इसके पर्यावरण और सार्वजनिक सुरक्षा के ...
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट: 17 प्रमुख लक्ष्यों को पाने में चूक सकती है सरकार
सतत विकास लक्ष्यों (एसीडीजी) को हासिल करने में भारत पिछले दो सालों में तीन पायदान नीचे खिसका है
खुशहाली के मामले में 149 देशों की सूची में 139वें स्थान पर रहा भारत
खुशहाली के मामले में 149 देशों की सूची में भारत को 139वें पायदान पर रखा गया है, जो स्पष्ट तौर पर यह दिखाता है ...
भारत क्यों है गरीब-6: राष्ट्रीय औसत आमदनी तक पहुंचने में गरीबों की 7 पुश्तें खप जाएंगी
विश्व आर्थिक मंच की हालिया रिपोर्ट कहती है कि सामाजिक गैर-बराबरी से उच्च आर्थिक विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस ...
मेरी जुबानी: परंपरा खत्म तो आत्मनिर्भरता खत्म
अपने आसपास के कुदरती संसाधनों पर सरकार का कब्जा होने का सिलिसिला शुरू होने के बाद से कल तक का एक स्वतंत्र ग्रामीण आज ...
दलित-आदिवासियों को 2022-23 के आम बजट में क्या मिला?
वंचित समुदायों के लिए काम करने वाले संगठन दशम ने दलितों-आदिवासियों के लिए आवंटित बजट को आंकड़ों का खेल बताया
क्या ऊंटों में होती है नेतृत्व की गजब क्षमता
क्या आप जानते हैं कि पश्चिमी राजस्थान के दुर्गम रेतीले पल- पल में बदलने वाले रास्तों पर कैसे लोग ठीक ठीक अपनी मंजिल तक ...
नजरिया: नस्लवाद का वैज्ञानिक आधार नहीं
आज दुनियाभर में ऐसे दलों का प्रादुर्भाव हो चुका है जो न केवल नस्लभेद के विज्ञान का अभूतपूर्व समर्थन कर रहे हैं बल्कि इसके ...
भारत में जनसंख्या की रफ्तार स्थिर, क्या फिर भी है कड़े कानून की जरूरत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की सलाह दी है। क्या देश को वाकई ...
टीवी की “पॉप” राजनीति
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ के संस्थापक अनिल अग्रवाल की आज 19वीं पुण्यतिथि है। मास मीडिया का उनका आकलन आज ...
शहरों की ओर बढ़ता प्रवासियों का सैलाब
पलायन को मजबूर श्रमिकों की बड़ी आबादी तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का प्रतीक बनती जा रही है
सिनेमा में सामाजिक और पर्यावरणीय चेतना
बड़े परदे यानी सिनेमा में सामाजिक चेतना भले ही पूरी शिद्दत से अपनी मौजूदगी दर्ज कराती रही हो लेकिन पर्यावरण के विषय उतने मुखर ...
अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस: खुशहाली सूचकांक में भारत 126वें पायदान पर
विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, फिनलैंड लगातार सातवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना रहा
बुंदेलखंड राहत पैकेज घोटाला -1 : जांच की आंच से डरे कागजी विकास करने वाले नेता-अधिकारी
आरटीआई से मिली जानकारी में यह खुलासा हुआ कि वन विभाग को जारी 180 करोड़ के कुल फंड की 80 फीसदी राशि भ्रष्टाचार की ...
भारत क्यों है गरीब-2: नई पीढ़ी को धर्म-जाति के साथ उत्तराधिकार में मिल रही है गरीबी
भारत में पीढ़ी-दर-पीढ़ी गरीबी आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने अगले दो साल में गरीबी को दूर करने का वादा किया है, क्या यह ...
राजस्थान में भेदभाव और सुविधाओं की कमी से प्रभावित हो रही है बालिकाओं की शिक्षा
आज भी राजस्थान के कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां शिक्षा का प्रतिशत अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम है