बैठे-ठाले: विकास को खोजिए और पाइए 5 करोड़ का इनाम!
अम्मा बोली, “यह जलती पराली कृषि क्षेत्र के विकास को दर्शा रही है, यह कह रही है कि इस साल रिकॉर्ड अन्न का उत्पादन ...
लॉकडाउन, ‘आत्म-अलगाव’ और हमारा प्रकृति प्रेम
लॉकडाउन का सकारात्मक असर सुखद अहसास दे रहा है, लेकिन कहीं ये हमारा प्रकृति प्रेम और वैरागी ‘आत्म-अलगाव’ शमशानी वैराग्य तो नहीं
कोरोना लॉकडाउन: छत्तीसगढ़ में फंसे गुजरात के मालधारी परिवार
स्वच्छंदरूप से विचरण करने वाले मालधारी (गुजरात में इन्हें रबाड़ी/मालधारी, जम्मू-कश्मीर में बकरवाला, हिमाचल में गड्डी आदि के नाम से जानते हैं) छत्तीसगढ़ आकर ...
कुपोषित बच्चों के शिशु गृहों ने घटाई कृषि मजदूरों की चिंता, डीएमएफ फंड से बदल सकती है तस्वीर: सीएसई
क्योंझर (उड़ीसा) और अनूपपुर (मध्य प्रदेश) में बनाए गए शिशुगृह स्थानीय लोगों के सहयोग से कुपोषित और आंगनवाड़ी से पहले के बच्चों को लक्ष्य ...
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या आबादी वाकई विस्फोट के कगार पर है?
केंद्र सरकार देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करनी चाहती है। डाउन टू अर्थ ने इस मुद्दे का व्यापक विश्लेषण किया। प्रस्तुत है दूसरी ...
अंग्रेजी हुकूमत में कैसे डूबी अर्थव्यवस्था
औरंगजेब के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत जो अंग्रेजी शोषण से तीन प्रतिशत हो गई
दुनिया में अनियंत्रित और बेतरतीब तरीके से हो रहा शहरी फैलाव: अध्ययन
वैश्विक रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में शहरी विस्तार सबसे ज्यादा बेतरतीब तरीके से हो रहा है
99 वर्ष पूर्व मकर संक्रांति के दिन मिली थी कुली कलंक से मुक्ति
आज भी हर वर्ष 14 जनवरी के दिन लोग बागेश्वर के बगड़ में पहुंचते हैं और सरकार की जन विरोधी नीतियों संबंधी कागजात प्रतीकात्मक ...
न्यूजीलैंड ने पेश किया वेलबीइंग बजट, क्या भारत लेगा सबक?
न्यूजीलैंड ने आर्थिक विकास के बुलबुले को पहचान लिया है। लोक कल्याण की कीमत पर आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में शामिल देशों को न्यूजीलैंड ...
समुद्री तटों को तेजी से लील रहा कंक्रीट, पर्यावरण के नजरिए से कितना है खतरनाक
तटों पर बढ़ते कंक्रीट के चलते न केवल वहां के स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र पर असर पड़ रहा है साथ ही यह आक्रामक प्रजातियों के ...
दो पत्रकारों को मिला 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार
उन्हें यह पुरस्कार अपने-अपने देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए किए प्रयासों को देखते हुए दिया गया है
नाजुक चमोली सिर्फ ऊंचे पहाड़ों से नहीं बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से भी घिरा है
जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा को डबल करने के लिए अगले कुछ दशकों में हिमालय पर सरकार करीब 229 डैम बनाना चाहती है। यदि ...
भारत में 15 वर्षों के दौरान 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले
संयुक्त राष्ट्र के बहुआयामी गरीबी सूचकांक नवीनतम अपडेट के अनुसार 2021 में 23 करोड़ भारतीय अभी गरीबी की चपेट में हैं
भारत क्यों है गरीब-1: गरीबी दूर करने के अपने लक्ष्य से पिछड़ रहे हैं 22 राज्य
भारत में गरीबी गहराई से जड़ें जमा चुकी है। कुछ राज्यों को छोड़ दें तो ज्यादातर राज्य गरीबी दूर करने के लक्ष्य से दूर ...
एसओई इन फिगर्स 2022: सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने से कितना दूर है भारत
डाउन टू अर्थ के वार्षिंक संस्करण स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 में सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत की तैयारियों का विश्लेषण ...
पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है शिमला विकास की नई ड्राफ्ट योजना, एनजीटी ने लगाई रोक
कोर्ट ने आगाह किया है कि अगर हिमाचल प्रदेश सरकार इस ड्राफ्ट योजना के साथ आगे बढ़ती है, तो इसके पर्यावरण और सार्वजनिक सुरक्षा के ...
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट: 17 प्रमुख लक्ष्यों को पाने में चूक सकती है सरकार
सतत विकास लक्ष्यों (एसीडीजी) को हासिल करने में भारत पिछले दो सालों में तीन पायदान नीचे खिसका है
खुशहाली के मामले में 149 देशों की सूची में 139वें स्थान पर रहा भारत
खुशहाली के मामले में 149 देशों की सूची में भारत को 139वें पायदान पर रखा गया है, जो स्पष्ट तौर पर यह दिखाता है ...
स्कूली शिक्षा से वंचित हैं 24.4 करोड़ बच्चे, लक्ष्य हासिल करने को चाहिए हर साल आठ लाख करोड़ रुपए
शिक्षा की राह में पैसे की सबसे बड़ी किल्लत उप सहारा अफ्रीका में है, जहां बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए लम्बी दूरी तय ...
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: दुनिया भर में 24 करोड़ से अधिक बच्चे और किशोर स्कूल से वंचित
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया भर में 61.7 करोड़ बच्चे और किशोर न बुनियादी गणित कर सकते हैं न ही पढ़ सकते हैं
भारत क्यों है गरीब-6: राष्ट्रीय औसत आमदनी तक पहुंचने में गरीबों की 7 पुश्तें खप जाएंगी
विश्व आर्थिक मंच की हालिया रिपोर्ट कहती है कि सामाजिक गैर-बराबरी से उच्च आर्थिक विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस ...
दलित-आदिवासियों को 2022-23 के आम बजट में क्या मिला?
वंचित समुदायों के लिए काम करने वाले संगठन दशम ने दलितों-आदिवासियों के लिए आवंटित बजट को आंकड़ों का खेल बताया
क्या ऊंटों में होती है नेतृत्व की गजब क्षमता
क्या आप जानते हैं कि पश्चिमी राजस्थान के दुर्गम रेतीले पल- पल में बदलने वाले रास्तों पर कैसे लोग ठीक ठीक अपनी मंजिल तक ...
नजरिया: नस्लवाद का वैज्ञानिक आधार नहीं
आज दुनियाभर में ऐसे दलों का प्रादुर्भाव हो चुका है जो न केवल नस्लभेद के विज्ञान का अभूतपूर्व समर्थन कर रहे हैं बल्कि इसके ...
मेरी जुबानी: परंपरा खत्म तो आत्मनिर्भरता खत्म
अपने आसपास के कुदरती संसाधनों पर सरकार का कब्जा होने का सिलिसिला शुरू होने के बाद से कल तक का एक स्वतंत्र ग्रामीण आज ...