कार्बन फाइबर से संबंधित तकनीकें आकाशीय बिजली से बचा सकती है जान
कार्बन फाइबर मिश्रित पॉलिमर से बनी संरचनाएं एयरोस्पेस, ऊर्जा उत्पादन और यातायात के साथ-साथ अब इसका उपयोग बिजली गिरने पर सुरक्षा प्रदान करने वाली ...
तो क्या विकास की बलि चढ़ गया असम का हिल स्टेशन हाफलोंग
असम में बाढ़ का आना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार समय से पहले अत्याधिक बारिश की वजह से कई इलाकों में ...
पिछले दो दशकों में दुनिया भर की 4 हजार वर्ग किमी आर्द्रभूमि का हुआ नुकसान
दुनिया भर के कुल ज्वारीय आर्द्रभूमि में लगभग तीन-चौथाई की कमी एशिया में हुई, जिसमें से लगभग 70 फीसदी इंडोनेशिया, चीन और म्यांमार में ...
पोषण अभियान का सरकार ने घटाया बजट, संसदीय समिति नाराज
संसदीय समिति ने कहा कि सरकार पिछले तीन साल से लगातार अनुमानित बजट, संशोधित बजट के मुकाबले वास्तविक बजट में काफी कमी कर रही ...
कोरोना आपदा: 21वें साल में क्या उत्तराखंड लिखने जा रहा है नई इबारत
पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 71 फीसदी प्रवासियों ने उत्तराखंड में अपनी आजीविका के साधन ढूंढ़ लिए हैं
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से चलेगा नदी के पानी की गुणवत्ता का पता
टीम ने अलग-अलग देशों के हाइड्रोमेटोरोलॉजिकल आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया, जिसमें वायु तापमान, वर्षा और पानी के बहने की दर जैसे माप ...
2022 तक कैसे पूरा होगा 'सबके लिए घर' का सपना, तीन साल में बने केवल 37.6 फीसदी मकान
पिछले तीन वर्षों (2017 से 2020) में केवल 29,85,212 घर ही बन पाए हैं जबकि 79,44,126 घरों के निर्माण को स्वीकृति दी गई थी
झारखंड में पेसा का प्रस्ताव मजबूती से लागू करना नहीं आसान
साल 1996 पेसा एक्ट बना। झारखंड को बने हुए 22 साल हो गए, लेकिन राज्य में आज तक इसकी नियमावली नहीं बन पाई थी
डाउन टू अर्थ खास: इंसानों के जी का जंजाल बनी शहरों में बढ़ती कबूतरों की संख्या, कैसे होगा समाधान
भोजन की सहज उपलब्धता और तेज प्रजनन-क्षमता जैसे विविध कारणों ने पूरे भारत में हाल- फिलहाल के सालों में कबूतरों की संख्या को बहुत ...
संसद में आज: कोयले से हो रहा है 72 प्रतिशत से अधिक बिजली का उत्पादन
चालू वित्त वर्ष 2022-23 में, 538.04 लाख परिवारों ने महात्मा गांधी नरेगा के तहत रोजगार हासिल किया
भारतीय शहरों के लिए बड़ी समस्या का सबब है मास्टर प्लान का नदारद होना
भारत के गिनती के कुछ शहरों को छोड़कर यह देखा गया है कि वर्तमान में ज्यादातर शहरों का मास्टर प्लान नॉन प्लानिंग प्रोफ़ेशनल या ...
लुटता हिमालय: एक साथ कई चुनौतियों ने बढ़ाई मुश्किलें
बेहद नाजुक माना जाने वाला भारतीय हिमालय क्षेत्र बेतहाशा बढ़ते शहरीकरण, पारिस्थितिक क्षय, पर्यटन और विद्युत परियोजनाओं के चलते एक साथ कई पर्यावरणीय मोर्चों ...
लुटता हिमालय: नीति निर्माताओं को खोलनी होगी आंख: अनिल जोशी
सड़कें पहले हाथों से बनाई जाती थीं, लेकिन अब भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। यह बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान ...
खेती पर जलवायु परिवर्तन का असर: 2030 तक 5 करोड़ लोग हो जाएंगे गरीब
आईएफएडी ने कहा है कि आपदाओं के चलते विस्थापन में इजाफे से लोगों के बीच झगड़े बढ़ रहे हैं, जिस वजह से लोग गरीब ...
मनरेगा का हाल: बिहार के प.चंपारण में सिर्फ 8 लोगों को मिल पाया 100 दिन का रोजगार
महात्मा गांधी के नाम पर चल रहे इस रोजगार गारंटी स्कीम की यह दुर्दशा उस जिले में है, जहां से गांधी ने 1917 में ...
सरदार सरोवर बांध प्रभावितों का धरना खत्म, ज्यादातर मांगें मानी
सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ने के बाद कई इलाकों में पानी भरा हुआ है और ये इलाके टापू में बदल गए हैं। जरूरी ...
पृथ्वी और खुद की सेहत के लिए भोजन की थाली में करें बदलाव
रेड मीट जैसे उत्पादों के सेवन में 50 प्रतिशत तक कमी लानी होगी, जबकि फलियां, मेवे, फल और सब्जियों की खपत में 100 फीसदी ...
सीईसी को एड हॉक की जगह स्थाई बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाए पर्यावरण मंत्रालय: सुप्रीम कोर्ट
सीईसी पिछले दो दशकों से खनन और वनों के भीतर परियोजनाओं को दी जाने वाली अनुमति से जुड़े मामलों में न्यायालय की मदद कर ...
2021 में 9.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: आईएमएफ
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा जारी नवीनतम अनुमानों के अनुसार 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.5 फीसदी की दर से बढ़ने के आसार हैं।
वनवासियों के हकों को नजरअंदाज करके नहीं किया जा सकता वनों का विकास
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के 30 करोड़ लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं जो जंगलों की बहाली के लिए उपयुक्त हैं, जबकि इस जमीन के 5 ...
विश्व श्रमिक दिवस पर जानिए दुनिया में महिला श्रमिकों का क्या है हाल ?
2020 में महिलाओं पर जो संकट आया है, उसके चलते पुरुषों और महिलाओं के बीच जो असमानता की खाई है उसको भरने में लगने ...
बेहतर कल के लिए सुधारने होंगे प्रकृति के साथ बिगड़ते रिश्ते: यूएन
यदि जैव विविधता को हो रहे नुकसान की बात करें तो पेड़ पौधों और जानवरों की अब तक ज्ञात 80 लाख लाख प्रजातियों में ...
वैश्विक मंदी का सामना करती दुनिया, चार दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा आर्थिक विकास
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी नवीनतम ट्रेड एंड डेवलपमेंट रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि देशों के बीच मौजूद असमानताएं और असमान विकास, ...
क्या टिहरी बांध की झील के ऊपरी क्षेत्र में पहाड़ी धंस रही है?
ग्रामीणों का कहना है कि पहले आर-पार के जो गांव कभी दिखते नहीं थे, अब दिखने लगे हैं। विशेषज्ञों ने गहन अध्ययन की अपील ...
जलविद्युत परियोजनाओं के कारण खतरे में है बाघ और जगुआरों का अस्तित्व
अनुमान है कि जंगली बाघों की करीब 20 फीसदी और जगुआरों की 0.5 फीसदी आबादी इन जलविद्युत परियोजनाओं से प्रभावित हुई है