बिहार में सूखी 40 से अधिक नदियां, गहराने लगा पानी का संकट
बिहार में पानी का संकट चरम पर पहुंच चुका है, लेकिन यह मुद्दा लोकसभा चुनाव के प्रचार में अपनी जगह नहीं बना पा रहा ...
महाराष्ट्र सूखा योजना: दस साल, 9,630 करोड़ खर्च, फिर भी महज 487 लोगों के लिए पानी
विशेषज्ञों का कहना है कि मराठवाड़ा में सूखा स्पष्ट रूप से मानव निर्मित आपदा है, जिसके लिए जल संसाधनों का कुप्रबंधन जिम्मेवार है
एक साथ चलती हैं पानी और संस्कृति, समाज की विफलता की निशानी है पानी का न बचना
भले ही पानी की सुविधा कई गांवों में “उपलब्ध” हो गई है, लेकिन ऐसे गांवों की संख्या भी बढ़ी है, जहां पानी फिर से ...
कश्मीर के पीर पंजाल में सिकुड़ रहे 122 ग्लेशियर, पैदा हो सकते हैं कई अनचाहे खतरे
रिसर्च से पता चला है कि जो ग्लेशियर क्षेत्र 1980 में करीब 25.7 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला था, वो 2020 में घटकर महज ...
पानी में मिले ऐसे तत्व, जो छानने व उबालने से भी नहीं हुए खत्म, दिल के लिए हैं खतरनाक
अध्ययन में पाया गया कि पानी एक लीटर में डाइहैलोजेनेटेड नाइट्रोफेनोल्स की 19 माइक्रोग्राम की मात्रा मिलने से जेब्राफिश के भ्रूण पर गंभीर कार्डियोटॉक्सिक ...
धरती की नदियों में बह रहा है कितना पानी, नासा ने दिया जवाब
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 1980 से 2009 तक धरती पर बहने वाली नदियों में पानी की कुल मात्रा औसतन 539 क्यूबिक मील थी।
कहीं सूखा, कहीं सैलाब, पानी लिख रहा है बर्बादी की नई कहानी
भविष्य में जल की मांग जनसंख्या से नहीं, बल्कि आर्थिक विकास से उत्पन्न होगी
दुनिया भर में संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और बीमारी के बावजूद स्वास्थ्य में अहम प्रगति दिखाती है रिपोर्ट
डब्ल्यूएचओ रिजल्ट रिपोर्ट 2023 में उल्लेखनीय स्वास्थ्य उपलब्धियां दर्शाई गई हैं और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में ठोस प्रयास का ...
वैज्ञानिकों ने हैजा जैसी बीमारियों के बैक्टीरिया से निपटने के लिए विकसित किया नया तरीका
अध्ययन में हैजा और अन्य बीमारियों में दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया को मारने के लिए बैक्टीरियोफेज का उपयोग करने की नई रणनीति बनाने की संभावनाओं ...
जल बिन प्यासे शहर, भाग एक: क्यों बेंगलुरु में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, कहां रह गई कमी?
बेंगलुरु का विकास ही इसकी झीलों और तालाबों को खत्म करके किया गया है, जोकि हमारे पानी की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी हैं
जल बिन प्यासे शहर, भाग तीन: डे जीरो की ओर बढ़ रहे महानगर, बेंगलुरु बना मिसाल
बेंगलुरु में भूजल दोहन लगातार बढ़ रहा है, शहर में 4 लाख से अधिक ट्यूबवेल हैं। वहीं भूजल रिचार्ज भी पर्याप्त मात्रा में नहीं ...
जल बिन प्यासे शहर, भाग दो: जलसंकट से उबरने के लिए बेंगलुरु को करने होंगे ये काम
शहर को पानी की किल्लत से निपटने के लिए रिचार्ज, दोबारा इस्तेमाल और रिसाइकल करना जरूरी है