हर दिन बर्बाद हो रहा 100 करोड़ थालियों के बराबर खाना, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा
दुनिया का हर इंसान सालाना औसतन 79 किलोग्राम भोजन की बर्बादी के लिए जिम्मेवार है, जिससे हर भूखे व्यक्ति को रोजाना 1.3 खुराक मिल ...
क्यों एनजीटी ने गारे पाल्मा सेक्टर II कोयला खदान परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी को किया रद्द
एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय को नए सिरे से आम लोगों के साथ परामर्श करने के साथ मामले की फिर से जांच करने को कहा ...
सावधान! एनर्जी ड्रिंक से उड़ रही छात्रों की नींद, गुणवत्ता पर भी पड़ता असर
रिसर्च से पता चला है कि बेहद थोड़ी मात्रा में भी इन एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन युवाओं की नींद खराब कर सकता है
वन विभाग बनाम वनाधिकार कानून
भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 28 जून 2022 को जारी नया फरमान, आदिवासियों और वनाश्रितों के विरुद्ध ऐतिहासिक अन्याय करने वाले ...
'डाउन टू अर्थ' हिंदी में क्यों
डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका को आठ साल पूरे हो चुके हैं। प्रस्तुत है पहले अंक में प्रकाशित पत्रिका की संपादक सुनीता नारायण का ...
क्या होता है एंटीबायोटिक रेसिस्टेन्स (एएमआर), कितना खतरा है हमें इससे?
एंटीबायोटिक रेसिस्टेन्स की वजह से हर साल करीब सात लाख लोगों की जान जा रही है। इसके बावजूद लोग इसके बारे में बहुत कम ...
भारत में हर वर्ष करीब 6.88 करोड़ टन भोजन कर दिया जाता है बर्बाद
देश में हर व्यक्ति प्रतिवर्ष करीब 50 किलोग्राम भोजन बर्बाद कर देता है, जबकि 18.9 करोड़ लोगों को आज भी पर्याप्त पोषण नहीं मिल ...
एसओई 2021: भारतीय किसान क्यों कर रहे हैं आत्महत्या?
स्टेट ऑफ इंडिया'ज एनवायरमेंट 2021 के मुताबिक, 2019 में 10,200 से ज्यादा किसानों और खेतिहर मजदूरों ने अपनी जान ले ली
क्यों एनटीपीसी थर्मल प्लांट को बंद कराना चाहते हैं कहलगांव के लोग?
सरकार के नियम के मुताबिक, 25 साल में पावर प्लांट बंद हो जाने चाहिए, लेकिन कहलगांव का पावर प्लांट अब तक चलाया जा रहा ...
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2020: बच्चों को जलवायु परिवर्तन के मायने समझाएगी यह किताब
यह किताब आसान शब्दों में जलवायु परिवर्तन की वजह और इससे पृथ्वी पर होने वाले दुष्प्रभावों को बताती है
एनजीटी के आदेश पर रीवा में अवैध स्टोन क्रशर और खनन इकाइयों की जांच के लिए समिति गठित
एनजीटी के समक्ष दायर एक शिकायत में रीवा के विभिन्न गांवों में चल रहे अवैध स्टोन क्रशरों और खनन इकाइयों के कारण होते प्रदूषण ...
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2024: वक्ताओं ने कहा, हमारे कपड़ों में प्लास्टिक कचरा एक नई व बड़ी चुनौती बना
साल 2015 में पॉलिएस्टर कपड़ों के लिए लगभग 70,600 करोड़ किलोग्राम ग्रीनहाउस गैसें निकली, जो 185 कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के वार्षिक उत्सर्जन के ...
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2024: वैश्विक औसत के मुकाबले भारत में ज्यादा तेजी से हो रही है प्रजातियों की विलुप्ति
अब जो सामूहिक विलुप्ति या अंत होने वाला है, वो आधुनिक मानव यानी होमो सेपियन्स के कारण होगा
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2024: हर साल हिमालय पर बढ़ता जा रहा है खतरा
डाउन टू अर्थ द्वारा प्रकाशित सालाना रिपोर्ट स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2024 में हिमालयी क्षेत्र में दिख रहे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन ...
जानिए क्यों एनजीटी ने उत्तर प्रदेश की ओवरसाइट कमेटी को भंग करने का दिया निर्देश
एनजीटी ने निर्देश दिया है कि आगे से यह त्रिस्तरीय तंत्र अदालतों के निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने ...
पर्यावरण मंत्री ने जारी की डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट
‘हमने देश में लंबे समय तक के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और अब हम देश के गरीबों के लिए संसाधनों के ...
सवालों में हसदेव अरण्य में परसा कोल ब्लॉक को मिली दूसरे चरण की स्वीकृति
हसदेव अरण्य को बचाने के लिए आदिवासी 300 किमी का सफर पैदल चलकर रायपुर पहुंचे थे, जहां राज्य के मुख्यमंत्री ने फर्जी ग्राम सभा ...
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण की गारंटी कैसे बन सकता एक बहु-सदस्यीय आयोग
वायु प्रदूषण के कारकों की खूब अच्छी तरह से पहचान की जा चुकी है और सरकारों को क्या करना है यह भी बताया जा ...
दिल्ली में लू: क्या आग में घी डालने का काम कर रहे हैं एयरकंडीशनर
लू के महीनों में बिजली की आधी से ज्यादा मांग के लिए ऑफिसों, दुकानों और घरों में लगने वाले एसी को जिम्मेदार ठहराया जा ...
संसद में आज: देश में प्रवासी और भूमिहीन किसानों की संख्या की जानकारी नहीं
साल 2022-23 में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 667.34 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है
संसद में आज: हिमालयी इलाकों में बन रही हैं 30 बड़ी जल विद्युत परियोजनाएं
जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित परिवार के पुनर्वास के लिए सरकार ने 45 करोड़ रुपए किए जारी
महासागरों से हर साल निकाली जा रही है छह अरब टन रेत, जैव विविधता को खतरा: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, रेत निकालने वाले जहाजों का विशाल वैक्यूम, समुद्री तल को साफ कर देता है, जिससे समुद्री सूक्ष्म जीव गायब हो ...
किसानों के पास ही है मौसम में आ रहे परिवर्तन को रोकने का नुस्खा, करने होंगे ये काम
दोहरी फसल पैदा करने से नाइट्रोजन के होने वाले कुल नुकसान को 12 से 18 फीसदी और फास्फोरस के कुल नुकसान को 16 से ...
जानिए अंटार्कटिका के ऊपर क्यों दिखाई दिया ओजोन छिद्र
1980 के मध्य में अंटार्कटिक ओजोन परत के गंभीर रूप से कमजोर होने का मामला पहली बार सामने आया था।
उत्सर्जन के मानक को 2022 तक पूरा नहीं कर पाएंगे 70% पावर प्लांट: सीएसई
सीएसई का कहना है कि चूंकि केंद्र सरकार द्वारा कोयला खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसलिए यह अध्ययन करना जरूरी हो गया ...