ज्वालामुखियों से वातावरण में कितना निकला पारा व कार्बन, जानने के लिए वैज्ञानिकों ने विकसित की तकनीक
ज्वालामुखीय घटनाएं जो लाखों वर्षों तक चल सकती हैं और मैग्मा का उत्पादन करती हैं जो पृथ्वी की सतह तक पहुंचती है और सैकड़ों ...
वैज्ञानिकों ने चीतों की बेजोड़ गति के पीछे के रहस्य का लगाया पता, संरक्षण से क्या है लेना-देना?
अध्ययनकर्ताओं ने 400 से अधिक प्रजातियों से एकत्र किए गए भूमि पर रहने वाल जानवरों की गति और आकार के आंकड़ों के साथ अपने ...
जलवायु परिवर्तन के कारण कौन से जीव हैं विलुप्त होने के कगार पर, अध्ययन में लगाया पता
शोधकर्ताओं ने 9,200 से अधिक प्रजातियों को कवर करने वाले 290,000 से अधिक जीवाश्म रिकॉर्ड का उपयोग करते हुए, प्रमुख लक्षणों का एक डेटासेट ...
शाकाहारी जीवों पर अधिक है विलुप्ति का खतरा, जानें क्यों
पिछले 500 वर्षों में कम से कम 368 कशेरुक प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं।
जग बीती: कौन करेगा विलुप्ति की फिक्र
जारी है जैव विविधता में गिरावट
जैव विविधता में हो रहा क्षय मानव गतिविधियों का मिला-जुला परिणाम है
निएंडरथल थे मानवता के प्रतिबिंब
निएंडरथल के डीएनए पृथ्वी पर कभी वर्तमान जितनी मात्रा में नहीं रहे
24 घंटे में 19 सेकेंड के बराबर है धरती पर मनुष्य की मौजूदगी
पृथ्वी के इतिहास में पहली बार केवल एक प्रजाति पूरे ग्रह को रूपांतरित कर रही है
विचित्र दिखने वाली बिच्छू मक्खी की नई प्रजाति की हुई खोज
अभी तक बिच्छू मक्खी की एक ही प्रजाति ज्ञात थी और वह ठीक 200 साल पहले खोजी गई थी
लुप्त हो रहे हैं हमारे चेहरों में छिपे 'घुन', लेकिन ये खबर अच्छी नहीं
डेमोडेक्स नाम के ये घुन त्वचा के छिद्रों का साफ रखते हैं
अजब-गजब: सबसे गर्म ल्यूट रेगिस्तान के ताजे पानी में खोजी गई क्रस्टेशिया की नई प्रजाति
नई पहचानी गई प्रजातियां जीनस फालोक्रिप्टस से संबंध रखती है
पौधों और कवकों की शीर्ष दस प्रजातियों को दिया गया नया वैज्ञानिक नाम
रॉयल बोटेनिक गार्डन, केव के वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के साथ मिलकर 2023 में विज्ञान के लिए नए शीर्ष 10 पौधों और कवकों की ...
और तेज करने होंगे विलुप्त होते गिद्धों को बचाने के उपाय
कई देशों में रसूखदार लोग, तंत्र क्रिया वाले और घरों में पालने के लिए लोग गिद्धों की मुंहमांगी कीमत देते रहे है
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2024: वैश्विक औसत के मुकाबले भारत में ज्यादा तेजी से हो रही है प्रजातियों की विलुप्ति
अब जो सामूहिक विलुप्ति या अंत होने वाला है, वो आधुनिक मानव यानी होमो सेपियन्स के कारण होगा
बढ़ते तापमान के कारण नहीं मिलेगा मछलियों को चारा, वैज्ञानिकों ने विलुप्ति का अंदेशा जताया
अध्ययन के मुताबिक, मछलियां गर्म पानी में शिकार की खोज और खाने के तरीके बदल रही हैं, व्यवहार में इस तरह के बदलाव के ...
कुछ जानवर समय के साथ आकार में बड़े तथा कुछ छोटे होते गए, आखिर क्यों?
अलास्का के घोड़े, क्रिप्टोडिरन कछुए और आइलैंड की छिपकलियां समय के साथ क्यों सिकुड़ गईं, इसका रहस्य एक नए अध्ययन में सुलझाया गया है।
बुझ रही है कुदरत की लालटेन
मौसम के बदलाव का संकेत देने वाले जुगनू जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खत्म होते जा रहे हैं
दुनिया भर में विलुप्त हो रही नई प्रजातियों को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी : विशेषज्ञ
आने वाले दशकों में आगे की प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। इसलिए, विलुप्त होने के खतरे को कम करना बहुत जरूरी है
50 फीसदी तक कम किया जा सकता है प्रजातियों के विलुप्ति का खतरा: शोध
पहली बार सामने आए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर भूमि का संरक्षण सही तरीके से किया जाए तो प्रजातियों के ...
तस्वीरों में देखें, धरती की सबसे बड़ी विलुप्तियां
धरती अब तक पांच बड़ी विलुप्तियों की गवाह बन चुकी है और छठी विलुप्ति का क्रम जारी है। धरती के इतिहास में सबसे बड़ी ...
कानूनी संरक्षण के अभाव में जर्जर हालत में पहुंचे करोड़ों वर्ष पुराने भूस्मारक
भारत सरकार की नई राष्ट्रीय खनिज नीति देखकर लगता है कि अगली पीढ़ी को भूगर्भीय इतिहास से परिचित कराने में सरकार की कोई रुचि ...
इन तस्वीरों में दिख रही प्रजातियों को हम कभी नहीं देख पाएंगे
मनुष्यों ने अपनी हरकतों से दुर्लभ जीवों की बहुत-सी प्रजातियों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। यह काम हमने मुख्य रूप से ...
नए युग में धरती: अब तक पांच बार हो चुका है महाविनाश
शुरुआती विलुप्तियां और जीवाश्म रिकॉर्ड बताते हैं कि एक प्रजाति करीब 10 लाख वर्षों में खत्म हो जाती है
तेजी से विलुप्त हो रही हैं भारतीय पेड़ों की यह प्रजातियां
भारत को आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पेड़ों की उन स्थानिक प्रजातियों को बचाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो तेजी से लुप्त होती जा ...
जलवायु परिवर्तन से ‘मारमोट’ का जीवन खतरे में: अध्ययन
मारमोट एक प्रकार की बड़ी गिलहरी की प्रजाति है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालय, लद्दाख और देओसाई पठार आदि में पाई जाती है