मानव विकास सूचकांक में पिछड़ा उत्तराखंड
राज्य गठन के 18 वर्ष के सफर में उत्तराखंड अपने युवावस्था में प्रवेश कर चुका है। क्या इन अठारह वर्षों में राज्य सही दिशा ...
क्या बिहार में भी शुरू हो गई है बाघ व आदमी के बीच मुठभेड़?
बिहार के पश्चिमी चम्पारण के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघ के हमलों की घटनाएं अमूमन नहीं होती हैं, लेकिन सोमवार की शाम कथित तौर पर ...
केरल में गर्भवती हथिनी की हत्या के बहाने वन्यजीवों के खिलाफ साजिशों की पड़ताल जरूरी
मेनका गांधी को यह भली-भांति पता है कि तमाम विकास योजनाओं का सबसे बुरा प्रभाव देश के वन्यजीवों पर पड़ा है
डाउन टू अर्थ विशेष: भविष्य में कितना बदल जाएगा मनुष्य का शरीर
भविष्य के मानव में बहुत से शारीरिक बदलाव दिख सकते हैं, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से प्रेरित होंगे। कम इस्तेमाल वाले अंग सिकुड़ सकते ...
“मानव विलुप्ति की नहीं पतन की संभावना”
भविष्य में मानव कैसा दिखेगा? इस मुद्दों पर डाउन टू अर्थ ने न्यूयॉर्क सिटी यूनिवर्सिटी के जॉन जे कॉलेज में जीवविज्ञान के प्रोफेसर नैथन ...
मानव वन्यजीव संघर्ष: उत्तराखंड से दूसरे राज्यों में भेजे जा सकेंगे जंंगली जानवर या कोई और है हल?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य के सभी रेस्क्यू सेंटर भर गए हैं, इसलिए समस्याग्रस्त वन्यजीवों को अन्य राज्यों में शिफ्ट ...
डाउन टू अर्थ विशेष: धरती पर बचेगा कौन, रोबोट, एलियंस या हम?
जिस तरह मनुष्य का जीवन तकनीक और मशीन से घिरता जा रहा है, उससे यह कयास लगाया जा रहा है कि भविष्य में मनुष्य ...
डाउन टू अर्थ विशेष: क्या होगा मनुष्य का भविष्य
मानव का भविष्य उन 99 प्रतिशत से अधिक प्रजातियों जैसा हो सकता है जो धरती से विलुप्त हो चुकी हैं
हम ट्रांसजेंडर
जैविक रूप से बात करें तो समाज को पुरुषों और महिलाओं के द्विवर्ण में विभाजित किया जाता है, जो स्पष्ट यौन अंतरों पर ही ...
निएंडरथल थे मानवता के प्रतिबिंब
निएंडरथल के डीएनए पृथ्वी पर कभी वर्तमान जितनी मात्रा में नहीं रहे
डाउन टू अर्थ खास: प्राकृतिक आपदा की शिकार महिलाओं पर मानव तस्करों की नजर
प्राकृतिक आपदाओं और गरीबी ने मानव तस्करी को खाद-पानी देने का काम किया है। मौसम की चरम घटनाओं ने लाखों लोगों को को प्रभावित ...
प्रकृति प्रति वर्ष 417 लाख टन मानव अपशिष्ट को साफ करती है: अध्ययन
अध्ययन के अनुसार शहरों में प्रत्येक वर्ष 20 लाख क्यूबिक मीटर से अधिक मानव अपशिष्ट को बिना बुनियादी ढांचे के संसाधित किया जाता है।
“90 वोटों के लिए धन्यवाद”
मानवाधिकार कार्यकर्ता की अपमानजनक हार ने कहीं और जीत का संकेत दिया
नदियों के डेल्टा का आकार बदलने के लिए कौन है जिम्मेवार?
दुनिया भर में लगभग 11,000 डेल्टा है। इन डेल्टाओं के सहारे नदी के जल निकासी घाटियों, गाद के प्रवाह, लहर, जलवायु और ज्वार की ...
99 वर्ष पूर्व मकर संक्रांति के दिन मिली थी कुली कलंक से मुक्ति
आज भी हर वर्ष 14 जनवरी के दिन लोग बागेश्वर के बगड़ में पहुंचते हैं और सरकार की जन विरोधी नीतियों संबंधी कागजात प्रतीकात्मक ...
जंगल से आये हाथियों ने किसान को कुचल डाला
इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं होती हैं, लेकिन अब तक इसके कोई स्थायी समाधान नहीं ढूंढ़े जा सके हैं।
उत्तराखंड में बाघ का हमला: क्या बढ़ती संख्या के साथ सिकुड़ रहा है बाघों का प्राकृतिक आवास?
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धूमाकोट में बाघ अब तक दो लोगों का अपना शिकार बना चुका है, लेकिन सवाल यह है ...
डाउन टू अर्थ विशेष: मानव विकास की कहानी, आदिम से अब तक
मानव का मौजूदा स्वरूप विकास की उस सतत प्रक्रिया का नतीजा है, जो लगभग दो लाख वर्षों से जारी है। वैज्ञानिकों के हवाले से ...
संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बढ़ रहा है तेंदुए का अनुकूलन
पश्चिम बंगाल के चाय बागानों और उनके बीच स्थित मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्र के करीब 400 वर्ग किलोमीटर के दायरे में यह अध्ययन किया ...
“सच दिखाने पर सत्ता विरोधी जमात में हो जाएंगे शामिल ”
"सरकार के प्रचार के इतर जो सच है वही प्रतिरोध है। सरकारी जुमलेबाजी का चमकीला पर्दीला गिराकर सच दिखाएंगे तो आप प्रतिरोध वाली जमात ...
टीवी की “पॉप” राजनीति
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ के संस्थापक अनिल अग्रवाल की आज 19वीं पुण्यतिथि है। मास मीडिया का उनका आकलन आज ...
डीएनए ने उलझाए अतीत के रहस्य
डीएनए ने अतीत की अनिश्चितता को और उलझा दिया है, अतः इतिहासकारों, पुरातत्ववेत्ताओं और आनुवांशिकी विज्ञाानियों को मिलकर यह पता लगाना होगा कि क्या ...
आसान नहीं है मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना
उत्तराखंड में जगह-जगह जंगली जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड वन विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है
जिंदगी खतरे में डाल मछलियां पकड़ने को मजबूर हैं सुंदरवन के मछुआरे
जानकारों का कहना है कि सुंदरवन में जमीन घट रही है। 1969 से लेकर अब तक सुंदरवन की 250 वर्ग किलोमीटर जमीन पानी में ...
तीन दशक में 58 फीसदी बढ़ी प्रवासी बच्चों की संख्या: संयुक्त राष्ट्र
दुनियाभर में तकरीबन 27.2 करोड़ लोग अपने जन्म के देश से बाहर रह रहे हैं और इसमें तकरीबन 3.8 करोड़ बच्चे हैं। मतलब, हर ...