किसके फायदे के लिए हो रहा है वन संरक्षण कानून, 1980 में संशोधन?
40 वर्ष बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, वन संरक्षण कानून में बदलाव करना चाहता है, लेकिन क्यों?
यहां जानिए आखिर क्यों दक्षिण पूर्व एशिया के पहाड़ों से निकल रहा है अत्यधिक ग्रीन हाउस गैस
ऊंचे पहाड़ों, तेज ढलानों पर जंगलों को तेजी से काटा जा रहा है, इन वनों में तराई की तुलना में कार्बन इकट्ठा करने की ...
कोकण के वेलास तट पर दुर्लभ ऑलिव रिडले समुद्री कछुओं को मिला जीवनदान
2002 से महाराष्ट्र के एक गांव वेलास में विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके ऑलिव रिडले प्रजाति के कछुओं को बचाने की मुहिम चल ...
क्या तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ खत्म हो जाएंगी यह खूबसूरत प्रजातियां
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कुछ प्रजातियों ने अपनी खाने की आदतों को बदल लिया है कुछ ने अपने आवास को, पर जो ...
पूर्वोत्तर भारत की सुदूर सियांग घाटी में मिली अनोखे नीले रंग की चींटियां
अरुणाचल प्रदेश की सियांग घाटी अनोखी विविधता पाई जाती है, जिसमें से बहुत कुछ अभी भी खोजा जाना बाकी है, सांस्कृतिक और पारिस्थितिकी दोनों ...
राणापुर में पेड़ों को काट आरक्षित वन भूमि पर किया अवैध कब्जा, सहायता के नाम पर सरकार से हड़पे लाखों
आरोप है कि अतिक्रमणकारियों ने पेड़ों को काट आरक्षित वन क्षेत्र में न केवल फार्महाउस बल्कि सडकें भी बनाई हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ...
पर्यावरण पर पर्यटन गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने के लिए किए जा रहे हैं उपाय: एनजीटी में असम सरकार
यह मामला द हिन्दू में प्रकाशित एक खबर में सामने आया था। इस खबर के मुताबिक पर्यटन से हिमालयी क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि तो ...
बढ़ते शहरीकरण के कारण परागण करने वाले जीवों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है: शोध
शोध के मुताबिक, परागणकों और पौधों के बीच होने वाली क्रिया के असर की पहचान करने के लिए, एक साल तक हर महीने बेंगलुरु ...
पंजाब में पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने के लिए अधिकारियों के पास नहीं हैं अधिकार
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
उत्तराखंड: तापमान बढ़ते ही जलने लगे जंगल
आने वाले दिन शुष्क रहने के कारण उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं
ओडिशा के 24 गांवों को मिला वनों का सामुदायिक अधिकार
24 गांवों को 14 वनों का सामुदायिक और बाकी वनों का सामुदायिक वन संसाधन अधिकार दिया गया
मछुआरों के हुक में फंसने से खतरे में पड़ी टारपोन मछलियां बन रही हैं शार्क का निवाला
एक शोध में कहा गया है कि हुक में पांच मिनट से अधिक फंसी रहने वाली टारपोन मछली हैमरहेड शार्क का शिकार आसानी से ...
धधकती आग से सिर्फ जंगल ही नहीं, जल रहा है करोड़ों का टिम्बर कारोबार
रिसर्च से पता चला है कि पिछले दो दशकों में 2.47 करोड़ हेक्टेयर लकड़ी उत्पादक जंगल आग की भेंट चढ़ गए थे, जिससे वैश्विक ...
गोवा और कर्नाटक में क्लैम झींगा की दो नई प्रजातियों की हुई खोज
वैज्ञानिकों ने कर्नाटक और गोवा में स्पाइनी क्लैम झींगा या स्पिनिकाउडान की दो नई प्रजातियों की खोज की है, जो अन्य ज्ञात भारतीय प्रजातियों ...
डाउन टू अर्थ खास: सहूलियत के नाम पर आदिवासियों से छीना जा रहा है वनाधिकार
मध्य प्रदेश में खारिज किए जा चुके वन अधिकारों के दावों की समीक्षा के लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया गया। लेकिन, इससे दावेदारों को ...
खतरे में मधुमक्खियां: वैज्ञानिकों ने निकाला इनके ही दिमाग से समाधान, मधुमक्खी पालकों के लिए राहत
वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि सीधे नुकसान पहुंचाने के अलावा, परजीवियों ने मधुमक्खियों में एक वायरस भी पहुंचाया जो उनके पंखों को खराब कर ...
एशिया के स्तनधारियों का विकास प्राचीन जलवायु परिवर्तन और बढ़ते पहाड़ों ने तय किया:अध्ययन
अध्ययन में 3,000 से अधिक प्रजातियों के आंकड़ों को संकलित किया गया, जिससे पता चला कि कैसे पिछले 6.6 करोड़ वर्षों में पूरे एशिया ...
कैसे बचेगी जैवविविधता, जब भारत का महज 6 फीसदी से भी कम हिस्सा है संरक्षित
यदि पिछले 10 वर्षों के रुझानों को देखें तो भारत के संरक्षित क्षेत्रों में केवल 0.1 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस रफ्तार से ...
भारत में होती हैं कीटनाशकों के जहर से होने वाली 60 फीसदी मौतें, पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा
खेतों में इस्तेमाल होता यह जहर हर साल 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले रहा है। इनमें से करीब 60 फीसदी मौतें ...
नमक सत्याग्रह की तर्ज पर कोयला सत्याग्रह कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी
पिछले एक दशक से अधिक समय से प्रति वर्ष दो अक्टूबर को रायगढ़ जिले की चार तहसील रायगढ़, तमनार, धर्मजयगढ़ और घरघोड़ा के लगभग ...
वर्षों तक वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा सकते हैं डिस्पोजेबल फेस मास्क: अध्ययन
दुनिया भर के 114 दृश्यों को देखा गया जिनमें से 83 फीसदी में पक्षी, 11 फीसदी स्तनधारी, जबकि 3.5 फीसदी अकशेरुकी और 2 फीसदी ...
आज है अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस : क्या है महत्व यहां जानें
2022 में स्वदेशी लोगों के इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय "पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका" है।
जैव विविधता को बचाने के लिए धरती के 44 फीसदी हिस्से को करना होगा संरक्षित
जैवविविधता को बचाने के लिए धरती पर 6.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को संरक्षित करना होगा, लेकिन साथ ही यह भी ध्यान में रखना ...
कम उपजाऊ भूमि पर दोबारा खेती न करने से कम किया जा सकता है जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
छोड़ी गई भूमि पर फिर से खेती करने से 31 फीसदी संभावित वन्यजीवों निवास स्थानों में कमी तथा कार्बन जमा करने में 35 फीसदी ...
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल: पीड़ित है प्रकृति, प्लास्टिक से भर रहे हैं महासागर
अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस की मूल जड़ें 1970 के दशक से जुड़ जाती हैं जब पर्यावरण संरक्षण राष्ट्रीय राजनीतिक एजेंडा की प्राथमिकता नहीं थी