क्या भारत ने आय की गरीबी को मापना बंद कर दिया है?
जब भारत ने 10 साल से अधिक समय से गरीबी का आकलन ही नहीं किया है, तब वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में किस ...
जग बीती: गरीबी हुई कम!
अंतत: अमीर देशों में बढ़ते गरीब बच्चे बने चिंता का सबब
गरीबी उन्मूलन नीतियों और कार्यक्रमों को बच्चों पर केंद्रित करने की जरूरत है जिससे उनकी भविष्य की बुनियाद मजबूत हो सके
पांच साल में बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले 13.5 करोड़ लोग: नीति आयोग
नीति आयोग की राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांकः एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023 के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर ...
भारत में 15 वर्षों के दौरान 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले
संयुक्त राष्ट्र के बहुआयामी गरीबी सूचकांक नवीनतम अपडेट के अनुसार 2021 में 23 करोड़ भारतीय अभी गरीबी की चपेट में हैं
गर्मी व बाढ़ के कारण महिला किसानों की आमदनी को ज्यादा होता है नुकसान: एफएओ रिपोर्ट
अनजस्ट क्लाइमेट रिपोर्ट से पता चला है कि महिला प्रधान परिवारों को गर्मी के कारण 83 डॉलर और बाढ़ के कारण 35 डॉलर प्रति ...
दुनिया में हर दूसरा सबसे गरीब इंसान है एक बच्चा
विश्व बैंक और यूनिसेफ द्वारा जारी नए आंकलन के अनुसार, भारत में करीब 5.2 करोड़ बच्चे अत्यंत गरीबी में जीवन बसर करने को मजबूर ...
भारत में सिर्फ नौनिहाल ही नहीं बुजुर्गों को भी प्रभावित कर रहा है कुपोषण
रिसर्च से पता चला है कि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के करीब 28 फीसदी पुरुषों और 25 फीसदी महिलाओं का वजन सामान्य से ...
58 प्रतिशत राष्ट्रीय आय और 65 प्रतिशत संपत्ति पर है देश के 10 प्रतिशत अमीरों का कब्जा
वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब द्वारा जारी किए गए वर्किंग पेपर “इनकम एंड वेल्थ इनइक्वेलिटी इन इंडिया, 1922-2023 : द राइज ऑफ द बिलिनेयर राज” में ...
भारत में नौ वर्षों में 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले: नीति आयोग रिपोर्ट
भारत में बहुआयामी गरीबी 2022-23 में 11.28 प्रतिशत हो गई, जो 17.89 प्रतिशत की कमी दर्शाती है, इस अवधि के दौरान लगभग 24.82 करोड़ ...
मानचित्र से समझिए, किस राज्य में कितने लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले
देश की बहुआयामी गरीबी में 14.96 प्रतिशत की गिरावट आई है यानी 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं
क्या भारत में सचमुच घट गई गरीबी या बेकार का मच रहा है हल्ला?
12 साल बाद किए गए पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं
मौजूदा रफ्तार से अगले 229 वर्षों में भी दूर नहीं होगी गरीबी: ऑक्सफेम
2020 के बाद से दुनिया के पांच सबसे बड़े धनकुबेरों की सम्पत्ति में हर घंटे 1.4 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी ...
कैसे होगा विकास? सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के फायदों से वंचित हैं 140 करोड़ बच्चे
इस मामले में असमानता की खाई बेहद गहरी है जहां कमजोर देशों में महज नौ फीसदी बच्चे को सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का ...
संसद में आज: बच्चों के पोषण में हो रहा है सुधार, महिला एवं बाल विकास मंत्री ने दी जानकारी
भारत में अपनी मानसिक बीमारी के बारे में केवल एक फीसदी लोग ही देते हैं सूचना
एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में मानसिक बीमारी के बारे में खुद से बताना या स्व-रिपोर्टिंग की दर एक प्रतिशत से भी ...
सरकार ने कहा, भारत ने मीथेन को कम करने संबंधी संकल्प पर हस्ताक्षर नहीं किए
भारत के 6.5 करोड़ लोग आज भी बहुआयामी गरीबी में रहते हैं
थाईलैंड में नई इलेक्ट्रिक ब्लू टारेंटयुला प्रजाति की खोज हुई
टारेंटयुला के चमकीले नीले रंग के पीछे का रहस्य नीले रंगद्रव्य की उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनके बालों की अनूठी संरचना में है, जिसमें ...
अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस: खुशहाली सूचकांक में भारत 126वें पायदान पर
विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, फिनलैंड लगातार सातवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना रहा
वन्यजीवों की रक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए नेपाल सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला
याचिका में कहा गया था कि देश के शक्तिशाली और संभ्रांत वर्ग के बीच बाघ की खाल जैसे संरक्षित वन्यजीव वस्तुओं के अवैध स्वामित्व ...
सिर्फ कमजोर देशों तक सीमित नहीं गरीबी, सबसे अमीर देशों का भी हर पांचवा बच्चा है इसका शिकार
यूनिसेफ के अनुसार पिछले सात वर्षों में अमीर देशों में बच्चों में व्याप्त गरीबी में आठ फीसदी की कमी आई है, लेकिन अभी भी ...
पुस्तक समीक्षा: सरकार व समाज दोनों के लिए खतरे की घंटी बजाती एक किताब
'शेड्यूल्ड कास्ट इन द इंडियन लेबर मार्केट: इम्पलायमेंट डिस्क्रिमिनेशन एंड इट्स इंपैक्ट ऑन पावर्टी' भारत की अर्थव्यवस्था में जातिगत गैरबराबरी का शोधपत्र है
अंतर्राष्ट्रीय सर्पदंश जागरूकता दिवस 2023: हर दिन 7,400 लोगों को काटते हैं सांप, जागरूक रहना जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्पदंश रणनीति के मुताबिक, सर्पदंश के कारण 2030 से पहले मौतों की संख्या और विकलांगता के मामलों में 50 फीसदी ...
संसद में आज: अल्मोड़ा फाल्ट सक्रिय होने के कारण भूकंप की घटनाओं में वृद्धि
एनजीटी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पर्यावरण को हुए नुकसान की बहाली के लागत के रूप में 129 करोड़ रुपये अलग करने ...
92 लाख करोड़ रुपए है भारत में कृषि खाद्य प्रणालियों की छुपी लागत, दुनिया में है तीसरी सबसे अधिक: एफएओ
एफएओ ने अपनी नई रिपोर्ट में खाद्य उत्पादों की स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी वास्तविक लागतों का खुलासा किया गया है। वैश्विक स्तर पर खाद्य ...