कीनिया पर प्लास्टिक प्रतिबंध हटाने का दबाव

अमेरिका का प्लास्टिक उद्योग कोरोना महामारी के चलते अपने डूबते मुनाफे को कम करने के लिए कीनिया पर दबाव बना रहा है

By DTE Staff
Published: Monday 31 August 2020
Photo: wikimedia commons

दुनियाभर में प्लास्टिक पर प्रतिबंधों की मांग तेजी पकड़ रही है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका का प्लास्टिक उद्योग कोरोना महामारी के चलते अपने डूबते मुनाफे को कम करने के लिए विकासशील देश कीनिया पर एक ऐसे समझौते का दबाव बना रहा जिससे कीनिया में लगाए गए कड़े प्लास्टिक प्रतिबंध के निमयों और अमेरिका कचरे के आयातित नियमों को ढीला किया जाए।   

द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े रासायनिक निर्माताओं और जीवाश्म ईंधन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक उद्योग समूह द्वारा अफ्रीका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक कीनिया द्वारा प्लास्टिक पर लगे सख्त सीमा प्रतिबंध को पलटने के लिए दबाव बना रहा है। साथ ही कीनिया के लिए विदेशी प्लास्टिक कचरे का आयात जारी रखने के लिए भी दबाव डाल रहा है।

यह इस बात से सिद्ध होता है कि अमेरिका रसायन परिषद के निदेशक एड ब्रजित्वा ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कीनिया भविष्य में इस व्यापार समझौते के माध्यम से अफ्रिका में अमेरिकी निर्मित रसायनों और प्लाटिक की आपूर्ति के एक केंद्र के रूप में सेवा कर सकता है। यहां तक कि जब यह समझौता अभी अधर में ही है तभी कीनियाई राष्ट्रपति ने इस समझोते पर कहा कि हम इस समझौते के प्रति उदारवादी रूक्ष अपनाएंगे। उनके इस बयान के बाद कीनिया में पर्यावरण संगठनों  के बीच चिंता बढ़ गई है।

कीनिया की राजधानी नेरोबी में काम कर रहे गैर सरकारी संगठन पर्यावरण और विकास केंद्र के कार्यकारी निदेशक ग्रिफिंस ओचेंग कहते हैं कि अमेरिकी रसायन विज्ञान परिषद के प्लास्टिक प्रस्ताव से अनिवार्य रूप से पर्यावरण में और अधिक मात्रा में रसायन और प्लाटिक आएगा।  

ध्यान रहे कि कई अन्य देशों की तरह ही कीनिया में भी प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर जमकर घमासान हुआ था और इसका नतीजा था कि इस देश में 2017 में प्लाटिक थैलियों के खिलाफ एक कड़ा कानून परित किया गया और कीनिया दुनियाभर के उन देशों में शामिल था, जिसने प्लाटिक कचरे के आयात को रोकने के लिए वैश्विक समझौते पर हस्ताक्षर किए। कीनिया विश्व के उन प्रमुख देशों में शामिल है जहां प्लास्टिक की थैलियों पर सबसे सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। 

प्लास्टिक उद्योग ने पिछले एक दशक में अमेरिका में रासायनिक संयंत्रों पर 200 अरब डॉलर से अधिक खर्च किए हैं। अमेरिका पहले से ही कई गरीब देशों की तुलना में 16 गुना अधिक प्लास्टिक का उपभोग कर रहा है। व्यापारिक आंकड़ों के अनुसार 2019 में अमेरिकी निर्यातकों ने केन्या सहित विश्वभर के 96 देशों में एक बिलियन पाउंड से अधिक प्लास्टिक कचरा भेजा।

Subscribe to Weekly Newsletter :