परागणकों में आ रही है गिरावट, खतरे में है 90 फीसदी जंगली पौधों का अस्तित्व
शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर में करीब 200 करोड़ छोटे किसानों की पैदावार के लिए इन छोटे जीवों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाएं ...
भारत के दुधारू पशुओं को शिकार बना रही है एक घातक महामारी
इसका देश पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा, जहां अधिकांश डेयरी किसान या तो भूमिहीन हैं या सीमांत भूमिधारक हैं और उनके लिए दूध सबसे सस्ते ...
वैज्ञानिकों ने सोयाबीन में जैविक नाइट्रोजन में सुधार के लिए जंगली जीन का उपयोग किया
अब चीन के वैज्ञानिकों के एक समूह ने जंगली सोयाबीन पर एक अध्ययन शुरू किया है। इसमें पाए गए आनुवंशिक हिस्सों को लाभ पहुंचाने ...
क्या टिड्डियों को मारने का आखिरी रास्ता कीटनाशक ही हैं?
टिड्डियों को मारने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला ऑर्गेनोफॉस्फेट पानी में मिल जाता है और वातावरण को नुकसान पहुंचाता है
कोरोना और लॉकडाउन ने मछली उत्पादन को पहुंचाया नुकसान
कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर फैली अफवाह के चलते लोगों ने मीट के साथ-साथ मछली खाना बंद कर दिया। रही-सही कसर लॉकडाउन ने पूरी कर ...
लॉकडाउन से कड़वी हुई स्ट्रॉबेरी किसानों की मिठास
हरियाणा के हिसार, रोहतक, भिवानी, सोनीपत समेत अन्य जिलों में करीब 500 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती होती है। बीते वर्ष 4300 मीट्रिक टन ...
छह महीने बर्फ से ढका रहता है यह जिला, अब लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी
हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में लोग छह माह ही खेती करते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अभी फसल की बोआई शुरू ...
पहली बार परती ही छूट गई मोकामा टाल की 10 हजार एकड़ जमीन, किसान परेशान
दाल के कटोरे के नाम से मशहूर टाल इलाके में इस बार गंगा नदी का पानी जनवरी के पहले सप्ताह तक जमा रह गया, ...
इंसानी जानों को खतरे में डाल अरबों की फसल काट रही हैं कीटनाशक कंपनियां: रिपोर्ट
भारत में इन कम्पनियों द्वारा बेचे गए कुल कीटनाशकों में अत्यधिक हानिकारक कीटनाशकों (एचएचपी) का हिस्सा करीब 59 फीसदी था जबकि उन्होंने ब्रिटेन में ...
बिना मिट्टी के पौधों की खेती करना सिखाती है यह तकनीक
इस पद्धति में मिट्टी के बजाय सिर्फ पानी या फिर बालू अथवा कंकड़ों के बीच पौधों की खेती की जाती है
भारत में बढ़ रहा है कृषि उत्पादन, पर साथ ही घट रही है फसलों की विविधता
एक अध्ययन में कहा गया है कि पिछले 50 वर्षों के दौरान कृषि में आ रहे बदलावों के चलते भारत के खाद्य उत्पादन में ...
विशेषज्ञों ने सुलझायी प्रकाश संश्लेषण की गुत्थी, कृषि उपज में हो सकती है बढ़ोतरी
वैज्ञानिकों के अनुसार इस खोज की मदद से पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को नियंत्रित करके उच्च पैदावार प्राप्त की जा सकती है, ...
कड़े कानून के खौफ की वजह से उजड़ने लगा है सोनपुर का पशु मेला!
बिहार का ऐतिहासिक सोनपुर पशु मेला अपनी पहचान खोता जा रहा है, अब न तो यहां गाय-भैंस लेकर बेचने आ रहा है और ना ...
हिमालयी क्षेत्रों से विलुप्त हो रही है सेब की उम्दा दो प्रजातियां, जलवायु परिवर्तन का असर
हिमालय क्षेत्र में बदल रहे मौसम की वजह से सेबों को 72 दिन की चिलिंग नहीं मिल रही है, इस वजह से सेब की ...
वैज्ञानिकों ने बनाया नया सेंसर, 150 रुपये में बताएगा मिट्टी का हाल
इस नए सेंसर की मदद से सिंचाई के लिए होने वाली पानी की खपत को लगभग 35 फीसदी तक कम किया जा सकता है ...
छोटी जोत भी हो सकती है पोषण में कमी का कारण
अध्ययन में शामिल गांवों में अधिकतर लोग ऊर्जा तथा पोषण संबंधी जरूरतों के लिए सिर्फ चावल, गेहूं और सब्जियों पर मुख्य रूप से निर्भर ...
पानी में खड़े होकर खेतों के लिए पानी मांग रहे युवा किसान, बुजुर्ग अनशन पर
हरियाणा के सिरसा जिले के पांच गांवों के बेहरवाला (ऐलनाबाद) में किसान रजबाहे (छोटी नहर) की टेल तक पानी पहुंचाने की मांग कर रहे ...
उत्तराखंड में इस बार सेब का उत्पादन 25 फीसद ज्यादा, ये हैं वजह
उत्तराखंड में पिछले साल तक 62,407 मीट्रिक टन सेब उत्पादन हुआ है। लेकिन इस बार ये 80 हजार मीट्रिक टन तक चला गया है
कानून से नहीं संभली गायें तो ग्रामीणों ने खुद निकाला समाधान
आवारा घूमती गायों के मालिकों पर सरकार ने जुर्माना लगाने का निर्णय तो ले लिया, लेकिन कार्रवाई नहीं की तो अब ग्रामीणों ने खुद ...
सियासत में पिसता गन्ना-2: ठंडी पड़ती कोल्हू की आंच
सियासत के शिकार गन्ना किसानों पर आधारित डाउन टू अर्थ की श्रृंखला में प्रस्तुत है चीनी मिलों से पहले अस्तित्व में आए कोल्हू के ...
सियासत में पिसता गन्ना-5: चीनी उद्योग के राजनीतिकरण से किसानों की बदहाली बढ़ी
संदीप सुखतंकर, वर्जीनिया विश्वविद्यालय (यूएसए) के अर्थशास्त्र विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनके शोधपत्र “स्वीटेनिंग द डील? पॉलिटिकल कनेक्शंस एंड शुगर मिल्स इन इंडिया” ...
खेती पर विदेशी आक्रमण: रातों-रात फसल चट कर जाता है यह अमेरिकी कीड़ा
भारत पर एक और विदेशी आक्रमण हुआ है, इस बार एक कीड़े ने भारत के खेतों पर आक्रमण किया है। इसका इलाज अब तक ...
सूखे का दंश : सूखाग्रस्त जिलों से ही पूरी होगी खाद्यान्न आत्मनिर्भरता
भारत में पिछले 40 सालों से बुवाई का क्षेत्र स्थिर है। खाद्यान्न की मांग को पूरा करने के लिए सूखाग्रस्त क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाना ...
जीएम से कोई समझौता नहीं: स्वदेशी जागरण मंच
मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि सीएसई की रिपोर्ट बेहद गंभीर है। खाद्य उत्पादों में जीएम को लेकर कोई समझौता नहीं ...
मक्का उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी है नई रणनीति
इस अध्ययन से पता चला है कि देश के कई जिले ऐसे हैं, जहां उत्पादन क्षेत्र अधिक होने के बावजूद प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बेहद ...