ओडिशा में मिली मीठे पानी की मछली की नई प्रजाति, गर्रा लैशरामी नाम रखा गया
नई मछली की अधिकतम लंबाई 76 मिमी से 95.5 मिमी तक होती है। इस प्रजाति का स्थानीय लोग खाने में प्रयोग करते हैं
समुद्र की गहराइयों में खनन से सैकड़ों किलोमीटर तक हो सकता है ध्वनि प्रदूषण
नई रिसर्च से पता चला है कि समुद्र की गहराई में मौजूद सिर्फ एक खान 500 किलोमीटर के क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण की वजह ...
जानिए क्यों एक स्थानीय समुदाय के नाम पर किया गया मेंढक की एक नई प्रजाति का नामकरण
मेंढक की इस नई प्रजाति का नाम घाना के एक स्थानीय समुदाय सगीमासे के सम्मान में कॉनरौआ सगीमासे रखा गया है, जो लम्बे समय ...
क्या है आईयूसीएन की रेड लिस्ट, इसके बारे में जानना क्यों हैं जरूरी?
आईयूसीएन की रेड लिस्ट दुनिया भर में प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति का सबसे बड़ा सूचना स्रोत है
कहां लुप्त हो गई मधुमक्खियों की 25 फीसदी प्रजातियां, 1990 के बाद से नहीं आई सामने
हाल ही में जर्नल वन अर्थ में छपे एक शोध से पता चला है कि 1990 से 2015 के बीच मधुमक्खियों की करीब एक ...
40 फीसदी पौधों पर मंडरा रहा है विलुप्त होने का खतरा
दुनिया भर में करीब 140,000 पौधों की प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, जिसमें से 723 प्रजातियां दवाओं के निर्माण में ...
थाईलैंड में नई इलेक्ट्रिक ब्लू टारेंटयुला प्रजाति की खोज हुई
टारेंटयुला के चमकीले नीले रंग के पीछे का रहस्य नीले रंगद्रव्य की उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनके बालों की अनूठी संरचना में है, जिसमें ...
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: अंधाधुंध खेती से जैव विविधता पर पड़ रहा है भारी असर: शोध
शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि 2070 के अनुमानित तापमान के चलते जंगल की जैव विविधता और खेती के बीच ...
दुनिया भर में भूजल के भंडार और जैव विविधता के संरक्षण में है भारी कमी : अध्ययन
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में भूजल के प्राकृतिक भंडार और जलग्रहण क्षेत्रों का मानचित्रण किया और पाया कि भूजल पर निर्भर पारिस्थितिक तंत्र वाले ...
जीव वैज्ञानिकों ने मेघालय की गुफा में खोजी मेंढक की नई प्रजाति
मेंढक की प्रजाति को मेघालय की सिजू गुफा में 60-100 मीटर की गहराई से खोजा गया तथा इस नई प्रजाति का नाम अमोलॉप्स सिजू ...
55 वर्षों के बाद फिर से खोजा गया बेम्बिडियन ब्राउनोरम नामक दुर्लभ गुबरैला
बेम्बिडियन ब्राउनोरम गुबरैला छोटा भूरे रंग का होता है और यह पेंसिल के व्यास के बराबर की लंबाई में लगभग पांच मिलीमीटर के बराबर ...
चंबल में बढ़ रहा है पनचीरा का कुनबा
मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश की सीमाओं के बीच से बहती चम्बल नदी के आसपास करीब 950 किमी का है जिसमें सैकड़ों प्रजाति के पक्षी ...
ग्रेट बैकयार्ड पक्षियों के सर्वे में पाई गई 1,067 प्रजातियां: रिपोर्ट
जीबीबीसी के चार दिनों में, भारतीय पक्षी प्रेमियों ने 46,000 से अधिक जानकारी सूची और 1,067 पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया
यूरोपीय संघ ने दुनिया भर से मेंढकों की विलुप्ति का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ा
1970 से 1980 के दशक में, भारत और बांग्लादेश यूरोप में मेंढकों की टांगों के शीर्ष आपूर्तिकर्ता थे, लेकिन जब उनकी जंगली मेंढकों की ...
भारत किस तरह हासिल कर सकता है जैव विविधता संरक्षण के लक्ष्य, वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
भारत के सबसे अहम संरक्षण वाले क्षेत्रों में से केवल 15 फीसदी संरक्षित क्षेत्र के तहत कवर किए गए हैं
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
कीटों की संख्या में 63 फीसदी तक की गिरावट के लिए दोषी कौन?
दुनिया भर के उन क्षेत्रों में कीटों की आबादी में भारी कमी देखने को मिली है जो बड़े पैमान पर अनियोजित तरीके से होती ...
पिछले 10 वर्षों में भारतीय हवाई अड्डों से की गई 70 हजार से ज्यादा देशी-विदेशी जंगली जीवों की तस्करी
जब्त किए गए कुल जीवों में करीब 46 फीसदी सरीसृप थे। वहीं स्तनधारी जीवों की संख्या 18 फीसदी, और समुद्री जीवों का आंकड़ा करीब ...
भारत में पेड़ों की 469 प्रजातियों पर मंडरा रहा है विलुप्त होने का खतरा
देश में पेड़ों की 2,603 प्रजातियों में से 18 फीसदी (469) पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है। वहीं वैश्विक स्तर पर केवल 41.5 ...
इकोसिस्टम में आ रही गिरावट का परिणाम हैं बढ़ती महामारियां: शोध
हम इंसानों द्वारा पर्यावरण का जिस तरह से विनाश किया जा रहा है, वो महामारियों के खतरे को और बढ़ा रहा है| साथ ही ...
जल्लीकट्टू: संस्कृति बनाम संरक्षण
बुनियादी सवाल अभी अनुत्तरित है–क्या जल्लीकट्टू पारिस्थितिकी के लिहाज से महत्वपूर्ण प्रथा है या सिर्फ एक खूनी खेल?
इंसानी बस्तियों और प्रकृति से मिलने वाले क्षेत्रों के मानचित्रण के लिए बनाया पहला उपकरण
यह उपकरण, जंगल की आग, जूनोटिक रोगों के फैलने और पारिस्थितिकी तंत्र जैव विविधता के नुकसान जैसे पर्यावरणीय संघर्षों में सुधार कर सकता है
लुटता हिमालय: कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले निर्माण करने होंगे
अच्छे और सुरक्षित निर्माण का एक ही मंत्र है- कम वजन और बेहतर डिजाइन वाले ढांचे, बढ़िया ड्रेनेज सिस्टम जो प्राकृतिक नाले से जुड़े ...
पारंपरिक ज्ञान के बिना जैव विविधता संरक्षण की बात बेमानी
हमें जंगलों एवं संरक्षित क्षेत्रों में जैव संसाधनों के साथ-साथ स्थानीय और स्वदेशी ज्ञान की रक्षा एवं विकास की भी जरूरत है
क्या भारत में रह पाएंगे अफ्रीका से आने वाले चीते, अगस्त में आने की संभावना
अब देश के लिए अगली चुनौती यह तय करना है कि ये जानवर भारत की नई जलवायु परिस्थितियों में जीवित रह सकें और ढल ...