सूखाग्रस्त मराठवाड़ा के बच्चों ने पेड़ों को दिया जीवनदान, लौटाई हरियाली
मराठवाड़ा में पानी की किल्लत के बावजूद बच्चों ने अपने स्कूल परिसर में हरियाली लाने की मुहिम शुरू की और आज उनका स्कूल मिसाल ...
भोपाल की हरियाली को खतरा, विधायक आवास के लिए काटे जा रहे हैं 1000 पेड़
बीआरटीएस के नाम पर हाल ही में 2400 पेड़ काटे गए थे, अब 1000 पेड़ काटे जाने की योजना है। एक शोध के मुताबिक, ...
हिम तेंदुए को बचाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद जरूरी, नेपाल में किया गया सर्वे
हिम तेंदुए की संख्या कम होती ज रही है, लगभग 4000 तेंदुए ही बचे हैं, इसलिए इन्हें कैसे बचाया जाए, इसके लिए पिछले दिनों ...
ओखला बर्ड सेंचुरी से गायब हुए पक्षी
ओखला बैराज के दरवाजों की मरम्मत के लिए इस अभयारण्य की नम भूमि को सुखा दिया गया है, जिससे पक्षी वहां से चले गए हैं
जंगल बचाने वाले देशी समुदायों पर बेदखली का संकट: रिपोर्ट
धरती को बंजर होने से बचाने के लिए काम कर रही संयुक्त राष्ट की संस्था यूएनसीसीडी की रिपोर्ट में यह बात कही गई है
वन विभाग की लापरवाही ने ले ली तेंदुए की जान
तेंदुए ने किसान पर हमला कर दिया, बुलाने के बावजूद जब कोई वन अधिकारी नहीं आया तो ग्रामीणों ने तेंदुए को मार दिया।
क्या अब उत्तराखंड के जंगलों में 12 महीने लगेगी आग?
उत्तराखंड वन विभाग के मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा है कि राज्य में अब फायर सीजन सिर्फ फरवरी से जून तक नहीं होगा ...
मुंडम: मौखिक परंपरा का प्रकृति गान
जनजातीय समाज की परंपराओं, गीतों, त्योहारों, भोजन, वस्त्र, जीवनशैली का गंभीरता से अध्ययन करें तो हम पाएंगे कि उनकी प्रत्येक परंपरा प्रकृति को उसके ...
क्या डूब जाएगा रेगिस्तान का टाइटैनिक?
अगर राजस्थान की ही बात करें तो 2001 के मुकाबले 2007 में प्रदेश में ऊंटों की आबादी आधे के करीब आ गई
भारत, एक नई खोज
कहा जाता है कि एक देश का इतिहास उसके भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिबिम्ब होता है। अपने २२ सालों के शोध के आधार पर भारत ...
कुदरत की नियामत से बेखबर
बरामदे की घास पर दो-तीन गौरैया फुदक रही हैं। अब गौरैया बहुत कम हो गई हैं। गौरैया क्या, कौए, गिद्ध सभी कम हो रहे ...
पृथ्वी की हर पांचवी प्रजाति का घर हैं विश्व धरोहर स्थल, जैवविविधता के संरक्षण में निभाते हैं अहम भूमिका
यह स्थल दुनिया की कुछ ऐसी प्रजातियों की रक्षा कर रहे हैं जो पृथ्वी पर केवल यही बची हैं।
पक्षियों को शहरों की ओर आकर्षित कर रहा है कृत्रिम प्रकाश, बन रहा है उनकी मौत का कारण
प्रकाश प्रदूषण लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है, इसके कारण मनुष्यों की सर्कैडियन लय बाधित हो सकती है, जिससे अवसाद, अनिद्रा, हृदय रोग और ...
ई-डीएनए की मदद से वैज्ञानिकों ने किया एवरेस्ट के वन्यजीवों का रहस्य उजागर
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सबसे कठोर वातावरण में से एक माउंट एवरेस्ट में केवल 20 लीटर पानी से 187 जीवों के प्रमाण खोजे
कई दशकों की गिरावट के बाद विलुप्त होने के जोखिम से उबर रही हैं टूना और बिलफिश
कई दशकों की गिरावट के बाद टूना और बिलफिश मछलियां विलुप्त होने के जोखिम से उबर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ शार्कों की आबादी ...
हर तीसरी ताजे पानी की मछली पर मंडरा रहा है विलुप्ति का खतरा
इनपर बढ़ते विलुप्ति के खतरे के लिए काफी हद तक बढ़ता प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, हाइड्रोपॉवर रेत खनन और जरुरत से ज्यादा होता इनका शिकार ...
जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए एशियाई वन विविधता बेहद जरूरी: अध्ययन
एशिया के उष्णकटिबंधीय वन पहले की तुलना में जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक लचीले हो सकते हैं, बशर्ते कि उनकी विविधता बरकरार रखी जाए
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2024: वैश्विक औसत के मुकाबले भारत में ज्यादा तेजी से हो रही है प्रजातियों की विलुप्ति
अब जो सामूहिक विलुप्ति या अंत होने वाला है, वो आधुनिक मानव यानी होमो सेपियन्स के कारण होगा
बिहार: जिनके नाम पर गांव बसे, वो स्थानीय मछलियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंची
शहरीकरण के चलते प्राकृतिक प्रवास के क्षेत्रों में कमी और नदी या तालाब से मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति ने स्थानीय मछलियों को खत्म होने ...
कीटों की 76 फीसदी प्रजातियों को संरक्षित करने में विफल रहे हैं संरक्षित क्षेत्र
यह कीट 80 फीसदी से ज्यादा पौधों को परागित करते हैं जो इंसानों समेत अनगिनत जीवों के भोजन का प्रमुख स्रोत हैं
विलुप्त होने वाले हैं धरती पर अहम भूमिका निभाने वाले सबसे अनोखे पक्षी:अध्ययन
अध्ययन में 99 फीसदी सभी जीवित पक्षी प्रजातियों के विलुप्त होने के खतरे और उनके शारीरिक विशेषताओं जैसे चोंच के आकार और पंख की ...
आक्रामक विदेशी प्रजातियां वैश्विक जैव विविधता के लिए नुकसानदायक: अध्ययन
लोगों की जानबूझकर या अनजाने में की गई गतिविधियों से दुनिया के नए क्षेत्रों में अधिक से अधिक पौधे और पशु प्रजातियां पहुंच रहीं ...
सबसे बड़ी विलुप्ति के बाद, उत्पत्ति वाले पहले जीवों में झींगा और कीड़े शामिल थे: अध्ययन
पर्मियन काल में बड़े पैमाने पर सामूहिक विलुप्ति से पृथ्वी पर 90 प्रतिशत से अधिक प्रजातियां मर गई थी
30 फीसदी उत्सर्जन सोखने की क्षमता वाले जंगल भी हुए जलवायु परिवर्तन का शिकार
अध्ययन में पाया गया कि जिस तेजी से जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ रहा है, उस तेजी से जंगल कार्बन सोखने की अपनी क्षमता ...
70 फीसदी प्रजातियां संरक्षित क्षेत्रों में नहीं पाई गई: अध्ययन
मौजूदा संरक्षित क्षेत्रों की सुरक्षा को बढ़ाकर 1,191 जानवरों की प्रजातियों के जरूरी आवासों की रक्षा की जा सकती है जो विशेष रूप से ...