पक्षियों को शहरों की ओर आकर्षित कर रहा है कृत्रिम प्रकाश, बन रहा है उनकी मौत का कारण

प्रकाश प्रदूषण लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है, इसके कारण मनुष्यों की सर्कैडियन लय बाधित हो सकती है, जिससे अवसाद, अनिद्रा, हृदय रोग और कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

By Dayanidhi

On: Friday 08 December 2023
 
फोटो साभार:आईस्टॉक

एक नए अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने पक्षियों के किसी जगह पर अधिक संख्या में रुकने का पता लगाने के लिए, मौसम रडार के आंकड़ों का उपयोग किया और पाया कि कृत्रिम प्रकाश पक्षियों को अपनी और आकर्षित कर रहा है। अध्ययन के हवाले से, कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के मछली, वन्यजीव और संरक्षण जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और मुख्य अध्ययनकर्ता काइल हॉर्टन ने कहा, शहर की रोशनी पक्षियों को एक अलग तरह के जाल में फंसा सकती है।

नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि ऐसी इमारतें जिनसे पक्षियां टकराती हैं, निवास स्थान की कमी, भोजन की कमी, अधिक लोगों और बिल्लियां शहरों को प्रवासी पक्षियों के लिए रहने की जगहों को कम कर रही हैं। शहरी पार्क रुकने के लिए अच्छे स्थान हो सकते हैं, लेकिन वहां आराम करने वाले पक्षियों को सीमित संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

किसी पक्षी के जीवन में दूसरी जगहों में रहना एक जोखिम भरा और थका देने वाला समय होता है। पक्षी सैकड़ों से हजारों मील तक प्रवास करते हैं, कभी-कभी रास्ते में उनके शरीर का वजन आधा रह जाता है। अपने गंतव्य तक पहुंचने के बाद जीवित रहने और पनपने के लिए प्रवासी पक्षियों के लिए आराम करने और भोजन के लिए एक अच्छी जगह ढूंढना महत्वपूर्ण है।

अध्ययन के हवाले से हॉर्टन ने कहा, ये रुकने वाले स्थान भोजन करने का भी हैं। यदि आप एक देश से दूसरे देश की यात्रा पर हैं और वहां कोई ईंधन स्टेशन नहीं है, तो आप फंस जाते हैं। यदि पक्षियों के पास ऊर्जा आपूर्ति या भोजन के लिए कोई अच्छी जगह नहीं है, तो प्रवासन नहीं हो सकता है।

सह-अध्ययनकर्ता और मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ज्योफ हेनेब्री ने कहा, शहर प्रवासी पक्षियों के लिए कई खतरे पैदा करते हैं। वे थके हुए पक्षियों को आराम करने और भोजन के लिए संसाधन भी प्रदान करते हैं। हमारा अध्ययन इस मायने में उल्लेखनीय है कि यह प्रमुख प्रश्नों से पार पाने के लिए मौसम निगरानी रडार नेटवर्क से भारी आंकड़ों और कई अंतरिक्षयान सेंसरों से लिए गए भारी आंकड़ों के साथ जोड़ता है। जिनकी मदद से पक्षियों के प्रवास पर शहरी क्षेत्रों के प्रभाव का पता लगाया जा सकता है।

अध्ययन में एक करोड़ से अधिक राडार अवलोकनों को परिदृश्य और अन्य स्थानीय जानकारी के साथ जोड़ा गया है ताकि यह समझाने की कोशिश की जा सके कि पक्षी वहीं आराम करना क्यों चुनते हैं। 49 पूर्वानुमान लगाने वालों में से, प्रकाश प्रदूषण दूसरा सबसे बड़ा कारण था जिसकी वजह से पक्षियों के उनकी और आकर्षित होना था।

शीर्ष पूर्वानुमान लगाने वालों में ऊंचाई अहम थी, जो यह संदर्भ प्रदान करती है कि पक्षी कहां उड़ रहे हैं लेकिन यह नहीं समझाता कि वे वहां क्यों उड़ रहे हैं। प्रवासी पक्षियों द्वारा बनाए गए पैटर्न जिन्हें रडार द्वारा उठाया जाता है, वे समुद्र तट या एक विशेष ऊंचाई का अनुसरण करते हैं। प्रकाश प्रदूषण पक्षी प्रवास पर मानव प्रभाव का शीर्ष पूर्वानुमान लगाने वाला है।

पक्षियों को अप्रत्याशित खतरा

शहरों के प्रति पक्षियों का आकर्षण एक संरक्षण की पहेली को पैदा करता है, क्या शहरी केंद्रों को महत्वपूर्ण पड़ाव वाले स्थानों के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए या रोशनी बंद करने वाले अभियानों के लिए लक्षित किया जाना चाहिए? हॉर्टन और उनके सहयोगी दोनों कार्यों के लिए स्वयं सेवक और सरकारी संगठनों के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन शहरी प्रकाश व्यवस्था में बहुत सारी चीजें शामिल हैं, जिससे यह एक जटिल मुद्दा बन गया है।

रोशनी को चालू रखने के लिए सामाजिक दबाव हो सकता है और कुछ लोगों को वे सौंदर्य की दृष्टि से सुखद लगते हैं। लेकिन प्रकाश प्रदूषण लोगों को नुकसान भी पहुंचाता है। यह मनुष्यों की सर्कैडियन लय को बाधित कर सकता है, जिससे अवसाद, अनिद्रा, हृदय रोग और कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं

हॉर्टन ने कहा, हम अक्सर प्रकाश के बारे में प्रदूषक के रूप में नहीं सोचते हैं, लेकिन यह प्रदूषण के सभी पहलुओं की जांच करता है।

अध्ययनकर्ता ने बताया कि बर्डकास्ट जैसे उपकरण मदद कर सकते हैं। बर्डकास्ट सीएसयू, कॉर्नेल लैब ऑफ ऑर्निथोलॉजी और मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय के बीच एक सहयोगी परियोजना है। बर्डकास्ट मौसम रडार से प्रवासन पूर्वानुमान और वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। इसकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने शहर के पास पक्षियों के झुंड के आने की जानकारी मिलने पर इसका अलर्ट बना सकता है। पूर्वानुमान बताते हैं कि प्रकाश प्रदूषण को कम करने के लिए कौन सी रातें सबसे महत्वपूर्ण हैं।

जालीदार बिंदुओं या रेखाओं जैसे डिकल्स के साथ खिड़कियों को रेट्रोफिटिंग करने से पक्षियों के लिए बाधा को उजागर करके टकराव को रोकने में मदद मिल सकती है। चमक कम करने और रोशनी का रंग नरम करने से भी मदद मिल सकती है। चमकदार सफेद या नीली रोशनी वन्यजीवों के लिए सबसे खराब होती है, जबकि लाल, नारंगी और पीले जैसे गर्म रंग कम आकर्षक होते हैं।

संचार टावरों का उपयोग विमानों को चेतावनी देने के लिए लगातार लाल या सफेद रोशनी जलाने के लिए किया जाता है। पक्षी टावरों के चारों ओर चक्कर लगाते थे और उन्हें सुरक्षित करने वाले तारों से टकराते थे। 2016 में, संरक्षण अनुसंधान के आधार पर, संघीय उड्डयन प्रशासन ने संचार टावरों को चमकती लाल बत्तियों का उपयोग करने की शुरुआत की, जिससे पलक झपकते ही पक्षियों के भारी संख्या में टकराने को कम किया जा सके।

पंख वाले दोस्तों की मदद के लिए बटन बंद करना

शिकागो कन्वेंशन सेंटर की टक्करें प्रकाश प्रदूषण के कारण पक्षियों की मौत का एक चरम उदाहरण हो सकती हैं, लेकिन हॉर्टन ने कहा कि 100 या अधिक पक्षियों की सामूहिक मृत्यु बहुत आम है। अनुमान है कि अमेरिका में हर साल लगभग एक अरब पक्षी इमारतों से टकराते हैं।

शिकागो फील्ड संग्रहालय के अनुसार, चार से पांच अक्टूबर को मैककोर्मिक प्लेस कन्वेंशन सेंटर में हताहतों में अधिकतर गाने वाली पक्षियों के 33 प्रजातियां थीं। ये पक्षी फसलों और बगीचों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों को खाकर, पौधों को परागित करके और बीज वितरित करके लोगों को लाभ पहुंचाते हैं

हॉर्टन ने कहा कि पक्षियों के प्रवास की आदतों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता उन्हें प्रकाश प्रदूषण से बचाने में मदद करने के लिए एक अच्छी शुरुआत होगी। ज्यादातर लोगों को यह अहसास नहीं होगा कि पक्षी रात में प्रवास करते हैं।

हॉर्टन ने कहा, अगर हम रात में सभी लाइटें बंद कर दें, तो रोशनी के कारण कोई पक्षी नहीं टकराएंगे। इसे तरह के  उपाय प्रभाव पक्षियों के लिए सकारात्मक पाए गए है।

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