महासागरों पर दोहरी मार करते हैं जलवायु परिवर्तन और प्लास्टिक प्रदूषण
प्लास्टिक के उत्पादन से 2015 से 2020 के बीच लगभग 5600 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होने का अनुमान है।
लोगों के 250 मीटर दूर होने पर भी वन्यजीवों पर इसका बुरा असर पड़ता है: अध्ययन
मध्यम आकार के वन्यजीवों के लिए प्रभावित होने की सीमा 50 मीटर है, एल्क जैसे बड़े खुर वाले स्तनपायी से लोगों को 500 से ...
1.40 लाख देशी पेड़ लगाने का आदेश, दुविधा में फंसा वन विभाग
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक दवा कंपनी को दिल्ली के सेंट्रल रिज में 1.40 लाख पेड़ लगाने के आदेश दिए थे, जिसकी निगरानी दिल्ली ...
हिमालयन आईबैक्स और ब्लू शीप की गणना का काम शुरू
बर्फानी तेंदूए के मुख्य आहार हिमालयन आईबैक्स और ब्लू शीप की गणना और सर्वे का काम पूरा होने के बाद इसके संरक्षण और संवर्धन ...
3000 नील गायों को मारेगी सरकार, पर किसानों ने निकाला बचाव का दूसरा तरीका
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थानीय प्रशासन नील गायों को मारने की तैयारी कर रहा है
जग बीती: चीतों का जीवन बीमा
आखिर विकास हो किसका रहा है?
क्या खनन से होने वाले प्राकृतिक विनाश की हम पूरी तरह से भरपाई कर पाएंगे?
प्रवासी पेलिकन की पीड़ा
राजस्थान में बड़ी संख्या में आने वाले पेलिकन को ठेकों के कारण मछलियां नहीं मिल रही हैं
उत्तराखंड में 29 डिग्री पहुंचा तापमान, जंगलों में अभी से लगने लगी आग
पिछले 10 साल का रिकॉर्ड बताता है कि उत्तराखंड में फरवरी के पहले पखवाड़े में इतना उच्च तापमान नहीं पहुंचा, जिसे जलवायु परिवर्तन का ...
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2020: कितना भरोसेमंद है भारत में जंगलों का आंकड़ा
राजस्थान के नीमली स्थित अनिल अग्रवाल एनवायरनमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में चल रहे कार्यक्रम के आखिरी दिन जंगल से संबंधित चर्चा हुई
मध्यप्रदेश सरकार बना रही है वन्यप्राणी अभयारण्य, आदिवासियों के विस्थापन का खतरा
मध्यप्रदेश वन विभाग पश्चिम मंडला वनमंडल के जबलपुर से लगे चार रेंज बरेला, बीजाडांडी, काल्पी और टिकारिया के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर 35 हजार किमी जंगल ...
बांधों के 50 किमी के दायरे में खत्म हो जाते हैं हरित क्षेत्र, प्रभावित होता है जीवन
शोध में 631 जलविद्युत बांधों का विश्लेषण किया, जो सभी 2001 से बन रहे थे। इनमें अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका ...
पर्यावरण की पाठशाला बन सकता है सिनेमा
जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए होने वाले आंदोलन तेज हुए हैं। आगे शायद नर्मदा-टिहरी बचाओ आंदोलन, चिल्का बचाओ, गंगा मुक्ति, पानी ...
तिब्बती हिरणों ने ऊंचे पहाड़ों में जीवित रहने के लिए विकसित किया अनूठा तरीका
1990 के दशक में अवैध शिकार के कारण तिब्बती हिरण लुप्तप्राय श्रेणी में आ गए थे, लेकिन आज इनकी संख्या में अच्छी- खासी वृद्धि ...
शिशु मधुमक्खियों के मस्तिष्क के विकास को नुकसान पहुंचा रहे हैं कीटनाशक: अध्ययन
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मधुमक्खियों के लार्वा चरण के दौरान कीटनाशकों के संपर्क में आने से उनके मस्तिष्क के विशेष भागों ...
एनएच-766 का वैकल्पिक मार्ग भी जीवाें के लिए सुरक्षित नहीं, 8 महीने में 2,426 जीव मरे
वायनाड वन्यजीव अभराण्य में पड़ने वाले थोलपेट्टी रेंज से गुजरने वाली सड़क पर रात को यातायात बहुत बढ़ जाता है, जिससे वन्यजीव गाड़ियों की ...
बैलाडीला: आदिवासियों से जंगल छीनकर कॉरपोरेट को देने का खेल
जंगल और पहाड़ को बचाने की लड़ाई का पहला मोर्चा आदिवासियों ने जीत लिया, लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई है
दुनिया के आधे से ज्यादा गरुड़ भारत के इस इलाके में रहते हैं, जानते हैं क्यों
भारत के इस इलाके में विलुप्तप्राय प्राणी गरुड़ की आठ में से छह प्रजातियों की आबादी सफलतापूर्वक प्रजनन और वंश वृद्धि कर रही है
संकट में सांता क्लॉज की सवारी रेंडियर
रेंडियरों का अस्तित्व जलवायु परिवर्तन, उसके बढ़ते शिकार और तमाम तरह की बीमारियों के कारण खतरे में है। 1995 से अब तक 26 लाख रेंडियर खत्म हो चुके हैं
“समाज और राष्ट्र के विरोधाभास का प्रतीक है बेड़िया समुदाय”
32 साल से पहले दिल्ली, वाराणसी, राजस्थान और अब मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बेड़िया समुदाय के बीच रहकर उनकी जिंदगी आसान बनाने ...
क्यों धधक रहे हैं जंगल?
उत्तराखंड के पहाड़ों में आग लगने की घटनाएं हर साल सुर्खियां बटोरती हैं। इससे बड़ी संख्या में पेड़ों, जीव जंतुओं और पर्यावरण को नुकसान ...
भारत में भी उग सकते हैं रजनीगंधा के रंगीन फूल
डॉ. एसके दत्ता ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लगभग 70 नई सजावटी फूलों की किस्मों का विकास किया है और रजनीगंधा पर किए गए ...
नीति/राजनीति: खौफ के साये में रहते लोग
हिमाचल प्रदेश सरकार की सिफारिश पर पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2019 में राज्य की 91 तहसीलों और उप तहसीलों में बंदरों को वर्मिन अथवा ...
जानिए क्यों सांभर फेस्टिवल पर लटकी एनजीटी की तलवार
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
भारत के संरक्षित क्षेत्रों में भी जहरीली दवाओं से सुरक्षित नहीं गिद्ध, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
नया अध्ययन इस दावे का खंडन करता है जंगली गिद्ध दर्द निवारक दवा डाइक्लोफेनैक से सुरक्षित हैं