एक ही दिन में चार गुलदारों की मौत, तीन को जहर देकर मारा
हरिद्वार रेंज में तीन गुलदारों की जहर दिए जाने से मौत की प्राथमिक तौर पर पुष्टि हो गई है, लेकिन जहर दिए जाने का ...
दुधवा में 85 वर्ष बाद दिखा दुर्लभ रेड कोरल सांप
अति दुर्लभ खुखरी सांप लाल मूंगे की तरह चमकदार होता है। वर्ष 2011 में यह सांप असम और 2015 में उत्तराखंड में देखा गया
भारत में मिली मेंढक की नई प्रजाति
वैज्ञानिकों के अनुसार, मेंढक की यह प्रजाति अपने दक्षिण-पूर्व एशियाई संबंधियों से लगभग चार करोड़ वर्ष पूर्व अलग हो गई थी
क्या सेंटीनेलिस को ‘बचाने’ की जरूरत है?
अंडमान की सेंटीनेलिस और अन्य जनजातियों की आबादी सीमित है। क्या वे विलुप्त हो जाएंगी?
उत्तराखंड में जंगली सुअर का आतंक
पहले जंगली सुअर सिर्फ खेती को नुकसान पहुंचाते थे, लेकिन अब यह घर-आंगन तक पहुंचने लगे हैं
डाउन टू अर्थ खास: प्रतिबंध के बावजूद नहीं थम रहा है प्रवासी पक्षियों का शिकार
प्रवासी पक्षियों का शिकार करने पर साल 1972 से ही पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद कश्मीर घाटी के वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि) में इन पक्षियों ...
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की क्षेत्रीय जल सीमा से परे पर्स सीन फिशिंग को दी अनुमति
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
बाघ से लोगों को बचाएगा एआई बेस्ड कैमरा, आने से पहले देगा चेतावनी
शोधकर्ताओं का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि 2030 तक पृथ्वी की 30 प्रतिशत भूमि और महासागरों को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए
नुकसान की दर में गिरावट के बावजूद दो दशक में नष्ट हो गए 677,000 हेक्टेयर में फैले मैन्ग्रोव: एफएओ
मैंग्रोव, पृथ्वी पर सबसे अधिक कार्बन-समृद्ध पारिस्थितिक तंत्रों में से एक हैं, जो दुनिया भर में अपने बायोमास और मिट्टी में करीब 6.23 गीगाटन ...
यहां जानिए आखिर क्यों दक्षिण पूर्व एशिया के पहाड़ों से निकल रहा है अत्यधिक ग्रीन हाउस गैस
ऊंचे पहाड़ों, तेज ढलानों पर जंगलों को तेजी से काटा जा रहा है, इन वनों में तराई की तुलना में कार्बन इकट्ठा करने की ...
कोकण के वेलास तट पर दुर्लभ ऑलिव रिडले समुद्री कछुओं को मिला जीवनदान
2002 से महाराष्ट्र के एक गांव वेलास में विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके ऑलिव रिडले प्रजाति के कछुओं को बचाने की मुहिम चल ...
फेसबुक पर फल-फूल रहा अवैध वन्यजीव व्यापार: रिपोर्ट
2018 में फेसबुक ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जैसे विशेषज्ञों के साथ मिलकर 2020 तक वन्यजीवों की ऑनलाइन होती तस्करी को रोकने के लिए एक गठबंधन की ...
बढ़ते शहरीकरण के कारण परागण करने वाले जीवों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है: शोध
शोध के मुताबिक, परागणकों और पौधों के बीच होने वाली क्रिया के असर की पहचान करने के लिए, एक साल तक हर महीने बेंगलुरु ...
गोवा और कर्नाटक में क्लैम झींगा की दो नई प्रजातियों की हुई खोज
वैज्ञानिकों ने कर्नाटक और गोवा में स्पाइनी क्लैम झींगा या स्पिनिकाउडान की दो नई प्रजातियों की खोज की है, जो अन्य ज्ञात भारतीय प्रजातियों ...
एशिया में किस तरह की जा सकती है बाघों की बहाली, शोधकर्ता ने उपाय और योजना रखी सामने
बाघों द्वारा शिकार की जाने वाली आधी स्तनधारी प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है और लगभग 80 फीसदी की आबादी के ...
खतरे में मधुमक्खियां: वैज्ञानिकों ने निकाला इनके ही दिमाग से समाधान, मधुमक्खी पालकों के लिए राहत
वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि सीधे नुकसान पहुंचाने के अलावा, परजीवियों ने मधुमक्खियों में एक वायरस भी पहुंचाया जो उनके पंखों को खराब कर ...
भारत में फल-फूल रहा ‘समुद्री खीरे’ का अवैध व्यापार, 101.4 टन किया गया जब्त
भारत में 'सी कुकुम्बर' की करीब 200 प्रजातियां पाई जाती हैं। यह सभी प्रजातियां वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित हैं
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल: पीड़ित है प्रकृति, प्लास्टिक से भर रहे हैं महासागर
अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस की मूल जड़ें 1970 के दशक से जुड़ जाती हैं जब पर्यावरण संरक्षण राष्ट्रीय राजनीतिक एजेंडा की प्राथमिकता नहीं थी
मधुमक्खियों को आकर्षित करने और सूखे से निपटने में मदद करते हैं सूरजमुखी के अदृश्य रंग
शोध के मुताबिक सूखे मौसम में उगने वाले सूरजमुखी में बड़े पराबैंगनी रंग वाले फूल पाए गए जो पानी को अधिक कुशलता से बनाए ...
महासागरों पर दोहरी मार करते हैं जलवायु परिवर्तन और प्लास्टिक प्रदूषण
प्लास्टिक के उत्पादन से 2015 से 2020 के बीच लगभग 5600 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होने का अनुमान है।
लोगों के 250 मीटर दूर होने पर भी वन्यजीवों पर इसका बुरा असर पड़ता है: अध्ययन
मध्यम आकार के वन्यजीवों के लिए प्रभावित होने की सीमा 50 मीटर है, एल्क जैसे बड़े खुर वाले स्तनपायी से लोगों को 500 से ...
1.40 लाख देशी पेड़ लगाने का आदेश, दुविधा में फंसा वन विभाग
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक दवा कंपनी को दिल्ली के सेंट्रल रिज में 1.40 लाख पेड़ लगाने के आदेश दिए थे, जिसकी निगरानी दिल्ली ...
हिमालयन आईबैक्स और ब्लू शीप की गणना का काम शुरू
बर्फानी तेंदूए के मुख्य आहार हिमालयन आईबैक्स और ब्लू शीप की गणना और सर्वे का काम पूरा होने के बाद इसके संरक्षण और संवर्धन ...
जग बीती: चीतों का जीवन बीमा
आखिर विकास हो किसका रहा है?
क्या खनन से होने वाले प्राकृतिक विनाश की हम पूरी तरह से भरपाई कर पाएंगे?