उत्तराखंड में 29 डिग्री पहुंचा तापमान, जंगलों में अभी से लगने लगी आग
पिछले 10 साल का रिकॉर्ड बताता है कि उत्तराखंड में फरवरी के पहले पखवाड़े में इतना उच्च तापमान नहीं पहुंचा, जिसे जलवायु परिवर्तन का ...
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2020: कितना भरोसेमंद है भारत में जंगलों का आंकड़ा
राजस्थान के नीमली स्थित अनिल अग्रवाल एनवायरनमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में चल रहे कार्यक्रम के आखिरी दिन जंगल से संबंधित चर्चा हुई
एनएच-766 का वैकल्पिक मार्ग भी जीवाें के लिए सुरक्षित नहीं, 8 महीने में 2,426 जीव मरे
वायनाड वन्यजीव अभराण्य में पड़ने वाले थोलपेट्टी रेंज से गुजरने वाली सड़क पर रात को यातायात बहुत बढ़ जाता है, जिससे वन्यजीव गाड़ियों की ...
मध्यप्रदेश सरकार बना रही है वन्यप्राणी अभयारण्य, आदिवासियों के विस्थापन का खतरा
मध्यप्रदेश वन विभाग पश्चिम मंडला वनमंडल के जबलपुर से लगे चार रेंज बरेला, बीजाडांडी, काल्पी और टिकारिया के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर 35 हजार किमी जंगल ...
बैलाडीला: आदिवासियों से जंगल छीनकर कॉरपोरेट को देने का खेल
जंगल और पहाड़ को बचाने की लड़ाई का पहला मोर्चा आदिवासियों ने जीत लिया, लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई है
दुनिया के आधे से ज्यादा गरुड़ भारत के इस इलाके में रहते हैं, जानते हैं क्यों
भारत के इस इलाके में विलुप्तप्राय प्राणी गरुड़ की आठ में से छह प्रजातियों की आबादी सफलतापूर्वक प्रजनन और वंश वृद्धि कर रही है
संकट में सांता क्लॉज की सवारी रेंडियर
रेंडियरों का अस्तित्व जलवायु परिवर्तन, उसके बढ़ते शिकार और तमाम तरह की बीमारियों के कारण खतरे में है। 1995 से अब तक 26 लाख रेंडियर खत्म हो चुके हैं
“समाज और राष्ट्र के विरोधाभास का प्रतीक है बेड़िया समुदाय”
32 साल से पहले दिल्ली, वाराणसी, राजस्थान और अब मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बेड़िया समुदाय के बीच रहकर उनकी जिंदगी आसान बनाने ...
भारत में भी उग सकते हैं रजनीगंधा के रंगीन फूल
डॉ. एसके दत्ता ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लगभग 70 नई सजावटी फूलों की किस्मों का विकास किया है और रजनीगंधा पर किए गए ...
नीति/राजनीति: खौफ के साये में रहते लोग
हिमाचल प्रदेश सरकार की सिफारिश पर पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2019 में राज्य की 91 तहसीलों और उप तहसीलों में बंदरों को वर्मिन अथवा ...
जानिए क्यों सांभर फेस्टिवल पर लटकी एनजीटी की तलवार
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
भारत के संरक्षित क्षेत्रों में भी जहरीली दवाओं से सुरक्षित नहीं गिद्ध, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
नया अध्ययन इस दावे का खंडन करता है जंगली गिद्ध दर्द निवारक दवा डाइक्लोफेनैक से सुरक्षित हैं
अफ्रीका में खनन गतिविधियों के चलते 180,000 गोरिल्ला, चिम्पांजियों पर मंडरा रहा खतरा
गिनी में, खनन गतिविधियों की वजह से 23,000 से अधिक चिंपैंजी प्रभावित हो सकते हैं, जो वहां पाए जाने वाले सभी एप्स का करीब ...
भारत में अवैध व्यापार की भेंट चढ़ती शार्कें, 12 वर्षों में 16,000 किलोग्राम फिन्स किए गए जब्त
शार्क के पंखों और अन्य हिस्सों की जब्ती की सबसे ज्यादा करीब 65 फीसदी घटनाएं तमिलनाडु में सामने आई हैं
देशी प्रजातियों पर विदेशी हमला, भाग-चार: आक्रामक प्रजातियों को खाने के लिए विवश हुए जंगली जानवर
शाकाहारी जानवर आक्रामक प्रजातियों को खाते हैं। यह उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि यह जहरीला है
भारत सहित दुनिया भर में पक्षियों की 5,412 प्रजातियों में आ रही गिरावट
वहीं पक्षियों की आठ में से एक यानी 12.8 फीसदी प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं
आज की तुलना में 14 फीसदी अधिक हो सकती हैं धरती पर पेड़ों की प्रजातियां, लेकिन...
पृथ्वी पर वृक्ष प्रजातियों की कुल संख्या का अनुमान 73,274 है, जिसका अर्थ है कि लगभग 9,200 वृक्ष प्रजातियों की अभी भी खोज की ...
नए युग में धरती: कुछ दशकों में खत्म हो जाएंगे अफ्रीकी हाथी
नया अध्ययन बताता है कि अवैध शिकारियों ने 2010 से 2012 के बीच पूरे अफ्रीका में अनुमानतः एक लाख हाथी (लोक्सोडोंटा अफ्रीकाना) मार दिए
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: मणिपुर में प्रस्तावित की गई हैं 2,282 जैव विविधता प्रबंधन समितियां: रिपोर्ट
पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
बढ़ता तापमान नहीं, बल्कि बढ़ती बारिश से है जिराफ के अस्तित्व को खतरा: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, बारिश के नमी वाले मौसम के दौरान परजीवियों और बीमारी में होने वाली वृद्धि के कारण वयस्क जिराफ और उनके बच्चों ...
सालाना 50 फीसदी की दर से नष्ट हो रहे हैं पहाड़ी जंगल, खतरे में जैव विविधता: अध्ययन
दुनिया भर में, 2000 के बाद से 7.81 करोड़ हेक्टेयर यानी 7.1 फीसदी पहाड़ों के जंगल गायब हो गए हैं
देशी प्रजातियों पर विदेशी हमला, भाग-पांच: लैंटाना जैसी प्रजातियों के समूल नाश के लिए राष्ट्रीय नीति का अभाव
जंगली जानवरों को जंगल में ही रहने और उन्हें उनका पसंदीदा भोजन उपलब्ध कराना बेहद जरूरी हो गया है, इसके लिए एक राष्ट्रीय नीति ...
बीमार करने वाले रोगजनकों के एंजाइमों को रोक सकता है बजट नामक मेंढक का प्रोटीन
शोधकर्ताओं के अनुसार, मेंढकों ने अपनी त्वचा के माध्यम से एक रक्षात्मक तंत्र विकसित किया है, जो सूक्ष्मजीवों से लड़ने में मदद करता है।
नर्मदापुरम में इको-सेंसिटिव जोन के उल्लंघन के आरोपों की जांच करेगी विशेषज्ञ समिति
पर्यावरण को लेकर अदालतों में चल रहे मामलों पर 20 फरवरी 2024 को क्या हुआ, यहां जानें-
कुछ जानवर समय के साथ आकार में बड़े तथा कुछ छोटे होते गए, आखिर क्यों?
अलास्का के घोड़े, क्रिप्टोडिरन कछुए और आइलैंड की छिपकलियां समय के साथ क्यों सिकुड़ गईं, इसका रहस्य एक नए अध्ययन में सुलझाया गया है।