लुप्त होती जा रही प्रजातियां को बचा सकते हैं संरक्षित क्षेत्र
क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के नेतृत्व वाली शोध टीम ने खुलासा किया है कि कई लुप्तप्राय स्तनपायी प्रजातियां संरक्षित क्षेत्रों पर निर्भर हैं। संरक्षित क्षेत्रों के ...
कीटों की संख्या में 63 फीसदी तक की गिरावट के लिए दोषी कौन?
दुनिया भर के उन क्षेत्रों में कीटों की आबादी में भारी कमी देखने को मिली है जो बड़े पैमान पर अनियोजित तरीके से होती ...
वैज्ञानिकों ने अति दुर्लभ कीट 'लीफ हॉपर' की नई प्रजाति की खोज की
एक ब्रिटिश वैज्ञानिक ने एक नई प्रजाति की खोज की है जो दुर्लभ कीड़ों के समूह से संबंध रखता है। इसके सबसे निकटतम रिश्तेदार ...
दूर-दराज के क्षेत्रों में भी इंसानों से सुरक्षित नहीं जैव विविधता, जानिए क्या है वजह
शोधकर्ताओं के अनुसार जलवायु परिवर्तन और वैश्विक पर्यावरण में आते बदलावों के चलते दुनिया में इंसानों की पहुंच से दूर होने के बावजूद भी ...
बेहतर कल के लिए सुधारने होंगे प्रकृति के साथ बिगड़ते रिश्ते: यूएन
यदि जैव विविधता को हो रहे नुकसान की बात करें तो पेड़ पौधों और जानवरों की अब तक ज्ञात 80 लाख लाख प्रजातियों में ...
55 वर्षों के बाद फिर से खोजा गया बेम्बिडियन ब्राउनोरम नामक दुर्लभ गुबरैला
बेम्बिडियन ब्राउनोरम गुबरैला छोटा भूरे रंग का होता है और यह पेंसिल के व्यास के बराबर की लंबाई में लगभग पांच मिलीमीटर के बराबर ...
चंबल में बढ़ रहा है पनचीरा का कुनबा
मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश की सीमाओं के बीच से बहती चम्बल नदी के आसपास करीब 950 किमी का है जिसमें सैकड़ों प्रजाति के पक्षी ...
ग्रेट बैकयार्ड पक्षियों के सर्वे में पाई गई 1,067 प्रजातियां: रिपोर्ट
जीबीबीसी के चार दिनों में, भारतीय पक्षी प्रेमियों ने 46,000 से अधिक जानकारी सूची और 1,067 पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया
कृषि भूमि अधिग्रहण के कारण ग्लोबल साउथ में जैव विविधता को भारी खतरा: अध्ययन
अध्ययन में भूमि अधिग्रहण से संबंधित निवेश पर चार अलग-अलग क्षेत्रों को देखा गया, उप-सहारा अफ्रीका और एशिया में इस प्रकार के निवेश तेजी से ...
यूरोपीय संघ ने दुनिया भर से मेंढकों की विलुप्ति का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ा
1970 से 1980 के दशक में, भारत और बांग्लादेश यूरोप में मेंढकों की टांगों के शीर्ष आपूर्तिकर्ता थे, लेकिन जब उनकी जंगली मेंढकों की ...
भारत किस तरह हासिल कर सकता है जैव विविधता संरक्षण के लक्ष्य, वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
भारत के सबसे अहम संरक्षण वाले क्षेत्रों में से केवल 15 फीसदी संरक्षित क्षेत्र के तहत कवर किए गए हैं
थाईलैंड में नई इलेक्ट्रिक ब्लू टारेंटयुला प्रजाति की खोज हुई
टारेंटयुला के चमकीले नीले रंग के पीछे का रहस्य नीले रंगद्रव्य की उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनके बालों की अनूठी संरचना में है, जिसमें ...
फसल की पैदावार बनाए रखने के लिए मधुमक्खियों की कितनी और प्रजातियों की जरूरत होगी?
मधुमक्खी आबादी की विविधता फसल परागण को बनाए रखने के लिए जरूरी है, जो हम लोगों की खाद्य आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
किन कार्यों से जैव विविधता को कितना हो सकता है खतरा, वैज्ञानिकों ने किया आकलन
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 'शेयर बाजार' के माध्यम से सभी प्रजातियों के मूल्य को औपचारिक रूप देने का प्रस्ताव पेश किया है, जिसे जैव ...
प्रकृति के असल रक्षक हैं वनवासी : वैश्विक रिपोर्ट
अंतर सरकारी विज्ञान नीति मंच (आईपीबीईएस) ने अपनी वैश्विक रिपोर्ट में कहा है कि देशज और स्थानीय समुदाय के ज्ञान को अब तक वैश्विक ...
विलुप्त हो रहे हैं मैकाक बंदर, अपेक्षा से 80 फीसदी कम पाई गई आबादी
भारत, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, बर्मा, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड में ये बंदर पाए जाते हैं
बिजली की लाइनों से ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को बचाने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्देश
समिति को अपना कार्य पूरा करने और 31 जुलाई, 2024 या उससे पहले केंद्र सरकार के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपने ...
जग बीती: कौन करेगा विलुप्ति की फिक्र
भीमबेटका में मिले करोड़ों साल पुराने डिकिंसोनिया जीवाश्म
यहाँ लगातार हो रहे शोधों के बावजूद इस दुर्लभ जीवाश्म से अब तक परदा नहीं उठ सका था
जारी है जैव विविधता में गिरावट
जैव विविधता में हो रहा क्षय मानव गतिविधियों का मिला-जुला परिणाम है
साहित्य में पर्यावरण: सौंदर्य से महासंकट तक
साहित्य की प्रकृति और पर्यावरण के साथ जुड़ाव की परम्परा आधुनिक काल में छायावाद के कवियों में एक लम्बे अन्तराल के बाद प्रकट होती ...
जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही हैं पौधों की प्रजातियां!
पत्रिका 'करंट बायोलॉजी' में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि खासकर ठंडे इलाकों में पौधों की नई प्रजातियां मिल सकती हैं
झारखंड में मिली बिल खोदने वाले मेंढक की प्रजाति
यह स्पैरोथेका वंश की मेंढक प्रजाति है, जिसे पूर्वी भारत में (नेपाल की दो प्रजातियों को छोड़कर) पाया गया है।
ये हैं चित्रकूट के दशरथ मांझी
ये हैं भैयाराम यादव, जिन्होंने मृत जमीन को जिंदा कर 40 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगा उन्हें वन क्षेत्र में तब्दील कर दिया है
दुनिया भर में विलुप्त हो रही नई प्रजातियों को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी : विशेषज्ञ
आने वाले दशकों में आगे की प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। इसलिए, विलुप्त होने के खतरे को कम करना बहुत जरूरी है