बेलारूस मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ दो मानवाधिकार संगठनों को मिला नोबेल शांति पुरस्कार
बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ रूस के मानवाधिकार संगठन ‘मेमोरियल’ और यूक्रेन के ‘सिविल लिबर्टीज’ को मिला नोबल शांति पुरस्कार
अगले 38 वर्षों में 44 फीसदी बढ़ जाएगी रेत की वैश्विक मांग, जानिए भारत को कितनी होगी जरुरत
शोधकर्ताओं के मुताबिक बढ़ते शहरीकरण के चलते भारत की रेत संबंधी मांग 2060 तक 294 फीसदी बढ़ जाएगी
महिलाओं के भूमि अधिकारों का अधूरा अध्याय
खेती-बाड़ी के अधिकांश काम करने के बावज़ूद महिलाओं को भी 'किसान' होने का वैधानिक अहसास, आख़िर कब और किसकी बदौलत होगा?
जानिए चमोली त्रासदी के बाद क्यों जरूरी है हिमालय की चेतावनी का पाठ पढ़ना
नाजुक हिमालय में 33 हजार वर्ग किलोमीटर हिस्सा हिमनद (ग्लेशियर) है। ध्रुव क्षेत्रों के बाहर ग्लेशियर के रूप में पानी का बड़ी मात्रा में ...
भारत क्यों है गरीब-11: मेवात के 47 फीसदी क्षेत्र में नहीं है सिंचाई की व्यवस्था
मेवात जिले में गरीबी की बड़ी वजह यह है कि यहां खेतों की सिंचाई के लिए व्यापक व्यवस्था नहीं है
“नया भारत” कितना नया?
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाना गौरव की बात है लेकिन “नया भारत” बनाना लिखित संबोधन से कहीं बढ़कर है
शोधकर्ताओं ने दुनिया के भूमि आवरण का बनाया नक्शा, भूमि उपयोग तथा प्रबंधन में मिलेगी मदद
शोध के मुताबिक, एचवाईबीएमएपी एक सुसंगत और विश्वसनीय वैश्विक भूमि आवरण प्रदान करता है, जो पर्यावरण निगरानी, नीति-निर्माण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित शोधों ...
विश्व हिंदी दिवस 2024: हम इसे क्यों मनाते हैं? जानिए तिथि, इतिहास और महत्व
मंदारिन, चीनी और अंग्रेजी के साथ हिंदी दुनिया भर में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस आज, सभी के लिए स्वास्थ्य के बिना कोई सम्मान, स्वतंत्रता और न्याय नहीं हो सकता
10 दिसंबर 2023 को मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
2030 तक खत्म होने की बजाय दोगुनी हो जाएगी गरीबी
गरीबी उप सहारा अफ्रीका और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी पैठ बना चुकी है
जल, ऊर्जा और भूमि को वैश्वीकरण ने पहुंचाया नुकसान: अध्ययन
जो देश व्यापार पर अत्यधिक निर्भर हैं, उनके संसाधन उतने ही अधिक खतरे में हैं
क्या भारत ने आय की गरीबी को मापना बंद कर दिया है?
जब भारत ने 10 साल से अधिक समय से गरीबी का आकलन ही नहीं किया है, तब वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में किस ...
भारत में 15 वर्षों के दौरान 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले
संयुक्त राष्ट्र के बहुआयामी गरीबी सूचकांक नवीनतम अपडेट के अनुसार 2021 में 23 करोड़ भारतीय अभी गरीबी की चपेट में हैं
वैश्विक विकास की धुरी को गति देने के लिए ‘बुजुर्ग देशों’ की जरूरतों और प्रवासियों के कौशल का मिलान जरूरी: वर्ल्ड बैंक
वैश्विक स्तर पर आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी बढ़ रही है, जिससे श्रमिकों और प्रतिभाओं के लिए वैश्विक खींचतान तेज हो रही है
दूर हुआ गरीबी से मुक्त दुनिया का लक्ष्य
बच्चों की गरीबी खत्म करना दरअसल भयंकर गरीबी से मुक्त दुनिया बनाने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है
क्या है डीप ओसियन मिशन का महत्व, सरकार ने दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4,077 करोड़ रुपए के 'डीप ओसियन मिशन' को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य महासागरीय संसाधनों का शाश्वत उपयोग करना है
भारत क्यों है गरीब-1: गरीबी दूर करने के अपने लक्ष्य से पिछड़ रहे हैं 22 राज्य
भारत में गरीबी गहराई से जड़ें जमा चुकी है। कुछ राज्यों को छोड़ दें तो ज्यादातर राज्य गरीबी दूर करने के लक्ष्य से दूर ...
लाहौल स्पीति: बिना एफआरए अनुमति के सरकारी इंजीनियर ने बना डाली अवैध सड़क
एनजीटी की समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गेचा से हेलीपैड तक करीब 2.84 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए जिला वन अधिकारी से ...
मानसून सत्र: जानिए पर्यावरण से जुड़े कौन-कौन से विधेयक संसद के इस सत्र में हो सकते हैं पेश
संसद के इस सत्र में पेश होने वाला भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, अंटार्कटिक में पर्यावरण की रक्षा करने के साथ-साथ इस क्षेत्र में गतिविधियों को ...
नंदलाल बोस की कृति से कितना अलग है मोदी का अशोक स्तंभ?
विद्वानों का मानना है कि ससंद भवन की नई इमारत के शीर्ष पर लगी धातु की मूर्ति उस मूल कृति से अलग है जिसे ...
माल्थस को छोड़िए: जनसंख्या- वृद्धि का सकारात्मक पक्ष देखिए
अगर सामुदायिक संपत्ति के अधिकार को सही ढंग से परिभाषित किया जाए तो बढ़ती आबादी, बेहतर तरीके से उसका प्रबंधन कर सकती है - ...
जरुरत से कहीं ज्यादा तेजी से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं देश
पिछले 30 वर्षों में कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसने पर्यावरण को संकट में डाले बिना अपने नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा ...
दो पत्रकारों को मिला 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार
उन्हें यह पुरस्कार अपने-अपने देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए किए प्रयासों को देखते हुए दिया गया है
मजा से सजा: अब लॉकडाउन लुभाता नहीं, डराता है
कोविड-19 महामारी के कारण जब स्कूल बंद हुए तो बच्चों के लिए यह स्कूलों से ‘मुक्ति’ की तरह था लेकिन अब वे इस ‘मुक्ति’ ...
मजा से सजा - पढ़ाई पर पड़ा बुरा असर