जानिए एनजीटी ने शाहदरा में पार्कों के रखरखाव के लिए क्या कुछ दिए निर्देश
कोर्ट ने कहा बोरवेलों को बहाल करने और भूजल निकासी की अनुमति देने से संबंधित निर्णय जिला मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र में आते हैं
साल 2022 में अपने पांचवें जन्मदिन से पहले ही मौत के मुंह में समा गए 49 लाख बच्चे
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पांचवें जन्मदिन से पहले मरने वाले बच्चों की संख्या घट रही है
प्रदूषण से भरा शहरी वातावरण बच्चों के विकास पर डाल रहा है बुरा असर: अध्ययन
अध्ययन में बचपन में बच्चों के विकास पर असर डालने वाले पर्यावरणीय खतरे के प्रमुख पहलुओं को बताया गया है, जैसे कि वायु एवं ...
पार्किंग के नाम पर पार्कों को नहीं किया जा सकता कम: एनजीटी
पंजाब में पार्कों और हरित क्षेत्रों पर पार्किंग और कंक्रीट बिछाने के नाम पर किए जा रहे अतिक्रमण के मामले को गंभीरता से लेते ...
24 जनवरी को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस? यहां जानें इतिहास और महत्व
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की 2023 जेंडर गैप रिपोर्ट के अनुसार, लिंग समानता के मामले में भारत 146 देशों में से 127वें स्थान पर ...
चिंताजनक: दुनिया भर में अहम जैव विविधता वाली 80 फीसदी जगहों पर मानव विकास जारी
जैव विविधता वाले अहम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से संबंधित कई चीजें जुडी हुई है, जिनमें सबसे आम सड़कें 75 फीसदी, बिजली की लाइनें ...
दिल्ली में अंधाधुंध शहरीकरण की वजह से घट गए जलस्रोत
अध्ययन में पाया गया कि दिल्ली में कंक्रीट के जंगल बढ़ रहे हैं, जिससे पानी की रिचार्ज क्षमता कम होती जा रही है
मनरेगा: गांवों को खेतों से जोड़ने के लिए बनाए पक्के रास्ते
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने गांव को शहरों से जोड़ा तो राजस्थान में मनरेगा ने ग्रेवल रोड (मिट्टी, कठोर मिट्टी और गिट्टी) के माध्यम ...
उत्तराखंड: केंद्र ने मनरेगा को खेती से जोड़ने का प्रस्ताव लौटाया
कोविड-19 की वजह से उत्तराखंड लौटे लोगों को बंजर खेतों में काम करने पर मनरेगा की मजदूरी देने का प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ पाया
मनरेगा: नए ग्रामीण भारत की रीढ़
तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद मनरेगा की सार्थकता उसके शुरू होने के चौदह साल बाद भी बरकरार है
कैसे होगा सतत विकास का लक्ष्य हासिल जब हर दिन हो रही है 6,575 नवजातों की मौत
2020 के दौरान दुनिया भर में करीब 50 लाख बच्चे अपना पांचवा जन्मदिन नहीं देख पाए थे, जिनमें 24 लाख नवजात भी शामिल थे
संसद में आज: मनरेगा के लिए 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि आवंटित
मनरेगा के तहत चालू वित्त वर्ष 2021-22 में पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट की तुलना में धन आवंटन 18 फीसदी से अधिक बढ़ा
टीबी को खत्म करने की नई योजना पर बनी वैश्विक सहमति, 2021 में गई थी 16 लाख जानें
इस योजना के तहत तपेदिक की रोकथाम व देखभाल सेवाओं को 90 फीसदी लोगों तक पहुंचाने की बात कही गई है। साथ ही टीबी ...
मानव गतिविधियों के चलते मुश्किल में महासागर और इसके निवासी : संयुक्त राष्ट्र
हर साल 80 प्रतिशत तक कूड़ा नदियों से बहकर समुद्र में पहुंच रहा है, जो कि लगभग 11.5 से 21.4 लाख टन है। 1,400 ...
भूस्खलन के खतरे तथा कटाव को नियंत्रित करने के लिए देशी पेड़ लगाएं: शोधकर्ता
शोध के अनुसार, स्टील की जाली या स्प्रेड कंक्रीट जैसे कृत्रिम तरीकों की तुलना में पौधे ढलान की मजबूती के लिए एक स्थायी, प्राकृतिक ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-9: कमियों के बावजूद संपूर्ण योजना
मनरेगा की उत्पत्ति उन आपदाओं के मद्देनजर हुई थी जो जमीन या कृषि के कार्य से जुड़ी हुई थी
कॉप-28: 50 डिग्री से अधिक गर्मी में रहने वाली दुनिया के लिए ठंडा करने के बुनियादी ढांचे अहम: रिपोर्ट
दुनिया भर में सरकारों को यह पहचानना चाहिए कि ठंडा करना या शीतलन एक महत्वपूर्ण सेवा है और इसे प्रदान करने वाले बुनियादी ढांचे ...
जलवायु परिवर्तन का दंश झेल रहे मछुआरे, एक दशक में 14 करोड़ डॉलर का नुकसान
वैश्विक जलीय कृषि उत्पादन का 91 फीसदी से अधिक वर्तमान में एशिया में उत्पादित किया जाता है, जिसमें बांग्लादेश चीन, इंडोनेशिया, भारत और वियतनाम ...
आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: शिमला और मनाली की तबाही के लिए दोषी कौन?
नाजुक हिमालय में बसे खूबसूरत शहर शिमला व मनाली इस मॉनसून में त्रासदी की भेंट चढ़ गए। आपदा के सवालों का जवाब खोजती रिपोर्ट
आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: क्या जोशीमठ के 'सबक' आ सकते हैं काम?
पहले जोशीमठ, फिर शिमला, कुल्लू, नैनीताल में ढहते भवनों ने इस साल हिमालयी राज्यों में बसे हिल स्टेशनों की कैरिंग कैपेसिटी (वहनीय क्षमता) पर ...
लोगों की सुरक्षा की कीमत पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना कितना सही, क्या कहता है उच्च न्यायालय
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि आवारा कुत्तों को खिलाने का इरादा नेक है, लेकिन इससे आम लोगों को ...
किसानों से जुड़े उद्यमों की क्षमता को बढ़ाकर खाद्य प्रणाली विकसित करने में सक्षम है भारत : अध्ययन
डब्ल्यूईएफ की एक नई रिपोर्ट में कहा गया कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जो छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों की ...
पानी और स्वच्छता जैसे अहम मुद्दे के लिए 75 फीसदी देशों के पास नहीं है पर्याप्त धन
2030 तक केवल एक-चौथाई देश ही साफ-सफाई के लिए तय लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे। वहीं 55 फीसदी देश दशक के अंत तक साफ ...
इलेक्ट्रॉनिक कचरा: इस साल फेंक दिए जाएंगें 530 करोड़ मोबाइल फोन
इन सभी मोबाइल फोनों को यदि एक के ऊपर एक रख दिया जाए तो इनकी कुल ऊंचाई करीब 50 हजार किलोमीटर होगी जोकि इंटरनेशनल ...
जलवायु परिवर्तन एवं विकास के समय में कार्बन न्याय होना बहुत जरूरी
एक गरीब व्यक्ति कार्बन का लगभग गैर-उत्सर्जक या न्यूनतम उत्सर्जक है, परन्तु वह जलवायु परिवर्तन से अत्याधिक त्रस्त है