जलवायु परिवर्तन एवं विकास के समय में कार्बन न्याय होना बहुत जरूरी
एक गरीब व्यक्ति कार्बन का लगभग गैर-उत्सर्जक या न्यूनतम उत्सर्जक है, परन्तु वह जलवायु परिवर्तन से अत्याधिक त्रस्त है
ग्रामीण संकट: फिर से बढ़ने लगी मनरेगा में काम मांगने वालों की तादाद
पिछले कुछ महीनों से आर्थिक गतिविधियों पर कोविड-19 की वजह से पाबंदियां घटने के बावजूद इस योजना में काम की मांग बढ़ी
पर्यावरण मंजूरी लिए बिना ही हो गया अंधेरी ईस्ट में सागबाग स्नेहसागर हाउसिंग सोसाइटी का निर्माण
समिति की रिपोर्ट के अनुसार न्यू मोनार्क बिल्डर्स ने परियोजना के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्थापना और संचालन के लिए सहमति हासिल ...
दिल्ली हाईकोर्ट ने गंगा के मैदानी भागों में बासमती धान की पैदावार पर लगी रोक हटाई
मध्य प्रदेश सरकार को दस वर्षों की मशक्कत के बाद बासमती धान पर जीआई टैग हासिल करने का रास्ता खुल गया है।
जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक 20 करोड़ लोगों को छोड़ना पड़ सकता है घर
जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाला पलायन और विस्थापन भविष्य में और प्रबल होगा
भारत में बालिग होने से पहले की जा रही है पांच में से एक लड़की की शादी: लैंसेट
अध्ययन में कहा गया है कि एसडीजी लक्ष्य को पूरा करने के लिए बाल विवाह के बढ़ते मामलों में कमी की वार्षिक दर 1.9 ...
शोधकर्ताओं ने बनाया ऐसा सेंसर, जो पानी के प्रदूषित होते ही देगा चेतावनी
आईआईटी, दिल्ली के शोधकर्ताओं ने पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक सेंसर विकसित किया है जो पानी के प्रदूषित होते ही चेतावनी ...
सुरक्षित नहीं सड़कें, हर घंटे हो रहे 53 हादसे, साल 2022 में 168,491 लोगों की गई जान
रिपोर्ट में जो आंकड़े साझा किए गए हैं वो देश में रफ्तार के बढ़ते कहर की भयावह तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। 2022 के दौरान ...
बेमौसमी बढ़ती गर्मी से फसलों को बचा सकता है बायोचार, वैज्ञानिकों ने बताया तरीका
बायोचार लगभग एक स्पंज की तरह काम करता है और फसल की पैदावार को बनाए रखते हुए मिट्टी को पानी और पोषक तत्वों को ...
क्यों मनाया जाता है आज, भोजन की हानि और बर्बादी को रोकने का जागरूकता दिवस
भोजन के नुकसान और कचरे से संबंधित कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन (जीएचजी) का 8 से 10 प्रतिशत है
जलवायु परिवर्तन के चलते विस्थापित बच्चों के संरक्षण के लिये संयुक्त राष्ट्र ने जारी किए नए दिशा-निर्देश
संयुक्त राष्ट्र द्वारा इन मार्गदर्शक सिद्धांतों को जलवायु परिवर्तन से प्रभावित बच्चों के अधिकारों की रक्षा और कल्याण के लिए विकसित किया गया है
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-5: छत्तीसगढ़, कागजों पर गुलाबी आंकड़ें
कोरोना की पहली लहर के दौरान मनरेगा ने ग्रामीणों को बड़ा सहारा दिया, लेकिन दूसरी लहर में ऐसा नहीं हुआ
मनरेगा मजदूरों का 1200 करोड़ रुपया फंसा, काम के बाद भी भुगतान रद्द
मनरेगा में मजदूरी करने के बाद भी आधार या बैंक खाते की जानकारी सही न होने के कारण भुगतान रद्द हो जाता है
राजस्थान में लॉकडाउन के दौरान मनरेगा में जल संपत्तियों का निर्माण अधिक
मनरेगा के तहत सबसे अधिक जल संपत्तियों का निर्माण हो रहा है, इसके दीर्घकालिक परिणाम देखने को मिलेंगे
औषधीय पौधों के बेतहाशा उपयोग का बुरा असर, कम हुआ सांस्कृतिक महत्व और उपलब्धता
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों का उपयोग काफी बढ़ गया है
भारत में कमजोर तबके की 60 फीसदी आबादी पर मंडरा रहा है आपदाओं का खतरा
भारत में रहने वाले सबसे कमजोर तबके की 60 फीसदी आबादी पर बीमारी, प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा मंडरा रहा है, ...
सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति या संरचना के निर्माण की अनुमति नहीं दे सकती नगरपालिकाएं: उच्च न्यायालय
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
एसओई 2021: गरीबी दूर करने के लक्ष्य से जुड़े मनरेगा
अति गरीब आबादी वाले राज्यों में मनरेगा की भूमिका अहम है, जहां इसका दायरा बढ़ाने की जरूरत है
मनरेगा ने बदली सूरत
मनरेगा में काम की मांग इससे पहले कभी इतनी नहीं रही, जितनी कोरोना वायरस आपदा के दौरान रही है
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-3: 100 दिन के रोजगार का सच
कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के लिए मनरेगा योजना कितना कारगर साबित हो रही है, डाउन टू अर्थ की खास रिपोर्ट-
खाने में नमक कम करने से 2030 तक 70 लाख लोगों की जान बच सकती है: डब्ल्यूएचओ
रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया 2025 तक नमक के सेवन को 30 फीसदी तक कम करने के अपने वैश्विक लक्ष्य को हासिल ...
जलवायु में बदलाव के कारण तिब्बती पठार की झीलें 2100 तक 50 फीसदी तक बढ़ जाएंगी: शोध
झील के सतही क्षेत्र में वृद्धि से खेती, आवास, सड़कें और रेल नेटवर्क के लिए जमीन नहीं बचेगी
पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित नहीं सड़कें, हर दिन सड़क हादसों में जा रही 750 जानें
दुनिया में 80 फीसदी सड़कें पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। वहीं महज 0.2 फीसदी सड़कों पर साइकिल लेन मौजूद है
हर साल वातावरण में प्रवेश कर रही 200 करोड़ टन धूल और रेत, चौथाई के लिए जिम्मेवार इंसानी गतिविधियां
यूएनसीसीडी के अनुसार इन रेत और धूल भरी आंधियों के चलते हर साल करीब 10 लाख वर्ग किलोमीटर उपजाऊ जमीन की बलि चढ़ रही ...
सर्दी के इस मौसम में बाढ़ की भयावहता को बढ़ा सकता है शक्तिशाली अल नीनो: नासा
जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन में तेजी आएगी, कुछ शहरों में पांच से 10 गुना अधिक बार बाढ़ आएगी